शिमला: प्रदेश में हाल ही में अटल टनल के उद्घाटन समारोह के बाद अचानक हुए कोरोना विस्फोट से हड़कंप मच गया है. पीएमओ तक कोरोना चेन बनने की आशंका से हिमाचल सरकार में भी खलबली मच गई है. बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी की कथित लापरवाही के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर होम आइसोलेट हुए. साथ ही उनके प्रधान निजी सचिव आरएन बत्रा कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
विपक्ष की आलोचना के बाद किरकिरी से बचने के लिए प्रदेश सरकार ने सफाई दी है. प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री के हवाले से कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे के लिए सभी प्रोटोकोल एसपीजी निर्धारित करती है. हिमाचल सरकार ने अटल टनल रोहतांग के शुभारंभ के लिए प्रधानमंत्री के लाहौल-स्पीति और कुल्लू जिलों के दौरे के दौरान प्रोटोकोल के सभी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया.
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि प्रोटोकोल के दिशा-निर्देशों के मुताबिक 48 घण्टों के भीतर उन लोगों का कोविड नेगेटिव परीक्षण करना आवश्यक है जो प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल हों. इसके अन्तर्गत कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों का कोविड टेस्ट किया गया. कोविड परीक्षण के परिणाम एसपीजी को साझा किए गए और स्वीकृति के बाद कोविड नेगेटिव लोगों को ही सभी स्थलों पर कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति दी गई.
जो लोग संक्रमित पाए गए उन्हें मानक संचालन प्रक्रिया के अन्तर्गत अलग किया गया. प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि बंजार के विधायक ने कोविड-19 के कोई भी प्रत्यक्ष लक्षण नहीं दिखाई दिए. इसके बावजूद संक्रमित पाए जाने के बाद उनको तुरन्त आइसोलेट किया गया. उन्होंने 3 अक्तूबर को किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं लिया और न ही किसी विशिष्ट व्यक्ति से भेंट की.
प्रवक्ता ने कहा कि बंजार के विधायक के कोविड परीक्षण के साथ-साथ सभी अन्य लोगों का भी परीक्षण किया गया जो इस समारोह में शामिल हुए. उनका टेस्ट नेगेटिव पाया गया और मुख्य समारोहों में शामिल होने की अनुमति प्रदान की गई.
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