शिमलाः कोरोना के संकट के बीच में प्रदेश के स्कूल और कॉलेज बंद पड़े हैं और ऐसे में छात्रों की पढ़ाई का लगातार भारी नुकसान हो रहा है. हालांकि सरकार प्रयास कर रही है, जिससे कि छात्रों की पढ़ाई के नुकसान को कम किया जा सके.
इसी को देखते हुए अब प्रदेश शिक्षा बोर्ड की ओर से कोरोना के संकट के बीच में भी सभी छात्रों तक फ्री किताबें पहुंचा दी गई हैं.
छात्रों को एनसीईआरटी के सिलेबस पर आधारित किताबें उनके घरों तक पहुंचा दी गई हैं, जिनके माध्यम से छात्र अपनी पढ़ाई को जारी रख पाएंगे.
प्रदेश में पहली से आठवीं तक के ढाई से तीन लाख करीब छात्रों को यह किताबें बोर्ड ने पहुंचाई है. हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से किए गए इस प्रयास की शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी सराहना की है और बोर्ड की उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई दी है.
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि 24 मार्च से ही कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगाया गया है. अब इसका तीसरा चरण चल रहा है.
ऐसे में स्कूल और कॉलेजों के छात्रों के पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. कुछ परीक्षाएं छात्रों की हो चुकी हैं और कुछ परीक्षाएं लॉकडाउन के बाद करवाई जानी हैं.
ऐसे में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए ऑनलाइन स्टडी भी करवाई जा रही है और ऑनलाइन स्टडीज में छात्रों की किताबें उनका सहारा बन सके, इसके लिए हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड की ओर से किताबें बच्चों तक पहुंचा दी गई हैं.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड देश का पहला ऐसा बोर्ड है, जिसने कोरोना के संकट बीच में भी छात्रों तक किताबें पहुंचाई हैं. प्रदेश शिक्षा बोर्ड के इस काम की सराहना एमएचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक की ओर से भी की गई है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभिभावकों की जिम्मेवारी बनती है कि जो किताबें बच्चों को मुहैया करवाई गई हैं, वह उसके उपयोग को सार्थक बनाएं.
छात्र ऑनलाइन स्टडी के साथ ही दूरदर्शन के माध्यम से अपनी पढ़ाई को जारी रखने के साथ ही किताबों का भी सहारा विषयों को समझने के लिए लें, जिससे कि उनकी पढ़ाई प्रभावित ना हो.
शिक्षा मंत्री ने हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड को बधाई दी है कि जिन्होंने कोरोना के संकट के बीच में भी स्टाफ की कमी के चलते भी किताबें समय पर प्रिंट करवा कर उन्हें छात्रों तक पहुंचाया है.
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