शिमला: लंबे समय से छात्रों की मार्कशीट और डिग्री नहीं देने को लेकर सुर्खियों में आए शिमला के संजौली स्थित हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म पर निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है. आयोग की ओर 7 लाख का जुर्माना संस्थान पर किया गया है जिसे चुकाने के लिए 31 मार्च तक का समय संस्थान प्रबंधन को दिया गया है.
इससे पहले आयोग की ओर से संस्थान को बार-बार छात्रों की मार्कशीट और डिग्री या जारी करने को लेकर दिए गए. यहां तक की संस्थान के कहे अनुसार उन्हें समय भी आयोग ने डिग्री और मार्कशीट देने के लिए दिया था लेकिन अभी तक संस्थान की ओर से छात्रों की डिग्री और मार्कशीट नहीं दी गई है.
592 छात्र कर चुके हैं डिग्री कोर्स
छात्रों के बार-बार मांग करने पर संस्थान आनाकानी करता हुआ नजर आ रहा था जिसके चलते अब आयोग की ओर से जो कड़ी कार्रवाई संस्थान पर की गई है. इस संस्थान में 592 के करीब ऐसे छात्र हैं जो कई साल पहले अपना डिग्री कोर्स पूरा कर चुके हैं और उन्होंने कोर्स के लिए पूरी फीस भी जमा करवाई है लेकिन अब संस्थान उनकी डिग्री और मार्कशीट देने में आनाकानी कर रहा है. इस मामले को लेकर पहले भी शिकायत छात्रों की ओर से आयोग में दर्ज करवाई गई थी.
छात्रों की शिकायत पर संस्थान के खिलाफ कार्रवाई
छात्रों की शिकायत पर कार्रवाई भी आयोग ने संस्थान पर की थी और संस्थान प्रबंधन को आयोग के कार्यालय में बुलाया गया था. संस्थान प्रबंधन की ओर से कुछ समय छात्रों की डिग्रियां और मार्कशीट जारी करने के लिए मांगा था. आयोग की ओर से यह समय भी संस्थान को दिया गया था लेकिन बावजूद इसके भी अभी तक छात्रों की डिग्री और मार्कशीट संस्थान की ओर से जारी नहीं की गई है. ऐसे में छात्रों के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ को देखते हुए आयोग ने पहली बार इस तरह का सख्त फैसला संस्थान के खिलाफ दिया है.
एचआईएचटी के खिलाफ 7 लाख का जुर्माना
निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के चेयरमैन मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि फीस में अस्थिरता और समय पर डिग्री ना देने पर एक निजी संस्थान को 7 लाख रुपए जुर्माना किया गया है. 31 मार्च तक जुर्माना राशि जमा करवाने के आदेश भी जारी किए गए हैं.
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2017 के छात्रों को अभी तक नहीं दी गई डिग्री
बता दें कि हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म संस्थान से 2017 में पास आउट हुए बैच के छात्रों को अभी तक उनकी डिग्रियां ही नहीं दी गई है. संस्थान ने छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है और अब छात्र अपनी डिग्री ओर अपने अंतिम सेमेस्टर के परिणाम के लिए दर दर भटकने को मजबूर हैं. संस्थान की ओर से डिग्री ओर सर्टिफिकेट ना मिलने से छात्रों का भविष्य खराब हो गया है. उन्हें नौकरी में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जो नौकरियां मिली भी थी उनसे भी डिग्री ना होने की वजह से बाहर निकाला जा रहा हैं.
डिग्री के लिए दर-दर भटक रहे छात्र
यही हाल 2017 के पास आउट हुए बैच के अलावा अन्य बैच के 500 के करीब छात्रों का है. इन छात्रों के हालात यह है कि प्रोफेशनल कोर्स करने के लिए तीन लाख के करीब की फ़ीस देने के बाद भी अपनी डिग्री के लिए इस तरह से भटकने के लिए मजबूर हैं.
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