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कॉरपोरेट टैक्स घटने से शिमला के होटलियर्स खुश, प्रदेश में बढ़ेगा पर्यटन कारोबार

टैक्स में कटौती से अब जहां 1 हजार की कीमत वाले होटल के कमरे पर कोई भी टैक्स नहीं लगेगा तो वहीं, 1 हजार से अधिक कीमत के होटलों के कमरों पर लगने वाले टैक्स की दरों में भी कटौती होने से मुनाफा पर्यटकों सहित होटल व्यवसायियों को होगा.

कॉर्पोरेट टैक्स घटने से शिमला के होटलियर्स खुश, प्रदेश में बढ़ेगा पर्यटन कारोबार
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Published : Sep 22, 2019, 10:11 AM IST

शिमला: सरकार की ओर से कॉरपोरेट टैक्स में की गई कटौती से शिमला के होटल व्यवसायी बेहद खुश हैं. कॉरपोरेट टैक्स में की गई कटौती पर उनका मानना है की इससे पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही घूमने आने वाले पर्यटकों को भी इसका लाभ मिलेगा.

सरकार के इस फैसले के बाद अब जहां पर्यटकों को एक हजार तक की कीमत वाले होटल पर 0% टैक्स लगेगा तो वहीं, प्रदेशवासियों को भी इसका लाभ मिलेगा. होटल व्यवसायियों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.

एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सूद का कहना है कि सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स और जीएसटी की दरों में जो कटौती की है उससे यह तय है कि मोदी सरकार इस बात पर फोकस कर रही है कि लोग लोकल डेस्टिनेशंस पर ज्यादा घूमे और विदेशों का रुख कम करें.

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यही वजह है कि कॉरपोरेट टैक्स, जीएसटी की दरों में कटौती कर जहां होटल व्यवसायियों को फायदा पहुंचाया जा रहा हैं वहीं, घूमने के शौकीन लोगों की जेबों का भी ध्यान सरकार की ओर से रखा गया है. उन्होंने बताया कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती ओर जीएसटी की दरों में कटौती बड़े पैमाने पर पर्वतीय राज्यों और इन क्षेत्रों की छोटी कंपनियों के लिए जो बड़े पैमाने पर पर्यटन संचालित है उनको लाभ देगी.

उन्होंने बताया कि अब जीएसटी की दरों में कटौती की गई है तो होटल के जिस कमरे की कीमत एक हजार है उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. वहीं, 1 हजार से 7500 तक के कमरे पर जो टैक्स 18 फीसदी लगता था अब वह 12 और इसी तरह 7501 से ऊपर के लिए भी टैक्स की जो दर 28 फीसदी थी अब वह घटकर 18 फीसदी कर दिया गया है.

इतना ही नहीं आउटडोर खान-पान पर भी जीएसटी की दर में कटौती की गई है. इसे भी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और भारतीय उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा.

शिमला: सरकार की ओर से कॉरपोरेट टैक्स में की गई कटौती से शिमला के होटल व्यवसायी बेहद खुश हैं. कॉरपोरेट टैक्स में की गई कटौती पर उनका मानना है की इससे पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही घूमने आने वाले पर्यटकों को भी इसका लाभ मिलेगा.

सरकार के इस फैसले के बाद अब जहां पर्यटकों को एक हजार तक की कीमत वाले होटल पर 0% टैक्स लगेगा तो वहीं, प्रदेशवासियों को भी इसका लाभ मिलेगा. होटल व्यवसायियों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.

एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सूद का कहना है कि सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स और जीएसटी की दरों में जो कटौती की है उससे यह तय है कि मोदी सरकार इस बात पर फोकस कर रही है कि लोग लोकल डेस्टिनेशंस पर ज्यादा घूमे और विदेशों का रुख कम करें.

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यही वजह है कि कॉरपोरेट टैक्स, जीएसटी की दरों में कटौती कर जहां होटल व्यवसायियों को फायदा पहुंचाया जा रहा हैं वहीं, घूमने के शौकीन लोगों की जेबों का भी ध्यान सरकार की ओर से रखा गया है. उन्होंने बताया कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती ओर जीएसटी की दरों में कटौती बड़े पैमाने पर पर्वतीय राज्यों और इन क्षेत्रों की छोटी कंपनियों के लिए जो बड़े पैमाने पर पर्यटन संचालित है उनको लाभ देगी.

