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सीमेंट विवाद का नहीं निकला कोई हल, ट्रक ऑपरटेर और अडानी समूह मालभाड़े पर अड़े - Adani officials and truck operators

हिमाचल में चल रहे सीमेंट विवाद के बीच मंगलवार को शिमला में सरकार ने ट्रक ऑपरेटर्स और अडानी समूह के अधिकारियों को बैठक के लिए बुलाया था. लेकिन ये बैठक भी बेनतीजा रही है. आखिर क्यों कोई हल नहीं निकला ? जानने के लिए पढ़ें पूरी ख़बर (Cement Plant issue in Himachal) (cement plant crisis in Himachal) (Adani officials and truck operators)

HP govt meeting with Adani officials and truck operators
HP govt meeting with Adani officials and truck operators
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Published : Feb 14, 2023, 8:27 PM IST

Updated : Feb 15, 2023, 6:07 AM IST

सीमेंट विवाद का नहीं निकला कोई हल

शिमला: बीते करीब 2 महीने से बंद पड़ी अडानी की सीमेंट फैक्ट्रियों को लेकर मंगलवार की बैठक में भी कोई हल नहीं निकल पाया. सोमवार को सरकार ने अडानी समूह के अधिकारियों के साथ-साथ ट्रक ऑपरेटर्स को भी बुलाया था. लेकिन बैठक में अडानी समूह और ट्रक ऑपरेटर मालभाड़े पर अड़ गए हैं. ट्रक ऑपरेटरों ने आंदोलन के लिए नई रणनीति बनाने का ऐलान किया है.
सरकार ने ट्रक ऑपरेटरों और अडानी समूह के उच्च अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं. पहले अडानी समूह के अधिकारियों की उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें कंपनी की ओर से मालभाड़ा तय करने को लेकर चर्चा की गई. इसके बाद कंपनी की ओर से तय किए गए भाड़े को ट्रक ऑपरेटरों के समक्ष हर्षवर्धन चौहान की ओर से रखा गया. लेकिन ट्रक ऑपरेटर इस भाड़े को लेकर कोई सहमति नहीं दिखाई.
ट्रक ऑपरेटरों ने 10.70 रुपए भाड़ा किया था तय- एक ओर जहां ट्रक ऑपेरटरों ने 10.70 रुपए भाड़ा तय किया था. यह भाड़ा पहले के तय बरमाणा के 11.41 रुपए की तुलना में कम था. दालड़ाघाट का भाड़ा इससे पहले 10.58 रुपए था. ट्रक ऑपरेटर अल्ट्राटेक कंपनी की तर्ज पर नए भाड़े 10.70 रुपए प्रति टन प्रति किलोमीटर के हिसाब से तय करने को लेकर सहमत हुए थे. लेकिन अडानी समूह के अधिकारियों की ओर से सिंगल एक्सेल ट्रक का भाड़ा 10 रुपए और मल्टी एक्सेल ट्रकों का भाड़ा 8.50 रुपए रखा गया. जिसपर ट्रक ऑपरेटर तैयार नहीं दिखे.

ट्रक ऑपरेटरों की मानें तो फार्मूले के तहत कंपनी ने सोमवार को ढुलाई की दरें 9 रुपए और 10 रुपए प्रति किलोमीटर तय की थी. लेकिन कंपनी ने मंगलवार को हुई बैठक में घटाकर इसे 8.50 रुपए और 10 रुपए किया. इसको लेकर ट्रक ऑपरेटर तैयार नहीं हैं. ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि जब अल्ट्राटेक कंपनी ट्रक भाड़ा 10.46 रुपए से 10.70 रुपए कर रही है तो अडानी को भी कम से कम यह भाड़ा देना चाहिए. हालांकि उनका कहना है कि ट्रक ऑपरेटरों का फार्मूले के हिसाब से भाड़ा 12.04 रुपए बनता है लेकिन अडानी 10.70 रुपए भाड़ा देने को तैयार नहीं है. अडानी समूह के अधिकारी पिछले कल तय भाड़े से भी पीछे हट गए.

ट्रक ऑपरेटरों ने अडानी समूह के रवैये को निराशाजनक बताया- वार्ता विफल होने के बाद ट्रक ऑपरेटरों ने अपने आंदोलन को जारी रखने और इसकी नए सिरे से रणनीति बनाने का ऐलान किया है. बाघल लैंड लूजर परिवहन सहकारी सभा के पूर्व प्रधान राम कृष्ण शर्मा ने कहा कि अडानी समूह का रवैया निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि एक दिन पहले अडानी समूह ने जो भाड़ा तय किया था उससे भी कम भाड़े का ऑफर मंगलवार को दिया गया है जो कि कंपनी के मनमाने रवैये को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि लोगों ने सीमेंट फैक्ट्रियों के लिए अपनी कीमतीं जमीनें दी हैं. तब जो एग्रीमेंट किया गया है और भाड़े को लेकर जो फार्मूला तय किया गया है, अडानी समूह उसको मानने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि अडानी समूह हिमाचल के लोगों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रहा है. उन्होंने कहा कि अब ट्रक ऑपरेटर नए सिरे से रणनीति बनाएंगे और इसमें अन्य वर्गों को भी शामिल किया जाएगा.

