शिमला: हिमाचल प्रदेश में दो नवंबर से स्कूल और कॉलेजों को छात्रों की नियमित कक्षाएं लगाने के लिए खोला जा रहा है. शिक्षण संस्थानों के खुलने के बाद किस तरह की व्यवस्था यहां छात्रों और स्टॉफ के लिए रहेगी ऐसे लेकर एडवाइजरी शिक्षा विभाग की ओर से जारी कर दी गई है.
विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के तहत संस्थानों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही सेनिटाइजेशन का भी खास ध्यान रखना होगा. विभाग की ओर से यह निर्देश सभी स्कूल और कॉलेज प्रबंधकों को जारी किए गए हैं कि प्रशासन को अपने स्तर पर पूरी एहतियात बरतनी होगी. कोई भी छात्र जब स्कूल और कॉलेज में इंटर करेगा तो सबसे पहले उसकी थर्मल स्कैनिंग की जाएगी.
हाथ सेनिटाइज करने के साथ ही हाथ धोने को लेकर भी शैक्षणिक संस्थानों में उचित प्रबंध करना आवश्यक होगा. यदि किसी छात्र, स्टॉफ ओर शिक्षक में सर्दी, जुकाम और फ्लू जैसे लक्षण होंगे तो तुरंत उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच के लिए भेजा जाएगा और अवकाश दे कर उन्हें स्वस्थ होने के बाद ही संस्थान में बुलाया जाएगा.
शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की कक्षाएं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लगाई जाएंगी. छात्रों को इस तरह से बैठाया जाएगा जिससे कि उनके बीच दूरी बनी रहे. कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है इसकी संस्थान के मुखिया की तरफ से जांच की जाएगी.
विभाग की ओर से सपष्ट कर दिया है कि किसी भी तरह की लापरवाही छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर नहीं बढ़ती जाएगी. शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने एडवाइजरी जारी कर यह स्पष्ट किया है. स्कूल,कॉलेजों में भारत सरकार और प्रदेश सरकार की ओर से समय समय पर जारी की गई एसओपी का पालन करना अनिवार्य होगा.
शिक्षण संस्थानों में सेनिटाइजेशन का खास ध्यान रखना होगा. परिसर के साथ ही क्लास रूम भी सेनिटाइज हो रहे है. इस पर संस्थान के हेड को ध्यान रखना होगा ताकि छात्रों, उनके अभिभावकों, शिक्षकों और स्टॉफ को संस्थान में सुरक्षित महसूस हो और उनका आत्मविश्वास बना रहे.
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