शिमलाः हिमाचल का पर्यटन उद्योग लगातार 4 वर्षों से आर्थिक नुकसान की मार झेलता आ रहा है. 2018 में पानी की भयानक कमी, 2019 में लोक सभा चुनाव के कारण समर सीजन फीका रहा. 2020 में पर्यटन व्यसाय कोरोना की भेंट चढ़ गया था. इस वर्ष सीजन शुरू होने से पहले की ही लगातार दूसरे वर्ष कोरोना की दूसरी लहर ने पर्यटन उद्योग को खत्म कर दिया है.
टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर एसोसिएशन ने कहा है कि कोरोना के कारण पर्यटन से जुड़े व्यवसायीयों को आर्थिक तंगी से झूझना पड़ रहा है. पिछले चार वर्षों से मार झेल रहे पर्यटन उद्योग की कमर पूरी तरह से टूट गई है. इस स्तिथि में होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी ऑपरेटर, एडवेंचर स्पोर्ट्स, वाटर स्पोर्ट्स, फोटोग्राफर्स और अन्य पर्यटन कारोबारियों को अपने रोजमर्रा के खर्चे भी पूरे करना मुश्किल हो गए हैं. पर्यटन उद्यमियों के पास इकाइयों पर लिए लोन की किश्तें, ब्याज देने के लिए भी पैसा नहीं है. जिसके चलते उन्हें उनके अकाउंट एनपीए होने का खतरा सता रहा है.
विड नेगेटिव रिपोर्ट की एडवाइजरी की शर्त से बाहर रखने का किया आग्रह
टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ ने कहा है कि होटल, रेस्टोरेंट और अन्य पर्यटन इकाइयों से जुड़े कारोबारियों को समझ में नहीं आ रहा कि वह कर्मचारियों को वेतन, बिजली व पानी के बिलों का भुगतान और अन्य खर्चों का भुगतान कहां से करें. महेंद्र सेठ ने सरकार से आग्रह किया है कि बिजनेस ट्रैवलर को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट की एडवाइजरी की शर्त से बाहर रखा जाए.
इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम के माध्यम से आर्थिक सहायता देने की मांग
टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर एसोसिएशन ने कहा है कि यदि जल्द पर्यटन उद्यमियों को राहत न दी गई तो पर्यटन इकाइयों को पूर्णता बन्द करने की नौबत आ सकती है व कर्मचारियों की नौकरियां जा सकती हैं. पर्यटन कारोबारियों ने सरकार से जल्द इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम के माध्यम से सभी पर्यटन इकाइयों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है.
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