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Kufri Horse News: पर्यटन स्थल कुफरी में अधिकतम 217 घोड़े ही कर पाएंगे काम, वन विभाग ने जारी किए आदेश - forest department himachal

शिमला के पर्यटन स्थल कुफरी में अब अधिकतम 217 घोड़ों को ही काम पर लगाने को कहा गया है. ऐसे में घोड़ा संचालकों में हड़कंप मच गया है. पढ़ें क्या है पूरा मामला... (Kufri Horse News).

Kufri Horse News
पर्यटन स्थल कुफरी में अधिकतम 217 घोड़े ही कर पाएंगे काम
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 2, 2023, 6:58 PM IST

शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला के प्रख्यात पर्यटन स्थल कुफरी में अब घोड़ों की भीड़ आपको देखने को नहीं मिलेगी. यहां पर पर काम कर रहे मौजूदा घोड़ों की संख्या में करीब दो तिहाई कम हो जाएगी. इसकी वजह यह है कि वन विभाग ने एक नोटिस जारी किया है. जिसमें यहां पर अधिकतम 217 घोड़ों को ही काम पर लगाने को कहा गया है.

वन विभाग ने इस नोटिस के पीछे एनजीटी के आदेश को आधार बनाया है. जिसमें कुफरी में घोड़ों के चलते पर्यावरण को हो रहे नुकसान के कारण इनकी संख्या को कम करने को कहा गया है. वन विभाग के इस आदेश के बाद यहां काम कर रहे घोड़ा मालिकों की रोजी रोजी का संकट छाने के आसार बन गए हैं.

वन विभाग ने कुफरी में घोड़ों की संख्या सीमित करने के आदेश दिए हैं. वन विभाग की ओर से यहां काम कर रहे घोड़ा कारोबारियों से कहा गया है कि वे यहां मौजूदा घोड़ों की संख्या कम कर दें. इसके लिए वन विभाग ने एनजीटी के आदेश को आधार बनाया है.

ये भी पढ़ें- Kangra Murder: जमीन के विवाद के चलते भाई और भाभी की गोली मारकर हत्या, आरोपी ने लाइसेंसी बंदूक से दिया वारदात को अंजाम

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 25 मई और 12 जुलाई को आदेश जारी किए थे जिसमें यहां पर घोड़ों की संख्या कम करने को कहा गया था. दरअसल दिल्ली के एडवोकेट शेलेंद्र कुमार यादव ने एनजीटी में एक याचिका दायर की थी, जिसमें कुफरी में घोड़ों की गतिविधियों से पर्यावरण को हो रहे नुकसान की ओर ध्यान दिलाया गया था.

दलील दी गई थी कि यहां बड़ी संख्यां में घोड़ों की वजह से पर्यावरण और वनस्पति को नुकसान हो रहा है. यहां देवदार के पेड़ों के साथ साथ छोटे पौधे नष्ट रहे हैं. इस कारण यहां इससे पूरे क्षेत्र में पेड़ सूख रहे हैं. यहां पर घोड़ों की लीद और गंदगी भी चारों ओर पसरी हुई है. यही नहीं यहां से चायल की ओर जाने वाली सड़क को भी घोड़ा मालिकों ने जीसीबी लगाकार क्षतिग्रस्त किया है. इससे इस पूरे क्षेत्र का इकोलॉजिकल संतुलन बिगड़ा रहा है. एनजीटी ने इस याचिका का निपटारा करते हुए इसके लिए एक कमेटी गठित की थी.

कमेटी ने इस क्षेत्र का दौरा कर एनजीटी को अपनी रिपोर्ट दी थी जिसमें यहां पर अधिकतम 217 घोड़ों की संख्या निर्धारित करने की सिफारिश की थी, इसके आधार पर एनजीटी ने यह आदेश जारी किए और इसके आधार पर वन विभाग ने कुफरी में घोड़ों की संख्या को अधिकतम 217 रखने का नोटिस दिया है.

