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विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी संशोधन विधेयक पारित, अब VC की नियुक्ति में सरकार की भी भूमिका

विधानसभा में विपक्ष के विरोध और हंगामा के बीच दि हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटीज ऑफ एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री अमेंडमेंट बिल-2023 पारित हो गया. इस बिल के प्रावधान के अनुसार अब पालमपुर की चौधरी सरवण कुमार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और नौणी सोलन की डॉ. वाईएस परमार यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री में वीसी की नियुक्ति में राज्य सरकार की सलाह व सहायता भी ली जाएगी. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal vidhan sabha session).

Himachal vidhan sabha session
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 21, 2023, 8:09 PM IST

Updated : Sep 21, 2023, 8:26 PM IST

एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी संशोधन विधेयक पारित

शिमला: विपक्षी दल भाजपा के जोरदार विरोध और हंगामे के बीच गुरुवार को सदन में दि हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटीज ऑफ एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री अमेंडमेंट बिल-2023 पारित हो गया. इस बिल के पारण के दौरान सदन में अभूतपूर्व हंगामा हुआ. विपक्षी दल के सदस्य पर्याप्त चर्चा की मांग पूरी न होने पर न केवल वेल में आए, बल्कि स्पीकर के आसन के समक्ष जोरदार नारेबाजी की. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर इस दौरान आक्रोश में दिखे. बाद में शोर-शराबे के बीच बिल पारित किया गया. बिल पारित होने के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में स्पीकर के आसन के समक्ष विपक्ष के सदस्यों की नारेबाजी की निंदा की. सत्ता पक्ष की तरफ से निंदा प्रस्ताव लाया गया.

स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने भी विपक्ष के आचरण पर कड़ा एतराज किया और निंदा प्रस्ताव से सहमति जताई. कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने गुरुवार को बिल को पारित करने के लिए संशोधित रूप में पेश किया. इस बिल के प्रावधान के अनुसार अब पालमपुर की चौधरी सरवण कुमार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और नौणी सोलन की डॉ. वाईएस परमार यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री में वीसी की नियुक्ति में राज्य सरकार की सलाह व सहायता भी ली जाएगी. पहले केवल कुलाधिपति यानी राज्यपाल की सर्च कमेटी की सिफारिश के बाद वीसी की नियुक्ति करते थे.

विपक्ष के सदस्यों ने इसे वीसी की नियुक्ति में सरकार का हस्तक्षेप करार दिया. भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल के ये दोनों विश्वविद्यालय देश के टॉप मोस्ट संस्थानों में आते हैं. ये संस्थान स्वायत्त संस्थान हैं. यहां वीसी की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी का गठन होता है. योग्य उम्मीदवारों से बायो-डाटा मंगाए जाते हैं और फिर राज्यपाल वीसी की नियुक्ति करते हैं. अब संशोधन विधेयक के जरिए सरकार की सलाह व सहायता का अंग जोड़ा गया है. ये राज्यपाल के अधिकारों में हस्तक्षेप है.

इस संशोधन की कोई जरूरत नहीं है और इसे वापस लिया जाना चाहिए. रणधीर शर्मा ने कहा कि दोनों यूनिवर्सिटीज को केंद्र की तरफ से भी 33 फीसदी की मदद मिलती है. पालमपुर यूनिवर्सिटी के तहत 13 कृषि विज्ञान केंद्र हैं. इनका सारा खर्च केंद्र सरकार वहन करती है. इसी तरह इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के प्रोजेक्ट्स भी केंद्र सरकार के पैसे से चलते हैं. अगर राज्य सरकार भी इसके लिए बजट देती है तो इसका ये अर्थ नहीं है कि वो वीसी की नियुक्ति में हस्तक्षेप भी करे. वहीं, विपिन परमार ने कहा कि पालमपुर यूनिवर्सिटी व नौणी यूनिवर्सिटी बहुत शानदार काम कर रही हैं. इस तरह का संशोधन गैर जरूरी है. वहीं, कांग्रेस विधायक और सीपीएस आशीष बुटेल ने विधेयक का समर्थन किया. इसके बाद स्पीकर ने चर्चा के लिए किसी और को स्वीकृति नहीं दी, जिस पर विपक्ष भड़क गया

कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने सदन से विधेयक को पारित करने का आग्रह किया. विपक्ष के अभूतपूर्व हंगामे के बीच विधेयक का पारण हो गया. बाद में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से विपक्ष के आचरण पर लाए गए निंदा प्रस्ताव पर स्पीकर ने भी सहमति जताई. स्पीकर ने कहा कि वे ऐसे आचरण की निंदा करते हैं. वे अब तक विनम्रता से कार्यवाही का संचालन कर रहे थे, लेकिन यदि ऐसा व्यवहार रहा तो उन्हें सख्ती दिखानी पड़ेगी. सीएम सुखविंदर सिंह ने भी कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बहुत गुस्से में दिखाई दे रहे हैं. इतना गुस्सा तो उनके पांच साल के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी नहीं देखा गया.

