शिमला: साल 2020 के अंत तक नवंबर या दिसंबर में पंचायती राज चुनाव होने की पूरी संभावना है. इसके लिए निर्वाचन आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बार होने वाले पंचायती राज चुनावों की पूरी जानकारी मतदाता ऐप के माध्यम से भी प्राप्त कर सकेंगे.
निर्वाचन आयोग ने चुनाव आयोग की तर्ज पर एक ऐप बनाने का फैसला लिया है. जिसमें सरपंच से लेकर जिला परिषद तक प्रत्येक उम्मीदवार का प्रोफाइल भी अपलोड किया जाएगा.
ऐसे में मतदाता ऐप के माध्यम से ही उम्मीदवार की योग्यता और उपलब्धियों के बारे में आसानी से जान सकेंगे. इस ऐप पर मतदाताओं की संख्या सहित उम्मीदवारों के बारे में पूर्ण विवरण अपलोड किया जाएगा.
पंचायती राज चुनावों में मतपत्र का होगा इस्तेमाल
हिमाचल प्रदेश निर्वाचन आयोग का यह अपने आप में इस प्रकार का पहला प्रयोग है. पंचायती राज चुनावों में मतपत्र का इस्तेमाल होगा. जबकि स्थानीय निकाय चुनाव में ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा.
निर्वाचन आयोग के सचिव सुरजीत सिंह राठौर ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में पहली बार उम्मीदवारों का डाटा प्रोफाइल तैयार किया जाएगा. एनआईसी के सहयोग से आयोग इसे तैयार कर रहा है.
उम्मीदवारों की रियल टाइम में उपलब्ध होगी जानकारी
डाटा प्रोफाइल में उम्मीदवारों को लेकर तमाम जानकारी रियल टाइम में उपलब्ध होगी. इसका मतलब यह है कि नामांकन पत्र भरने के साथ ही आयोग की वेबसाइट पर पहुंचते ही लोगों को उम्मीदवार को लेकर तमाम जानकारी मिल सकेगी.
निर्वाचन आयोग के सचिव सुरजीत सिंह राठौर ने कहा कि हिमाचल में 3 चरणों में पंचायती राज चुनाव होंगे पूरे प्रदेश में एक साथ चुनाव करवाने की तैयारी की जा रही है.
लाहौल घाटी में मौसम पर निर्भर करेगा चुनाव
हालांकि लाहौल घाटी में बर्फबारी की वजह से इस क्षेत्र में पंचायती राज चुनावों में देरी हो सकती है, लेकिन यदि रोहतांग सुरंग से वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाती है और मौसम साथ देता है, तो लाहौल घाटी में भी एक साथ ही चुनाव कराने की संभावनाएं देखी जाएंगी.
सुरजीत सिंह राठौर ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल 30 जनवरी 2021 को खत्म हो जाएगा. इससे पहले नई पंचायतों का गठन होना है.
स्थानीय निकायों का कार्यकाल 18 जनवरी 2021 को होगा समाप्त
पंचायती राज कानूनों के प्रावधानों के तहत आयोग चुनावों को नहीं टाल सकता और स्थानीय निकायों का कार्यकाल 18 जनवरी 2021 को समाप्त हो रहा है.
राज्य निर्वाचन आयोग दोनों ही चुनाव एक साथ करवाने पर विचार कर रहा है. इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है. निर्वाचन आयोग को पंचायत चुनाव के लिए मतदान पत्र छापने होते हैं, जोकि उम्मीदवार तय होने के बाद ही छापे जा सकते हैं. ऐसे में इनकी तैयारियां भी अभी से शुरू कर दी गई है.
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