शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (Indian Oil Corporation) द्वारा आवंटित दो पेट्रोल पम्पों का आवंटन रद्द कर दिया है. आईओसी द्वारा यह आवंटन कांगड़ा और ऊना जिले में किया गया था. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने यह आवंटन रद्द करते हुए इन आउटलेट का फिर से नियमों का पालन करते हुए आवंटित करने के आदेश दिए.
जानकारी के अनुसार ज्वालामुखी तहसील के तहत बोह गांव में पेट्रोल पम्प (Petrol Pump in Boh Village) लगाने के लिए आईओसी ने एचपी एग्रो इंडस्ट्री का चयन किया, जबकि ऊना जिले के तहत सब तहसील दुलेहड़ के मोहाल थारा में सतवंत सिंह को एक पेट्रोल पम्प आवंटित किया गया था. मैसर्ज आदित्य एचपी सेंटर की प्रोपराइटर अमन परमार और हरदीप सिंह ने ज्वालामुखी के बोह वाले पेट्रोल पम्प के आवंटन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जितेंद्र कुमार ने ऊना वाले पेट्रोल पम्प के आवंटन को खारिज करने की मांग की थी.
तीनों याचिकाओं में प्रार्थियों ने इन आवंटनों को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि यह आवंटन इंडियन रोड कांग्रेस और मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे द्वारा तय मानदंडों को दरकिनार कर किए गए हैं. आईओसी की दलील थी कि जिन पेट्रोल पम्पों को लगाने के लिए चयन किया गया है, उन पर उक्त मानदंड नहीं लगते. कोर्ट ने इस दलील को नकारते हुए कहा कि इंडियन रोड कांग्रेस (Indian Roads Congress) और मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे (ministry of road transport and highway) द्वारा तय मानदंड प्रदेश के हर हिस्से में लागू होते हैं. इसलिए इनके दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर आवंटित किए गए. इन पेट्रोल पम्पों का आवंटन हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है.
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