शिमला: हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में 4.3 फीसदी हिस्सा रखने वाले पर्यटन कारोबार पर पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश टूरिज्म स्टेक होल्डर एसोसिएशन ने प्रदेश के पर्यटन कारोबार पर चिंता जाहिर की है. एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात कर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने का आह्वान किया है.
हिमाचल प्रदेश टूरिज्म स्टेकहोल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंदर सेठ ने कहा कि हिमाचल प्रदेश का पर्यटन कारोबार असंगठित है. इस कारोबार के असंगठित होने की वजह से पर्यटन कारोबारियों को लगातार नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि पर्यटन कारोबारियों को नई सरकार से नई उम्मीद है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी पर्यटन कारोबार को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मकता दिखाई है. मोहिंदर सेठ ने कहा की वे सभी लोगों के साथ मिलकर एक रोडमैप तैयार करेंगे और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंपेंगे.
मोहिंदर सेठ ने कहा कि टूरिस्ट सीजन के दौरान जिला प्रशासन लगातार तत्काल एडवाइजरी जारी करता रहता है. इस एडवाइजरी की वजह से भी पर्यटन कारोबार पर असर पड़ता है. यही नहीं, उन्होंने जिला प्रशासन की ओर से गाड़ियों के जारी किए जाने वाले गाड़ियों के आंकड़े पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन की ओर से सभी गाड़ियों की गिनती कर ली जाती है, जो वास्तविक नहीं है. उन्होंने कहा कि इन गाड़ियों की गिनती में लोकल गाड़ियां भी शामिल होती हैं. मोहिंदर सेठ ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के पर्यटन कारोबार को बढ़ाने के लिए जमीनी स्तर पर पब्लिसिटी की आवश्यकता है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार से लाखों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है. साल 2020 और साल 2021 में पर्यटन कारोबार कोरोना की वजह से प्रभावित रहा. अब पर्यटन कारोबारी अपना क्षेत्र असंगठित होने की वजह से एक बार फिर नुकसान की आशंका जता रहे हैं. ऐसे में सरकार के सामने पर्यटन कारोबारियों को राहत देने की बड़ी चुनौती रहने वाली है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पर्यटन विभाग को अपने पास ही रखा है. मुख्यमंत्री की इस विभाग में निजी दिलचस्पी भी है. सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री ने पर्यटकों को सुख-सुविधा देने की बात कही थी. ऐसे में अब पर्यटन कारोबारियों को भी नई सरकार से नई उम्मीदें हैं.
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