शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेने वाले सभी राजनीतिक दलों को अपने खर्च का ब्यौरा 21 फरवरी तक देना होगा. चुनाव आयोग ने राजनितिक दलों से चुनावी खर्च का ब्यौरा देने को कहा है. वहीं, प्रत्याशियों द्वारा खर्च का ब्यौरा जमा करवाने की 7 जनवरी को आखिरी तारीख थी. विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने वाले प्रत्याशियों ने शनिवार को जिला निवार्चन अधिकारियों यानी जिला उपायुक्तों के पास अपने खर्चा का ब्यौरा जमा करवा दिया है. (Election expenditure of Himachal political parties)
नतीजों के 75 दिन के भीतर खर्च का ब्यौरा देना जरूरी- नियमानुसार भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावों की घोषणा और इसकी अधिसूचना के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा की गई सभी सार्वजनिक बैठकों, रैलियों पर किए गए व्ययों का पूरा लेखा विवरण विधानसभा निर्वाचन के परिणाम की घोषणा से 75 दिनों के भीतर जमा करवानी होती है. इस तरह सभी राजनीतिक दलों को 21 फरवरी तक अपने खर्चे का ब्यौरा देना जरूरी है.
प्रत्याशियों के लिए 7 जनवरी थी अंतिम तारीख- विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए चुनावी खर्च का ब्यौरा देने की 7 जनवरी की आखिरी तारीख थी. नियमासार चुनाव नतीजों से 30 दिन के भीतर प्रत्याशियों को खर्च का पूरा ब्यौरा संबधित जिला निवार्चन अधिकारियों को देना होता है. जिसकी आखिरी तारीख शनिवार था. हिमाचल में 412 प्रत्याशियों ने इस बार चुनाव लड़ा. जिन प्रत्याशियों ने अभी तक खर्च का ब्यौरा जमा नहीं करवाया था उनके द्वारा शनिवार को इसका ब्यौरा संबंधित जिला निवार्चन अधिकारियों के पास जमा करवाया गया.
जिला निवार्चन अधिकारी अब इस ब्यौरे का अवलोकन करेगा और इसके आधार पर अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को देगा. इस नियम का पालन न करने वाले प्रत्याशियों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने कहा है कि नियमानुसार चुनाव नतीजे आने के 75 दिन के भीतर सभी राजनीतिक दलों को अपने खर्च का ब्यौरा देना जरूरी होता है. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया है कि वे अपने खर्च का ब्यौरा 21 फरवरी से पहले जमा करवाएं. (Political parties have to pay election expenses) (Himachal Political parties expenditure) (Himachal Political parties) (Election Commission of India)
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