उधर सरकार अभी भी इस विवाद का हल होने की उम्मीद लगाए हुए हैं. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि यह दोनों पक्षों के बीच का मामला है. सरकार दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास करेगी. उद्योग मंत्री ने कहा कि यह मामला राजनीतिक भी नहीं है. भाजपा के विधायक भी मामले को सुलझाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इस बारे में चिंतित है और इस विवाद का जल्द हल करने का प्रयास कर रही है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में Jio की 5G Service का शुभारंभ, जानें पहले चरण में किन क्षेत्रों में शुरू होगी सेवा

सीमेंट विवाद का नहीं निकला कोई हल

शिमला: बीते करीब 2 महीने से बंद पड़ी अडानी की सीमेंट फैक्ट्रियों को लेकर मंगलवार की बैठक में भी कोई हल नहीं निकल पाया. सोमवार को सरकार ने अडानी समूह के अधिकारियों के साथ-साथ ट्रक ऑपरेटर्स को भी बुलाया था. लेकिन बैठक में अडानी समूह और ट्रक ऑपरेटर मालभाड़े पर अड़ गए हैं. ट्रक ऑपरेटरों ने आंदोलन के लिए नई रणनीति बनाने का ऐलान किया है.
सरकार ने ट्रक ऑपरेटरों और अडानी समूह के उच्च अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं. पहले अडानी समूह के अधिकारियों की उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें कंपनी की ओर से मालभाड़ा तय करने को लेकर चर्चा की गई. इसके बाद कंपनी की ओर से तय किए गए भाड़े को ट्रक ऑपरेटरों के समक्ष हर्षवर्धन चौहान की ओर से रखा गया. लेकिन ट्रक ऑपरेटर इस भाड़े को लेकर कोई सहमति नहीं दिखाई.
ट्रक ऑपरेटरों ने 10.70 रुपए भाड़ा किया था तय- एक ओर जहां ट्रक ऑपेरटरों ने 10.70 रुपए भाड़ा तय किया था. यह भाड़ा पहले के तय बरमाणा के 11.41 रुपए की तुलना में कम था. दालड़ाघाट का भाड़ा इससे पहले 10.58 रुपए था. ट्रक ऑपरेटर अल्ट्राटेक कंपनी की तर्ज पर नए भाड़े 10.70 रुपए प्रति टन प्रति किलोमीटर के हिसाब से तय करने को लेकर सहमत हुए थे. लेकिन अडानी समूह के अधिकारियों की ओर से सिंगल एक्सेल ट्रक का भाड़ा 10 रुपए और मल्टी एक्सेल ट्रकों का भाड़ा 8.50 रुपए रखा गया. जिसपर ट्रक ऑपरेटर तैयार नहीं दिखे.

ट्रक ऑपरेटरों की मानें तो फार्मूले के तहत कंपनी ने सोमवार को ढुलाई की दरें 9 रुपए और 10 रुपए प्रति किलोमीटर तय की थी. लेकिन कंपनी ने मंगलवार को हुई बैठक में घटाकर इसे 8.50 रुपए और 10 रुपए किया. इसको लेकर ट्रक ऑपरेटर तैयार नहीं हैं. ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि जब अल्ट्राटेक कंपनी ट्रक भाड़ा 10.46 रुपए से 10.70 रुपए कर रही है तो अडानी को भी कम से कम यह भाड़ा देना चाहिए. हालांकि उनका कहना है कि ट्रक ऑपरेटरों का फार्मूले के हिसाब से भाड़ा 12.04 रुपए बनता है लेकिन अडानी 10.70 रुपए भाड़ा देने को तैयार नहीं है. अडानी समूह के अधिकारी पिछले कल तय भाड़े से भी पीछे हट गए.

ट्रक ऑपरेटरों ने अडानी समूह के रवैये को निराशाजनक बताया- वार्ता विफल होने के बाद ट्रक ऑपरेटरों ने अपने आंदोलन को जारी रखने और इसकी नए सिरे से रणनीति बनाने का ऐलान किया है. बाघल लैंड लूजर परिवहन सहकारी सभा के पूर्व प्रधान राम कृष्ण शर्मा ने कहा कि अडानी समूह का रवैया निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि एक दिन पहले अडानी समूह ने जो भाड़ा तय किया था उससे भी कम भाड़े का ऑफर मंगलवार को दिया गया है जो कि कंपनी के मनमाने रवैये को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि लोगों ने सीमेंट फैक्ट्रियों के लिए अपनी कीमतीं जमीनें दी हैं. तब जो एग्रीमेंट किया गया है और भाड़े को लेकर जो फार्मूला तय किया गया है, अडानी समूह उसको मानने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि अडानी समूह हिमाचल के लोगों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रहा है. उन्होंने कहा कि अब ट्रक ऑपरेटर नए सिरे से रणनीति बनाएंगे और इसमें अन्य वर्गों को भी शामिल किया जाएगा.

उधर सरकार अभी भी इस विवाद का हल होने की उम्मीद लगाए हुए हैं. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि यह दोनों पक्षों के बीच का मामला है. सरकार दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास करेगी. उद्योग मंत्री ने कहा कि यह मामला राजनीतिक भी नहीं है. भाजपा के विधायक भी मामले को सुलझाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इस बारे में चिंतित है और इस विवाद का जल्द हल करने का प्रयास कर रही है.

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Last Updated : Feb 15, 2023, 6:07 AM IST
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