शिमला: हिमाचल की जनता ने प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के रिवाज को कायम रखा. 68 विधानसभा सीटों में से 40 सीटों पर कांग्रेस को जनता ने जिताया है. वहीं, भाजपा जो कि रिवाज बदलने का दावा कर रही थी और मिशन रिपीट के लिए पूरी तरह आश्वस्त नजर आ रही थी, वह सिर्फ 25 सीटों पर ही सिमट कर रह गई. इस चुनाव में भाजपा के सभी कैबिनेट मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी. नतीजों में साफ देखा जा सकता है कि जयराम सरकार के मंत्रियों की हालत खराब रही. (8 ministers lost the Seat in hp election)
जयराम के 10 मंत्रियों में से सिर्फ 2 जीते: जयराम मंत्रिमंडल के 10 मंत्रियों में से केवल दो मंत्री ही अपनी लाज बचा पाए. जसवां परागपुर से परिवहन एंव उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर और पांवटा साहिब से ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ही अपनी प्रतिष्ठा को बचाने में कामयाब हुए. वहीं, 8 मंत्री ऐसे हैं जिनकी नतीजों में हालत बेहद खराब दिखी. (HP ELECTION RESULT 2022)
जसवां परागपुर से जीते बिक्रम सिंह: जयराम सरकार में परिवहन एंव उद्योग मंत्री रहे बिक्रम सिंह अपनी साख बचाने में कामयाब रहे. उन्हें 22658 वोट पड़े. उनका मुकाबला कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह मनकोटिया के साथ था. इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी को 20869 वोट पड़े. बता दें कि बिक्रम सिंह ठाकुर को राजनीति का लंबा अनुभव है. बिक्रम सिंह जयराम मंत्रिमंडल में हिमाचल प्रदेश के उद्योग, परिवहन, श्रम और रोजगार मंत्री रहे. 2017 में बिक्रम सिंह ने जसवां परागपुर से जीत हासिल की थी. वहीं, 2012 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के बिक्रम सिंह जीते थे.
पांवटा साहिब से सुखराम चौधरी ने दर्ज की जीत: पांवटा साहिब विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला रहा. इस सीट को पाने में सुखराम चौधरी कामयाब रहे . बता दें कि भाजपा के सुखराम चौधरी को 31008 वोट पड़े वहीं, कांग्रे प्रत्याशी किरनेश जंग को 22412 वोट पड़े. सुखराम चौधरी अच्छे मार्जन से जीत पाने में कामयाब रहे. बता दें कि इससे पहले भी 2017 और 2012 के चुनावों में बीजेपी के सुखराम चौधरी ने कांग्रेस के किरनेश जंग को मात दी थी.
ये मंत्री नहीं बचा पाए अपनी साख: हारने वाले मंत्रियों में कई दिग्गजों के नाम भी शामिल हैं. कसुम्पटी सीट से चुनाव लड़ रहे और हिमाचल की राजनीति का एक बड़ा चेहरा और सूबे की सियासत की बखूबी समझ रखने वाले सुरेश भारद्वाज भी हार गए. इसके अलावा मनाली सीट से शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, शाहपुर सीट से सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी, लाहौल स्पीति सीट से तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मारकंडा, कुटलैहड़ सीट से पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, कसौली सीट से स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल, फतेहपुर से वन मंत्री राकेश पठानिया और घुमारवीं सीट से खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग हार गए.
जीत कर भी हार गए सीएम जयराम: हिमाचल में हार और जीत के बीच का फासला बहुत ज्यादा का नहीं होता है, लेकिन सीएम जयराम ठाकुर ने इस बात को गलत साबित कर दिया. सीएम ने सराज विधानसभा क्षेत्र से भारी वोटों के साथ जीत दर्ज की है और इस तरह से उन्होंने वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सीएम ने लगातार छठी बार जीत दर्ज की है. हालांकि सीएम जयराम जीतकर भी हार गए. हिमाचल में भाजपा केवल 25 सीटों पर ही जीत पाई और कांग्रेस ने 40 सीटों पर कब्जा किया जबकि 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने बाजी मारी.
धरे रह गए बीजेपी के सूरमाओं के दावे: हिमाचल में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने पीएम मोदी से लेकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्रियों की फौज के साथ बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री को प्रचार के रण में उतारा था. बीजेपी ने कुल 40 स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारा और प्रचार के दौरान दो दिन हर विधानसभा सीट पर रैली, जनसभा या जन संपर्क अभियान चलाया. हर किसी ने प्रचार के दौरान हिमाचल में सरकार रिपीट करने का दावा किया लेकिन सारे दावे धरे के धरे रह गए.
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