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शिमला का ब्रिटिशकालीन रिवोली सिनेमा हॉल टूटेगा, 1930 में बना थिएटर अनसेफ घोषित

राजधानी शिमला में ब्रिटिशकालीन रिवोली सिनेमा हॉल का भवन टूटने जा रहा है. यह भवन पूरी तरह से असुरक्षित हो चुका है और एक तरफ का हिस्सा टूट चुका है. स्थानीय लोगों ने कहा है कि यहां फिर से थियेटर ही खोला जाना चाहिए. (Historic Rivoli Cinema Hall of Shimla)

Rivoli Cinema Hall
रिवोली थिएटर
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Published : Dec 3, 2022, 9:26 PM IST

शिमला: कभी तालियों और सीटियों से गूंजने वाला भवन अब जमींदोज हो जाएगा. राजधानी शिमला में ब्रिटिशकालीन रिवोली सिनेमा हॉल का भवन टूटने जा रहा है. यह भवन पूरी तरह से असुरक्षित हो चुका है और एक तरफ का हिस्सा टूट चुका है. वहीं, अब नगर निगम ने इसे तोड़ने की अनुमति दे दी है. अब भवन जमींदोज किया जाएगा, जिससे शिमला वासियों के लिए ये थियेटर अब याद बनकर रह जाएगा. (Rivoli Cinema Hall) (Rivoli Theatre)

रिवोली सिनेमा हॉल का भवन अंग्रेजों के समय का बना हुआ है. साल 1925 यहां पर में मुर्गी खाना हुआ करता था, लेकिन साल 1930 में दिल्ली के एक व्यापारी बद्री प्रसाद ने इसे खरीदा और यहां पर थिएटर की शुरुआत की. उस समय ज्यादातर अंग्रेजी फिल्में दिखाई जाती थी लेकिन आजादी के बाद यहां हिंदी फिल्में दिखाई जाने लगीं. यहां पर फिल्में देखने वालों की भीड़ उमड़ी रहती थी.

शिमला का ये एक मात्र थियेटर था लेकिन 2010 को भवन में दरारें आनी शुरू हुईं और नगर निगम ने इस भवन को असुरक्षित घोषित कर दिया, जिसके बाद ये थियेटर को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया. अब ये ऐतिहासिक इमारत तो गिर ही जाएगी लेकिन उसके साथ ही इसके मलबे में दफन हो जाएगा थिएटर का वो सुनहरा इतिहास, जहां सिंगल स्क्रीन पर ना जाने कितनी ही फिल्मों के शौकीन लोगों ने अपने दोस्तों परिवार और अपने चाहने वालों के साथ देखी होंगी.

टूटेगा ब्रिटिशकालीन रिवोली सिनेमा हॉल

आज भी यह थिएटर लोगो की यादों में जिंदा है. रिवोली के आसपास कारोबार करने वाले लोगों का कहना है कि वे यहां पर दशकों से कारोबार कर रहे हैं. दिन के समय अपना कारोबार करने के बाद शाम को यहां पर फिल्म देखने जाया करते थे, शिमला का ये पहला थिएटर था और यहां पर काफी चहल-पहल रहती थी. यहां 75 पैसे टिकट हुआ करती थी लेकिन इसे अनसेफ घोषित कर दिया गया था. कारोबारियों का कहना है कि यहां पर फिर से थियेटर खोला जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- शिमला: दिसंबर के पहले वीकेंड पर शिमला में उमड़ी पर्यटकों की भीड़, होटल कारोबारी खुश

1925 में चलता था मुर्गी खाना: ब्रिटिश काल में इस भवन में साल 1925 में यहां मुर्गी खाना हुआ करता था. हालांकि, ये जमीन नाहन के राजा की थी, जिसे साल 1930 में दिल्ली के एक व्यापारी बद्री प्रसाद सेठ ने खरीदा और यहां थिएटर की शुरुआत की. सिंगल स्क्रीन वाले इस थिएटर में भारी-भरकम मशीन की मदद से फिल्म दिखाई जाती थी. शिमला के मशहूर शाही थिएटर के मालिक साहिल शर्मा ने कहा कि यह शिमला शहर की काफी पुरानी इमारत थी. कई दशकों तक यहां पर फिल्में दिखाई गईं लेकिन 2010 में अनसेफ घोषित किया गया और अब तोड़ा जा रहा है.