उन्होंने बताया कि अब जीएसटी की दरों में कटौती की गई है तो होटल के जिस कमरे की कीमत एक हजार है उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. वहीं, 1 हजार से 7500 तक के कमरे पर जो टैक्स 18 फीसदी लगता था अब वह 12 और इसी तरह 7501 से ऊपर के लिए भी टैक्स की जो दर 28 फीसदी थी अब वह घटकर 18 फीसदी कर दिया गया है.

इतना ही नहीं आउटडोर खान-पान पर भी जीएसटी की दर में कटौती की गई है. इसे भी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और भारतीय उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा.

Intro:सरकार की ओर से कॉर्पोरेट टैक्स में की गई कटौती से शिमला के होटल व्यवसायी बेहद खुश हैं। कॉर्पोरेट टैक्स में की गई कटौती पर उनका मानना है की इससे पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा तो वही घूमने आने वाले पर्यटकों को भी इसका लाभ मिलेगा। टैक्स में कटौती से अब जहां 1 हजार की कीमत वाले होटल के कमरे पर कोई भी टैक्स नहीं लगेगा तो वहीं 1 हजार से अधिक कीमत के होटलों के कमरों पर लगने वाले टैक्स की दरों में भी कटौती होने से मुनाफा पर्यटकों सहित होटल व्यवसायियों को होगा। सरकार के इस फैसले के बाद अब जहां पर्यटकों को एक हजार तक की कीमत की होटल पर 0% टैक्स लगेगा तो वही वासियों को भी इसका लाभ मिलना तय है


Body:सरकार के इस फैसले का होटल व्यवसायियों ने स्वागत किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सूद का कहना है कि सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स और जीएसटी की दरों में जो कटौती की है उससे यह तय है कि मोदी सरकार इस बात पर फोकस कर रही है कि लोग लोकल डेस्टिनेशंस पर ज्यादा घूमे और विदेशों का रुख कम करें। यही वजह है कि कॉरपोरेट टैक्स, जीएसटी की दरों में कटौती कर जहां होटल व्यवसायियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है तो वही घूमने के शौकीन लोगों की जेबों का भी ध्यान सरकार की ओर से रखा गया है। उन्होंने बताया कि कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती ओर जीएसटी की दरों में कटौती बड़े पैमाने पर पर्वतीय राज्यों और इन क्षेत्रों की छोटी कंपनियों के लिए जो बड़े पैमाने पर पर्यटन संचालित है उनको लाभ देगी। कॉर्पोरेट कर में कटौती के बाद घरेलु कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स छूट/प्रोत्साहन के बिना अब 22 फीसदी होगा जबकि पहले प्रभावी कॉर्पोरेट टैक्स 30 फीसदी से भी ऊपर था और कुछ एक मामलों में 33 से 38 फीसदी अधिक था।


Conclusion:उन्होंने बताया कि अब जब जीएसटी की दरों में कटौती की गई है तो होटल के जिस कमरे की कीमत एक हजार है उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वहीं 1 हजार 1 से से 7500 तक के कमरे पर जो टैक्स 18 फ़ीसदी लगता था अब वह 12 और इसी तरह 7501 से ऊपर के लिए भी टैक्स की जो दर 28 फ़ीसदी थी अब वह घटकर 18 फ़ीसदी कर दिया गया है। इतना ही नहीं आउटडोर खान-पान पर भी जीएसटी की दर में कटौती की गई है इसे भी 18 फ़ीसदी से घटाकर 5 फ़ीसदी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और भारतीय उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। इस फैसले के लिए एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ ही वित्त राज्य मंत्री और कॉर्पस मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर, प्रधान सचिव पर्यटन संजय कुंडू का भी आभार जताया। उन्होंने पर्यटन और आतिथ्य उद्योग के हित की रक्षा के लिए हिमाचल की आवाज को उठाया और उस पर हम पैसा केंद्र सरकार ने लिया।
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