ये भी पढ़ें- हिमाचल के सबसे बड़े पलटूराम माननीय जयराम ठाकुर हैं, प्रदेश की जनता की आवाज उठाने में भी पलट गए- विक्रमादित्य सिंह

एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी संशोधन विधेयक पारित

शिमला: विपक्षी दल भाजपा के जोरदार विरोध और हंगामे के बीच गुरुवार को सदन में दि हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटीज ऑफ एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री अमेंडमेंट बिल-2023 पारित हो गया. इस बिल के पारण के दौरान सदन में अभूतपूर्व हंगामा हुआ. विपक्षी दल के सदस्य पर्याप्त चर्चा की मांग पूरी न होने पर न केवल वेल में आए, बल्कि स्पीकर के आसन के समक्ष जोरदार नारेबाजी की. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर इस दौरान आक्रोश में दिखे. बाद में शोर-शराबे के बीच बिल पारित किया गया. बिल पारित होने के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में स्पीकर के आसन के समक्ष विपक्ष के सदस्यों की नारेबाजी की निंदा की. सत्ता पक्ष की तरफ से निंदा प्रस्ताव लाया गया.

स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने भी विपक्ष के आचरण पर कड़ा एतराज किया और निंदा प्रस्ताव से सहमति जताई. कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने गुरुवार को बिल को पारित करने के लिए संशोधित रूप में पेश किया. इस बिल के प्रावधान के अनुसार अब पालमपुर की चौधरी सरवण कुमार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और नौणी सोलन की डॉ. वाईएस परमार यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री में वीसी की नियुक्ति में राज्य सरकार की सलाह व सहायता भी ली जाएगी. पहले केवल कुलाधिपति यानी राज्यपाल की सर्च कमेटी की सिफारिश के बाद वीसी की नियुक्ति करते थे.

विपक्ष के सदस्यों ने इसे वीसी की नियुक्ति में सरकार का हस्तक्षेप करार दिया. भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल के ये दोनों विश्वविद्यालय देश के टॉप मोस्ट संस्थानों में आते हैं. ये संस्थान स्वायत्त संस्थान हैं. यहां वीसी की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी का गठन होता है. योग्य उम्मीदवारों से बायो-डाटा मंगाए जाते हैं और फिर राज्यपाल वीसी की नियुक्ति करते हैं. अब संशोधन विधेयक के जरिए सरकार की सलाह व सहायता का अंग जोड़ा गया है. ये राज्यपाल के अधिकारों में हस्तक्षेप है.

इस संशोधन की कोई जरूरत नहीं है और इसे वापस लिया जाना चाहिए. रणधीर शर्मा ने कहा कि दोनों यूनिवर्सिटीज को केंद्र की तरफ से भी 33 फीसदी की मदद मिलती है. पालमपुर यूनिवर्सिटी के तहत 13 कृषि विज्ञान केंद्र हैं. इनका सारा खर्च केंद्र सरकार वहन करती है. इसी तरह इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के प्रोजेक्ट्स भी केंद्र सरकार के पैसे से चलते हैं. अगर राज्य सरकार भी इसके लिए बजट देती है तो इसका ये अर्थ नहीं है कि वो वीसी की नियुक्ति में हस्तक्षेप भी करे. वहीं, विपिन परमार ने कहा कि पालमपुर यूनिवर्सिटी व नौणी यूनिवर्सिटी बहुत शानदार काम कर रही हैं. इस तरह का संशोधन गैर जरूरी है. वहीं, कांग्रेस विधायक और सीपीएस आशीष बुटेल ने विधेयक का समर्थन किया. इसके बाद स्पीकर ने चर्चा के लिए किसी और को स्वीकृति नहीं दी, जिस पर विपक्ष भड़क गया

कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने सदन से विधेयक को पारित करने का आग्रह किया. विपक्ष के अभूतपूर्व हंगामे के बीच विधेयक का पारण हो गया. बाद में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से विपक्ष के आचरण पर लाए गए निंदा प्रस्ताव पर स्पीकर ने भी सहमति जताई. स्पीकर ने कहा कि वे ऐसे आचरण की निंदा करते हैं. वे अब तक विनम्रता से कार्यवाही का संचालन कर रहे थे, लेकिन यदि ऐसा व्यवहार रहा तो उन्हें सख्ती दिखानी पड़ेगी. सीएम सुखविंदर सिंह ने भी कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बहुत गुस्से में दिखाई दे रहे हैं. इतना गुस्सा तो उनके पांच साल के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी नहीं देखा गया.

ये भी पढ़ें- हिमाचल के सबसे बड़े पलटूराम माननीय जयराम ठाकुर हैं, प्रदेश की जनता की आवाज उठाने में भी पलट गए- विक्रमादित्य सिंह

Last Updated : Sep 21, 2023, 8:26 PM IST
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