शिमला: हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र का तीसरा दिन है. इस दौरान सदन में आपदा पर चर्चा में भाग लेते हुए बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने केंद्र सरकार और भाजपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा पीएम मोदी को आपदा के समय हिमाचल की याद नहीं आई. केंद्र ने हमें आपदा में हेलीकॉप्टर मुफ्त में नहीं दिए, बल्कि हमने इसका किराया दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कहा सरकार ने सेब को पहली बार किलो के हिसाब से बेचने की व्यवस्था की है. इससे प्रदेश में बागवानों को उनको अच्छे रेट मिल रहे हैं. सभी बागवान सरकार के इस फैसले की सराहना कर रहे हैं. हालांकि, चौपाल के विधायक बलबीर वर्मा उनके पास आढतियों को लेकर आए थे और उन्होंने कहा था कि इस सीजन में किलो के हिसाब से सेब बेचना रहने दो, अगली बार इसकी व्यवस्था करना.
'प्रधानमंत्री को प्रदेश की याद नहीं आई': जगत सिंह नेगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को हिमाचल के पकवान याद रहते हैं, लेकिन जब आपदा आई तो पीएम को प्रदेश की याद नहीं आ रही. जबकि प्रदेश में सदी की सबसे भीषण तबाही हुई है. केंद्र सरकार हिमाचल को सता रही है. राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के संकल्प पर सदन में बोलते हुए जगत नेगी ने कहा कि केंद्र ने नुकसान के आकलन को टीमें भेजी और आकलन कराया, लेकिन अब तक राहत नहीं दी गई.
आपदा में केंद्र ने हेलीकॉप्टर मुफ्त में नहीं दिए: उन्होंने कहा कि विपक्ष चिल्ला रहा है कि केंद्र ने हेलीकॉप्टर दिए और आर्थिक सहायता की. विपक्ष को यह समझ नहीं कि इन हेलीकॉप्टर का हमने किराया दिया है. केंद्र ने हेलीकॉप्टर मुफ्त में नहीं दिए. केंद्र ने जो आर्थिक सहायता अब तक दी है. वह डिजास्टर फंड था और सभी राज्यों को मिलना तय था.
'विपक्ष इसलिए हमें न सताए कि केंद्र में आपकी सरकार है': केंद्र से विशेष राहत पैकेज न मिलने पर जगत सिंह नेगी ने विपक्ष पर भी तंज कसा. उन्होंने विपक्ष से कहा कि हमें इसलिए न सताएं कि केंद्र में आपकी सरकार है. उन्होंने कहा कि हम संघीय ढांचे में रह रहे हैं, ऐसे में हम साथ मिलकर इस प्रस्ताव समर्थन दें.
'सेब को 8 रुपए किलो बेचने को थे मजबूर': जगत सिंह नेगी ने सरकार द्वारा आपदा के समय सड़कों की बहाली के लिए गए कार्यों की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने कहा बीजेपी सरकारों के समय बंद सड़कों को समय पर नहीं खोला जाता था. साल 2000 में जब सतलुज में बाढ़ आने से सड़कों पर बने पुल बह गए थे. तब किन्नौर में सेब बागवानों के सेब फंस गए थे. तब उन्होंने सेब बागवानों को लेकर एक महीने की हड़ताल की. तब बागवानों का सेब 8 रुपए किलो के हिसाब से सरकार ने लिया था. सरकार ने बागवानों से दगा कर 200 रुपए किलो का सेब आठ रुपए किलो में लिया था.
'ऐसे षड़यंत्रकारी को सजा होनी चाहिए': जगत सिंह नेगी ने कहा आपदा के समय प्रदेश सरकार की नाकामी को दिखाने के लिए एक व्यक्ति नाले में सड़े हुए सेब नाले में फैंक कर प्रदूषण फैला रहा था. इस व्यक्ति के पीछे दूसरा खड़ा व्यक्ति हंस रहा था. इस व्यक्ति पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया है. जगत सिंह नेगी ने इस जुर्माने को जायज ठहराते हुए कहा कि ऐसी षड़यंत्रकारी को सजा होनी चाहिए.