मौजूदा समय में यहां पर घोड़ों की संख्या करीब 1000 हैं. लेकिन वन विभाग के आदेशों के बाद इनकी संख्या को कम रखना होगा. इससे यहां पर काम कर रहे करीब आधा दर्जन पंचायतों के घोड़ा मालिकों की परेशानी बढ़ गई हैं जो कि अपनी आजीविका के लिए घोड़ों से होने वाली कमाई पर निर्भर हैं.

ये भी पढ़ें- 'शिक्षा मंत्री जी ध्यान दो': चंबा के इस स्कूल में 126 बच्चे कर रहे हैं पढ़ाई, 2 टीचर थे उनका भी तबादला हो गया

शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला के प्रख्यात पर्यटन स्थल कुफरी में अब घोड़ों की भीड़ आपको देखने को नहीं मिलेगी. यहां पर पर काम कर रहे मौजूदा घोड़ों की संख्या में करीब दो तिहाई कम हो जाएगी. इसकी वजह यह है कि वन विभाग ने एक नोटिस जारी किया है. जिसमें यहां पर अधिकतम 217 घोड़ों को ही काम पर लगाने को कहा गया है.

वन विभाग ने इस नोटिस के पीछे एनजीटी के आदेश को आधार बनाया है. जिसमें कुफरी में घोड़ों के चलते पर्यावरण को हो रहे नुकसान के कारण इनकी संख्या को कम करने को कहा गया है. वन विभाग के इस आदेश के बाद यहां काम कर रहे घोड़ा मालिकों की रोजी रोजी का संकट छाने के आसार बन गए हैं.

वन विभाग ने कुफरी में घोड़ों की संख्या सीमित करने के आदेश दिए हैं. वन विभाग की ओर से यहां काम कर रहे घोड़ा कारोबारियों से कहा गया है कि वे यहां मौजूदा घोड़ों की संख्या कम कर दें. इसके लिए वन विभाग ने एनजीटी के आदेश को आधार बनाया है.

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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 25 मई और 12 जुलाई को आदेश जारी किए थे जिसमें यहां पर घोड़ों की संख्या कम करने को कहा गया था. दरअसल दिल्ली के एडवोकेट शेलेंद्र कुमार यादव ने एनजीटी में एक याचिका दायर की थी, जिसमें कुफरी में घोड़ों की गतिविधियों से पर्यावरण को हो रहे नुकसान की ओर ध्यान दिलाया गया था.

दलील दी गई थी कि यहां बड़ी संख्यां में घोड़ों की वजह से पर्यावरण और वनस्पति को नुकसान हो रहा है. यहां देवदार के पेड़ों के साथ साथ छोटे पौधे नष्ट रहे हैं. इस कारण यहां इससे पूरे क्षेत्र में पेड़ सूख रहे हैं. यहां पर घोड़ों की लीद और गंदगी भी चारों ओर पसरी हुई है. यही नहीं यहां से चायल की ओर जाने वाली सड़क को भी घोड़ा मालिकों ने जीसीबी लगाकार क्षतिग्रस्त किया है. इससे इस पूरे क्षेत्र का इकोलॉजिकल संतुलन बिगड़ा रहा है. एनजीटी ने इस याचिका का निपटारा करते हुए इसके लिए एक कमेटी गठित की थी.

कमेटी ने इस क्षेत्र का दौरा कर एनजीटी को अपनी रिपोर्ट दी थी जिसमें यहां पर अधिकतम 217 घोड़ों की संख्या निर्धारित करने की सिफारिश की थी, इसके आधार पर एनजीटी ने यह आदेश जारी किए और इसके आधार पर वन विभाग ने कुफरी में घोड़ों की संख्या को अधिकतम 217 रखने का नोटिस दिया है.

मौजूदा समय में यहां पर घोड़ों की संख्या करीब 1000 हैं. लेकिन वन विभाग के आदेशों के बाद इनकी संख्या को कम रखना होगा. इससे यहां पर काम कर रहे करीब आधा दर्जन पंचायतों के घोड़ा मालिकों की परेशानी बढ़ गई हैं जो कि अपनी आजीविका के लिए घोड़ों से होने वाली कमाई पर निर्भर हैं.

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