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HP High Court: हिमाचल हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा, किस नियम के तहत वापस होंगे माननीयों पर दर्ज केस

हिमाचल हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले किस नियम के तहत वापस होंगे. गृह विभाग ने अदालत से 65 अभियोगों को वापस लेने की अनुमति मांगी है. पढ़ें पूरा मामला... (Himachal Pradesh High Court).

Himachal Pradesh High Court
हिमाचल हाई कोर्ट (फाइल फोटो).
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 22, 2023, 7:03 PM IST

Updated : Sep 22, 2023, 7:46 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले किस नियम के तहत वापस होंगे. अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह सबंधित नियम और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को अदालत के समक्ष पेश करें. मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 27 सितंबर को निर्धारित की है.

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि सरकार ने विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को खत्म करने के लिए आवेदन दायर किया है. गृह विभाग ने अदालत से 65 अभियोगों को वापस लेने की अनुमति मांगी है. आवेदन के माध्यम से अदालत को बताया गया कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री समेत विधायकों के खिलाफ प्रदेश के 10 जिलों की अदालतों में अभियोग चल रहे हैं. दलील दी गई है कि विधायकों पर राजनीतिक द्वेष के कारण ये आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

वर्तमान और पूर्व विधायक के खिलाफ दर्ज किए गए ये मामले राजनीतिक विरोध से जुड़े हैं. किसी भी विधायक के खिलाफ गंभीर अपराध की सिफारिश नहीं की गई है. आवेदन के माध्यम से अदालत को बताया गया है कि यह आवेदन कानून की पुष्टि से असंबद्ध किसी गुप्त उद्देश्य से दायर नहीं किया गया है. आवेदन सार्वजनिक नीति और न्याय के हित में अच्छे विश्वास से किया गया है, न कि कानून की प्रक्रिया को विफल करने या दबाने के लिए. अदालत को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत विधायक और सांसद के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए विशेष न्यायाधीशों को नियुक्ति किया गया है. लेकिन अभी तक सिर्फ सात मामलों का निपटारा किया गया है.

ये भी पढ़ें- Hamirpur News: लदरौर मेले में मजनुओं की पिटाई, युवतियों को कर रहे थे परेशान, CCTV फुटेज में कैद हुई धुनाई

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले किस नियम के तहत वापस होंगे. अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह सबंधित नियम और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को अदालत के समक्ष पेश करें. मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 27 सितंबर को निर्धारित की है.

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि सरकार ने विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को खत्म करने के लिए आवेदन दायर किया है. गृह विभाग ने अदालत से 65 अभियोगों को वापस लेने की अनुमति मांगी है. आवेदन के माध्यम से अदालत को बताया गया कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री समेत विधायकों के खिलाफ प्रदेश के 10 जिलों की अदालतों में अभियोग चल रहे हैं. दलील दी गई है कि विधायकों पर राजनीतिक द्वेष के कारण ये आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

वर्तमान और पूर्व विधायक के खिलाफ दर्ज किए गए ये मामले राजनीतिक विरोध से जुड़े हैं. किसी भी विधायक के खिलाफ गंभीर अपराध की सिफारिश नहीं की गई है. आवेदन के माध्यम से अदालत को बताया गया है कि यह आवेदन कानून की पुष्टि से असंबद्ध किसी गुप्त उद्देश्य से दायर नहीं किया गया है. आवेदन सार्वजनिक नीति और न्याय के हित में अच्छे विश्वास से किया गया है, न कि कानून की प्रक्रिया को विफल करने या दबाने के लिए. अदालत को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत विधायक और सांसद के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए विशेष न्यायाधीशों को नियुक्ति किया गया है. लेकिन अभी तक सिर्फ सात मामलों का निपटारा किया गया है.

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Last Updated : Sep 22, 2023, 7:46 PM IST
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