शिमला: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के बाद अब हिमाचल लोक सेवा आयोग भी एक परीक्षा करवाने को लेकर विवादों में घिर गया है. लोक सेवा आयोग की एक परीक्षा में एक ऐसे अभ्यर्थी को पास करने के आरोप हैं, जिसने परीक्षा दी ही नहीं थी. इस परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से की है. वहीं, मुख्यमंत्री ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
कॉलेज कैडर के असिस्टेंट प्रोफेसर गायन (संगीत) की परीक्षा को लेकर राज्य लोक सेवा आयोग कटघरे में खड़ा हो गया है. परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया है कि इसकी परीक्षा न देने वाले एक अभ्यर्थी को ही लोक सेवा आयोग ने पास करवा दिया. अभ्यर्थी इस परीक्षा में अनुपस्थित था, लेकिन जब इस परीक्षा का रिजल्ट निकाला तो वह पास दिखाया गया. इस परीक्षा में बैठे अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से की है. अभ्यर्थियों ने कहा कि इस परीक्षा में अनियमितताएं बरती गई हैं.
बता दें कि अस्सिटेंट प्रोफेसर गायन (संगीत) की लिखित परीक्षा नवंबर 2022 में राजकीय कन्या महाविद्यालय (आरकेएमवी) शिमला में हुई थी. शिकायत में कहा गया है कि निरीक्षक ने एब्सेंट रोल नंबर के डेस्क पर पहले ओएमआर शीट रखी और 10 मिनट बाद ओएमआर शीट को वहां से उठा लिया गया. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि जो अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र में अनुपस्थित था, वह बाद में जारी किए गए परीक्षा परिणाम में पास घोषित कर दिया गया. 2 मार्च को लिखित परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया है और 15 मार्च को लिखित परीक्षा पास करने वालों को इंटरव्यू के लिए भी बुलाया गया है.
मुख्यमंत्री के पास शिकायत लेकर पहुंचे अभ्यर्थियों ने परीक्षा केंद्र में सीसीटीवी न होने के भी आरोप लगाते हुए इस पूरे मामले की जांच की मांग की है. यही नहीं इन परीक्षार्थियों का यह भी आरोप है कि वेबसाइट पर जारी आंसर-की में पांच प्रश्नों के उत्तर गलत होने पर उन्होंने आंसर-की पर ऑब्जेक्शन भी किया था, लेकिन राज्य लोक सेवा आयोग ने रिवाइज आंसर-की निकाले बिना ही परिणाम घोषित कर दिया. परीक्षार्थियों ने इस पूरी परीक्षा की जांच करवाने की मांग की है. वहीं, सीएम ने भी मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
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