शिमलाः प्रदेश की भाजपा सरकार की ओर से अपने कार्यकाल का तीसरा बजट आज शुक्रवार को पेश किया गया. वैसे तो सरकार ने हर वर्ग को अपने इस बजट में छुआ है, लेकिन जहां तक बात की जाए प्रदेश के युवाओं की तो वे सरकार के इस बजट से नाखुश नजर आ रहे हैं.
युवाओं का कहना है कि सरकार ने इस बजट में युवाओं की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी पर ही फोकस नहीं किया है. इस समय देश भर में बेरोजगारी युवाओं की सबसे बड़ी समस्या है और प्रदेश में भी बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है.
ऐसे में जहां सरकार को बेरोजगारी को दूर करने के लिए प्रावधान अपने बजट में करना चाहिए था वहीं सरकार की योजनाएं मात्र रोजगार मेलों तक ही सिमट के रह गई है.
युवाओं का कहना है कि सरकार ने प्रदेश में 20 हजार नौकरियां देने की बात की है, लेकिन यह नौकरियां कब और कहां दी जाएंगी. इस बारे में कुछ भी सरकार की ओर से नहीं बताया गया है. बीते वर्ष भी इन्ही नौकरियों का जिक्र किया था.
युवाओं ने कहा कि एक ओर तो सरकार ने जहां नए रोजगार के अवसर युवाओं को नहीं दिए हैं. वहीं, पुरानी भर्तियों में जो धांधलियां हो रही हैं, उनपर रोक लगाने को लेकर भी सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है.
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ऐसे में ना तो युवाओं के पास रोजगार के साधन होंगे और जहां उन्हें रोजगार मिलना होगा वहां भी धांधलियों से लोग प्रवेश पा लेंगे. उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र की अनदेखी भी सरकार ने की है जिससे कि युवाओं को स्वरोजगार से भी दूर कर दिया है.
युवाओं ने कहा कि प्रदेश में मात्र एक राज्य का विश्वविद्यालय है, लेकिन उसकी अनदेखी भी सरकार की ओर से बजट में की गई है. एचपीयू का जिक्र तक भी बजट में नहीं किया गया जिसकी वजह से एचपीयू में पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य खतरे में आ गया है. युवाओं का कहना है सरकार ने वही पुरानी योजनाएं दोहरा कर युवाओं को लुभाने का प्रयास किया है जो सफल नहीं हो पाएगा.
बता दें कि सरकार की ओर से अपने इस बजट में कौशल विकास भत्ता के तहत 2020-21 में 80 हज़ार युवाओं को भत्ता देने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और स्किल स्ट्रेंथन फॉर इंडस्ट्रियल वैल्यू एनहांसमेंट प्रोजेक्ट का साथ ही एक दो अन्य योजनाओं का जिक्र अपने इस बजट में किया है.
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