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Himachal Tourism Business: जुलाई-अगस्त में हिमाचल प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को करीब 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान

हिमाचल प्रदेश में आपदा की वजह से पर्यटन क्षेत्र तो करीब 2 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. गौर करने वाली बात है कि र्यटन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में सालाना 14,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का योगदान देता है. वहीं, पर्यटन कारोबारियों ने उम्मीद लगाई है कि शायद अक्टूबर में स्थिति ठीक हो जाएगी. (Himachal Tourism Business) (loss to himachal tourism).

Himachal Tourism Business
माल रोड शिमला (फाइल फोटो).
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 3, 2023, 5:58 PM IST

Updated : Sep 3, 2023, 6:59 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को जुलाई और अगस्त में लगभग 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसके कारण राज्य के होटल व्यवसायियों ने पटरी पर लौटने के लिए आकर्षक पैकेज की पेशकश शुरू कर दी है. हिमाचल में पर्यटन उद्योग, जो कोविड-19 के बाद पुनरुद्धार की प्रक्रिया में था, को एक और झटका लगा क्योंकि मानसून ने कहर बरपाया, जिससे पर्यटकों की संख्या कम हो गई. बता दें कि पर्यटन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में सालाना 14,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का योगदान देता है.

हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के प्रबंध निदेशक अमित कश्यप ने बताया कि पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हुआ है और राज्य के ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों में छह शक्ति पीठों में भक्तों की आमद एकमात्र उम्मीद की किरण थी. रविवार को पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 17 से 25 अगस्त तक नवरात्रि के दौरान लगभग 8.24 लाख तीर्थयात्रियों ने चिंतपूर्णी, श्री नैना देवी, ज्वालाजी, ब्रजेश्वरी, श्री बगलामुखी और चामुंडा देवी मंदिरों के दर्शन किए. हालांकि, प्री-मानसून सीजन में पर्यटकों के आगमन में वृद्धि देखी गई और 2023 के पहले छह महीनों के दौरान अधिकतम 1.06 करोड़ पर्यटक हिमाचल प्रदेश आए, जबकि 2022 की इसी अवधि में 86.4 लाख पर्यटक आए, लेकिन मानसून के प्रकोप ने खेल बिगाड़ दिया.

वहीं, शिमला होटल्स एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एमके सेठ ने कहा कि शिमला की सड़कें खुल गई हैं और पर्यटन उद्योग 40 से 50 प्रतिशत छूट के साथ आकर्षक पैकेज की पेशकश कर रहा है. उन्होंने कहा कि स्थिति उतनी बुरी नहीं है जितनी खबरों में दिखाई गई है और दूसरी तरफ होटल दरों में छूट दी गई है और यातायात सामान्य से कम है. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अक्टूबर में चीजें बेहतर होंगी.

होटल्स एंड रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र ठाकुर ने कहा कि मनाली में ब्यास नदी के किनारे की सड़कें बह गईं, लेकिन यातायात को वैकल्पिक सड़कों से मोड़ा जा रहा है. गजेंद्र ठाकुर ने इस बात पर जोर दिया कि समस्या मंडी और कुल्लू के बीच है, क्योंकि पंडोह के पास लगातार भूस्खलन से सड़कें अवरुद्ध हो रही हैं. उन्होंने कहा कि मनाली में होटल व्यवसायी पर्यटकों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं और हमने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की, जिन्होंने हमें आश्वासन दिया कि सड़कें जल्द ही खोली जाएंगी. हम उम्मीद कर रहे हैं कि अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह से पर्यटकों की आमद बढ़ेगी.

गजेंद्र ठाकुर ने कहा कि एसोसिएशन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को होटल व्यवसायियों द्वारा उठाए गए ऋण को स्थगित करने और पर्यटन के पुनर्जीवित होने तक बिजली और अन्य के निर्धारित शुल्क को रद्द करने के लिए एक पत्र भी लिख रहा है. होटलों के अलावा, संबद्ध पर्यटन उद्योग, टैक्सी ऑपरेटर, ट्रैवल एजेंट और दुकानदार भी प्रभावित हुए हैं. Paradise tour and Travels के मालिक देवेंदर राणा ने कहा कि भारी बारिश के कारण जुलाई में बड़े पैमाने पर बुकिंग रद्द करनी पड़ी और अक्टूबर में पर्यटन में तेजी आएगी, क्योंकि मानसून खत्म हो जाएगा और दशहरा की छुट्टियां भी आ जाएंगी.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, 24 जून से 2 सितंबर तक मानसून की शुरुआत के बाद से कुल 397 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें बारिश से संबंधित घटनाओं में 257 और दुर्घटनाओं में 140 की मौत हो गई है. केंद्र के आंकड़ों से पता चलता है कि इस मानसून में पहाड़ी राज्य को अब तक 8,663 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसमें कहा गया है कि लोक निर्माण विभाग को सबसे अधिक 2,937 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. (PTI)

