शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस साल सूखे जैसे हालात पैदा हो सकते हैं. प्रदेश में सर्दियों के मौसम में इस बार बारिश और बर्फबारी काफी कम हुई है. इस साल फरवरी महीने में सामान्य से 71 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है. प्रदेश में पूरे विंटर सीजन में 37 फीसदी कम बारिश-बर्फबारी हुई है. 2022 में भी सामान्य से 92 प्रतिशत ज्यादा बारिश-बर्फबारी हुई, लेकिन इस बार प्रदेश के सभी 12 जिलों में सामान्य से कम बारिश और बर्फबारी हुई हैं.
जनवरी माह की बात की जाए तो फरवरी में ज्यादा सूखे वाली स्थिति है. 1 जनवरी से 28 फरवरी तक 2 महीने में सामान्य से 187.1 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार 117 मिलीमीटर बारिश ही रिकॉर्ड की गई है. इस बार सोलन जिले में सबसे ज्यादा सूखे वाली स्थिति बनी हुई है. यहां सामान्य से 68 फीसदी कम बारिश हुई है. जिससे जिला सोलन में टमाटर सहित अन्य फसलों को नुकसान हो रहा है.
मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल का कहना है कि प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान कई क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है. प्रदेश में 4 मार्च तक मौसम खराब बना रहेगा. उन्होंने कहा कि इस बार जनवरी और फरवरी महीने में काफी ज्यादा कम बारिश हुई है. इसके अलावा फरवरी महीने में तापमान ने कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
सुरेंद्र पॉल ने कहा कि इसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा. प्रदेश में बारिश कम होने का कारण पश्चिमी विक्षोभ का कमजोर होना है. इस बार पश्चिमी विक्षोभ काफी कमजोर पड़ गए थे. जिसके चलते ना तो बर्फबारी हुई और ना ही बारिश हुई है.
इन जिलों में इतनी हुई बारिश- प्रदेश में जनवरी-फरवरी महीने में सोलन जिले में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है. सोलन में 68 फीसदी जबकि मंडी जिले में 61 प्रतिशत, बिलासपुर में 55 फीसदी, किन्नौर में 51 प्रतिशत, चंबा में 39 प्रतिशत, हमीरपुर में 46 प्रतिशत, कांगड़ा में 25 प्रतिशत, कुल्लू में 15 प्रतिशत, लाहौल स्पीति में 33 प्रतिशत, शिमला में 44 प्रतिशत, सिरमौर में 47 प्रतिशत और ऊना जिले में 34 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है.
सेब सहित अन्य फसलों को हो रहा नुकसान- हिमाचल प्रदेश में बारिश न होने से सेब सहित अन्य फसलों को नुकसान हो रहा है. समय से पहले फ्लावरिंग हो रही है. इसके अलावा गेहूं, मटर, टमाटर पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. वहीं, पानी के स्त्रोत पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. गर्मियों में भी पानी का संकट गहरा सकता है.
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