अब शाही थियेटर रहा बाकी: राजधानी शिमला में थियेटर पर संकट के बादल मंडरा रहे है. कभी शिमला शहर में चार थिएटर हुआ करते थे. इनमें रीगल, रिवोली, रिट्ज और शाही थिएटर लोगों की पसंद थे. शहर के इन ऐतिहासिक थिएटरों में अब अकेला शाही थिएटर ही बचा है. इसके अलावा शिमला आईएसबीटी में मल्टीप्लेक्स स्क्रीन का एक फिल्म हॉल है, शिमला के मशहूर शाही थिएटर के मालिक साहिल शर्मा कहना है कि ऑनलाइन कंटेंट बढ़ने के साथ फिल्म में बेहतर कंटेंट की कमी के चलते लोगों का रुझान कम हुआ है. (rivoli theater declared unsafe)

शिमला: कभी तालियों और सीटियों से गूंजने वाला भवन अब जमींदोज हो जाएगा. राजधानी शिमला में ब्रिटिशकालीन रिवोली सिनेमा हॉल का भवन टूटने जा रहा है. यह भवन पूरी तरह से असुरक्षित हो चुका है और एक तरफ का हिस्सा टूट चुका है. वहीं, अब नगर निगम ने इसे तोड़ने की अनुमति दे दी है. अब भवन जमींदोज किया जाएगा, जिससे शिमला वासियों के लिए ये थियेटर अब याद बनकर रह जाएगा. (Rivoli Cinema Hall) (Rivoli Theatre)

रिवोली सिनेमा हॉल का भवन अंग्रेजों के समय का बना हुआ है. साल 1925 यहां पर में मुर्गी खाना हुआ करता था, लेकिन साल 1930 में दिल्ली के एक व्यापारी बद्री प्रसाद ने इसे खरीदा और यहां पर थिएटर की शुरुआत की. उस समय ज्यादातर अंग्रेजी फिल्में दिखाई जाती थी लेकिन आजादी के बाद यहां हिंदी फिल्में दिखाई जाने लगीं. यहां पर फिल्में देखने वालों की भीड़ उमड़ी रहती थी.

शिमला का ये एक मात्र थियेटर था लेकिन 2010 को भवन में दरारें आनी शुरू हुईं और नगर निगम ने इस भवन को असुरक्षित घोषित कर दिया, जिसके बाद ये थियेटर को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया. अब ये ऐतिहासिक इमारत तो गिर ही जाएगी लेकिन उसके साथ ही इसके मलबे में दफन हो जाएगा थिएटर का वो सुनहरा इतिहास, जहां सिंगल स्क्रीन पर ना जाने कितनी ही फिल्मों के शौकीन लोगों ने अपने दोस्तों परिवार और अपने चाहने वालों के साथ देखी होंगी.

टूटेगा ब्रिटिशकालीन रिवोली सिनेमा हॉल

आज भी यह थिएटर लोगो की यादों में जिंदा है. रिवोली के आसपास कारोबार करने वाले लोगों का कहना है कि वे यहां पर दशकों से कारोबार कर रहे हैं. दिन के समय अपना कारोबार करने के बाद शाम को यहां पर फिल्म देखने जाया करते थे, शिमला का ये पहला थिएटर था और यहां पर काफी चहल-पहल रहती थी. यहां 75 पैसे टिकट हुआ करती थी लेकिन इसे अनसेफ घोषित कर दिया गया था. कारोबारियों का कहना है कि यहां पर फिर से थियेटर खोला जाना चाहिए.

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1925 में चलता था मुर्गी खाना: ब्रिटिश काल में इस भवन में साल 1925 में यहां मुर्गी खाना हुआ करता था. हालांकि, ये जमीन नाहन के राजा की थी, जिसे साल 1930 में दिल्ली के एक व्यापारी बद्री प्रसाद सेठ ने खरीदा और यहां थिएटर की शुरुआत की. सिंगल स्क्रीन वाले इस थिएटर में भारी-भरकम मशीन की मदद से फिल्म दिखाई जाती थी. शिमला के मशहूर शाही थिएटर के मालिक साहिल शर्मा ने कहा कि यह शिमला शहर की काफी पुरानी इमारत थी. कई दशकों तक यहां पर फिल्में दिखाई गईं लेकिन 2010 में अनसेफ घोषित किया गया और अब तोड़ा जा रहा है.

अब शाही थियेटर रहा बाकी: राजधानी शिमला में थियेटर पर संकट के बादल मंडरा रहे है. कभी शिमला शहर में चार थिएटर हुआ करते थे. इनमें रीगल, रिवोली, रिट्ज और शाही थिएटर लोगों की पसंद थे. शहर के इन ऐतिहासिक थिएटरों में अब अकेला शाही थिएटर ही बचा है. इसके अलावा शिमला आईएसबीटी में मल्टीप्लेक्स स्क्रीन का एक फिल्म हॉल है, शिमला के मशहूर शाही थिएटर के मालिक साहिल शर्मा कहना है कि ऑनलाइन कंटेंट बढ़ने के साथ फिल्म में बेहतर कंटेंट की कमी के चलते लोगों का रुझान कम हुआ है. (rivoli theater declared unsafe)

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