ये भी पढ़ें- Kullu Disaster: बंजार के इन गांवों पर मंडरा रहे खतरे के बादल! दरकते पहाड़ों के बीच डर के साए में जीने को मजबूर लोग

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को जुलाई और अगस्त में लगभग 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसके कारण राज्य के होटल व्यवसायियों ने पटरी पर लौटने के लिए आकर्षक पैकेज की पेशकश शुरू कर दी है. हिमाचल में पर्यटन उद्योग, जो कोविड-19 के बाद पुनरुद्धार की प्रक्रिया में था, को एक और झटका लगा क्योंकि मानसून ने कहर बरपाया, जिससे पर्यटकों की संख्या कम हो गई. बता दें कि पर्यटन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में सालाना 14,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का योगदान देता है.

हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के प्रबंध निदेशक अमित कश्यप ने बताया कि पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हुआ है और राज्य के ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों में छह शक्ति पीठों में भक्तों की आमद एकमात्र उम्मीद की किरण थी. रविवार को पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 17 से 25 अगस्त तक नवरात्रि के दौरान लगभग 8.24 लाख तीर्थयात्रियों ने चिंतपूर्णी, श्री नैना देवी, ज्वालाजी, ब्रजेश्वरी, श्री बगलामुखी और चामुंडा देवी मंदिरों के दर्शन किए. हालांकि, प्री-मानसून सीजन में पर्यटकों के आगमन में वृद्धि देखी गई और 2023 के पहले छह महीनों के दौरान अधिकतम 1.06 करोड़ पर्यटक हिमाचल प्रदेश आए, जबकि 2022 की इसी अवधि में 86.4 लाख पर्यटक आए, लेकिन मानसून के प्रकोप ने खेल बिगाड़ दिया.

वहीं, शिमला होटल्स एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एमके सेठ ने कहा कि शिमला की सड़कें खुल गई हैं और पर्यटन उद्योग 40 से 50 प्रतिशत छूट के साथ आकर्षक पैकेज की पेशकश कर रहा है. उन्होंने कहा कि स्थिति उतनी बुरी नहीं है जितनी खबरों में दिखाई गई है और दूसरी तरफ होटल दरों में छूट दी गई है और यातायात सामान्य से कम है. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अक्टूबर में चीजें बेहतर होंगी.

होटल्स एंड रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र ठाकुर ने कहा कि मनाली में ब्यास नदी के किनारे की सड़कें बह गईं, लेकिन यातायात को वैकल्पिक सड़कों से मोड़ा जा रहा है. गजेंद्र ठाकुर ने इस बात पर जोर दिया कि समस्या मंडी और कुल्लू के बीच है, क्योंकि पंडोह के पास लगातार भूस्खलन से सड़कें अवरुद्ध हो रही हैं. उन्होंने कहा कि मनाली में होटल व्यवसायी पर्यटकों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं और हमने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की, जिन्होंने हमें आश्वासन दिया कि सड़कें जल्द ही खोली जाएंगी. हम उम्मीद कर रहे हैं कि अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह से पर्यटकों की आमद बढ़ेगी.

गजेंद्र ठाकुर ने कहा कि एसोसिएशन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को होटल व्यवसायियों द्वारा उठाए गए ऋण को स्थगित करने और पर्यटन के पुनर्जीवित होने तक बिजली और अन्य के निर्धारित शुल्क को रद्द करने के लिए एक पत्र भी लिख रहा है. होटलों के अलावा, संबद्ध पर्यटन उद्योग, टैक्सी ऑपरेटर, ट्रैवल एजेंट और दुकानदार भी प्रभावित हुए हैं. Paradise tour and Travels के मालिक देवेंदर राणा ने कहा कि भारी बारिश के कारण जुलाई में बड़े पैमाने पर बुकिंग रद्द करनी पड़ी और अक्टूबर में पर्यटन में तेजी आएगी, क्योंकि मानसून खत्म हो जाएगा और दशहरा की छुट्टियां भी आ जाएंगी.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, 24 जून से 2 सितंबर तक मानसून की शुरुआत के बाद से कुल 397 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें बारिश से संबंधित घटनाओं में 257 और दुर्घटनाओं में 140 की मौत हो गई है. केंद्र के आंकड़ों से पता चलता है कि इस मानसून में पहाड़ी राज्य को अब तक 8,663 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसमें कहा गया है कि लोक निर्माण विभाग को सबसे अधिक 2,937 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. (PTI)

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Last Updated : Sep 3, 2023, 6:59 PM IST
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