शिमला: हिमाचल प्रदेश के 2050 विद्यालयों को मुख्यमंत्री स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर विकसित किया जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में शिक्षा विभाग से जुड़ी बैठक में कई महत्वपूर्ण आदेश दिए. सीएम ने कहा कि एक शैक्षणिक सत्र में 220 अध्यापन दिवस सुनिश्चित किए जाएंगे, ताकि छात्रों को पढ़ाई में परेशानी पेश न आए. इस संदर्भ में विभाग के कैलेंडर तैयार करने के निर्देश दिए गए. साथ ही जिला में शानदार परफॉर्मेंस को लेकर पांच स्कूलों को सम्मानित भी किया जाएगा.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा वर्ष 2026-2027 तक हिमाचल में प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी स्तर की 2050 पाठशालाओं को चरणबद्ध रूप से मुख्यमंत्री स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने विभाग के अफसरों को इस साल 31 दिसंबर तक इनकी सूची तैयार करने के निर्देश दिए. विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम ने कहा कि हिमाचल में सरकारी क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसके साथ ही स्कूल एडॉप्शन प्रोग्राम भी शुरू किया जाएगा। इस प्रोग्राम के लिए ब्लॉक, सब-डिविजन व जिला स्तर के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा.
उन्होंने विभाग के अधिकारियों को गेस्ट लेक्चरर योजना शुरू करने की संभावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लेने और चयन के बाद उन्हें खाली पदों वाले स्कूलों में एक साल के लिए तैनात करने संबंधी प्रावधान भी किए जाएंगे. उन्होंने विभाग को इस योजना का विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश जारी किए. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विभाग को प्राइमरी व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के क्लस्टर बनाकर उनके संसाधनों का सांझा उपयोग करने की रूपरेखा को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने को कहा.
उन्होंने कहा कि छात्रों को अन्य गतिविधियों के साथ-साथ एक शैक्षणिक सत्र में अनिवार्य 220 अध्यापन दिवस सुनिश्चित करने के लिए कैलेंडर तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि शिक्षकों का प्रमुख दायित्व छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना है. शिक्षकों को अपने दायित्व का निर्वहन करने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए. पहली नियुक्ति पर अध्यापकों को अनिवार्य प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बेहतर कार्य करने वाले स्कूलों और अध्यापकों को राज्य सरकार प्रोत्साहित करेगी. इसके तहत जिला स्तर पर 5 स्कूलों को सम्मानित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा शिक्षा क्षेत्र में लाए जा रहे सुधारों के तहत सरकारी शिक्षण संस्थानों में भी छह साल की आयु में पहली क्लास में एडमिशन सुनिश्चित की जाए. छात्रों को भविष्य में काम आने वाली लाइफ स्किल में दक्ष किया जाए. छात्रों को केवल किताबों तक ही सीमित न रहने दिया जाए. सीएम ने मीटिंग में राज्य में हर विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से खोले जा रहे राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों की प्रगति की भी समीक्षा की. उन्होंने कहा कि गोहर, धर्मपुर तथा बंगाणा में निर्माणाधीन अटल आदर्श विद्यालय के निर्माण कार्य को वर्तमान राज्य सरकार पूरा करेगी. इन्हें अगले सेशन से सुचारू किया जाएगा.