शिमलाः बागवानी क्षेत्र प्रदेश की आर्थिकी में एक प्रमुख भूमिका निभाता है तथा प्रदेश के विविध मौसम तथा भौगोलिक स्थितियों के कारण यहां विभिन्न प्रकार के फलों तथा सब्जियों की खेती की जाती है. प्रदेश में 35 किस्मों के विभिन्न फलों की खेती की जाती है.
बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर बागवानी के विकास को सुनिश्चित करने के लिए कार्य योजना तैयार करेगी. क्षेत्रों की कृषि से सम्बन्धित मौसम की स्थितियों ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेष योजनाएं तैयार करेंगे, जिसके लिए वे स्वयं खेतों में जाकर निरीक्षण करेंगे. इससे बागवानी अधिकारियों की योजना के तहत क्षेत्रों में पौधों का विकास भी सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बागवानी विभाग किसानों की मांगों तथा क्षेत्र के मौसम को ध्यान में रखते हुए नर्सरियां विकसित करेंगे.
बागवानी मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 1134 करोड़ रुपये की विश्व बैंक पोषित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना को लागू किया जा रहा है. परियोजना के तहत प्रदेश में सेब, नाशपाती तथा अखरोट के पौधे किसान समूहों में वितरित किए जाएंगे जबकि आम, लीची, अमरूद तथा नीम्बू प्रजाति के फलों के 14,406 पौधों को 28 सब-ट्रॉपिकल समूहों को बेचा गया है.
प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को भी बढ़ावा दिया जाएगा ताकि बागवानी फसलों का उपयोग सुनिश्चित किया जा सके. प्रदेश के विभिन्न स्थानों में 54 खरीद केन्द्र खोले जाएंगे, जोकि 21 नवम्बर, 2019 से 15 फरवरी 2019 तक क्रियाशील रहेंगे.
प्रदेश में पुष्प उत्पादन की सम्भावनाओं को देखते हुए प्रदेश में ग्रीन हाउस निर्मित किए जा रहे हैं. बागवानों को परामर्श दिया जा रहा है कि वे सिंचाई के लिए पर्याप्त जल सुनिश्चित करने के उपरान्त ही नए पौधें लगाए. प्रदेश सरकार द्वारा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैx कि वे किसानों द्वारा लगाए गए पौधों के बचने की दर से सम्बन्धित रिपोर्ट जमा करें.
बता दें राज्य सरकार ने बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देने तथा किसान समुदाय की सुविधा के लिए पुष्प क्रान्ति योजना, मुख्यमंत्री मधु विकास योजना, मुख्यमंत्री ग्रीन हाउस जीर्णोद्धार योजना आरम्भ की है. इसके अतिरिक्त किसानों को एन्टी हेलनेट की सुविधा भी दी जा रही है. प्रदेश में एशियन विकास बैंक द्वारा सब-ट्रॉपिकल फलों के विकास के लिए 1688 करोड़ रुपये की योजना तथा मशरूम के विकास के लिए 423 करोड़ रुपये की योजना को स्वीकृति दी गई है.
प्रदेश सरकार ने किसान समुदाय की सुविधा के लिए एम-किसान कार्यक्रम भी शुरू किया है जिसके तहत पंजीकृत किसानों की कृषि सम्बन्धी रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान किया जाएगा.