शिमला: हिमाचल विधानसभा बजट सत्र में मंगलवार को नगर निगम संशोधन विधायक पारित किया गया. वहीं, इस संशोधन के पारित होने के समय विपक्ष सत्ता सदन में मौजूद नहीं था. जिसके चलते बुधवार को प्रश्नकाल खत्म होते ही विपक्ष की ओर से इस विधेयक पर चर्चा को लेकर सदन में भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने 'प्वाइंट ऑफ ऑर्डर' मांगा, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इसको लेकर चर्चा का समय नहीं दिया गया. जिस पर सदन में विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर बाहर आ गए.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष व्यवस्थाओं का सम्मान करते हैं और प्रश्नकाल और चर्चा में हिस्सा ले रहा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी का सदन में जिस तरह का रवैया है वह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है. नगर निगम विधेयक को लेकर विधायक रणधीर शर्मा ने 'प्वाइंट ऑफ ऑर्डर' के तहत चर्चा का समय मांगा, लेकिन सरकार जवाब देने की स्थिति में नहीं है और सदन में संशोधन विधेयक पारित किया गया. सरकार द्वारा तीन बार रोस्टर को बदला गया और नोटिफाई किया गया. यही नहीं वोट बनाने की तारीख भी 15 मार्च तक रखी गई और 15 मार्च को एक अधिसूचना जारी की गई और कोई भी शिमला शहर में वोट बना सकता है, जबकि पूर्व में यह व्यवस्था की गई थी कि एक व्यक्ति एक जगह ही वोट दे सकता था, लेकिन इन्होंने रातों-रात आदेश जारी किया और 11 हजार नए नोट बनाए गए और वह वोट ऐसे हैं जो सीधे कांग्रेस पार्टी को वोट देंगे.
इसके अलावा वार्ड की संख्या पूर्व सरकार ने 41 निर्धारित की थी और यह चुनाव आयोग द्वारा की गई थी, लेकिन इस सरकार ने दोबारा से 34 वार्ड बनाए गए, जबकि पूर्व में जनसंख्या के आधार पर ही वार्ड बढ़ाए गए थे. जहां महिलाओं की संख्या काफी कम थी. उन्हें महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया और अनुसूचित जाति के लिए वार्ड भी ऐसे ही रिजर्व किए गए. कांग्रेस ने अपनी सहूलियत के हिसाब से वार्ड आरक्षित किए हैं. सरकार ने लाभ लेने के मकसद से ही वार्डों को आरक्षित किया है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है.