चंडीगढ़/शिमला: रविवार को चंडीगढ़ में हिमाचल प्रदेश की उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर (industry minister bikram singh thakur) ने कई औद्योगिक घरानों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर के किए. इस मौके पर उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि वह आज कई कंपनियों के साथ समझौता पर हस्ताक्षर कर रहे हैं. इससे प्रदेश मंत्री 3000 करोड़ से अधिक का निवेश होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना काल से पहले ही धर्मशाला में एक ग्लोबल इन्वेस्टर मीट करवाई गई थी, जिसमें करीब 95000 करोड़ के समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे. उन्होंने कहा कि सरकार ने विपरीत परिस्थितियों में भी 14500 करोड़ के निवेश की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया और अब वे दूसरे मुकाम को हासिल करने की तैयारी में हैं.
बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि उनकी कोशिश है कि जो बड़े इन्वेस्टर हैं वे प्रदेश में आएं और उद्योग धंधे स्थापित करें. इसके लिए उनका प्रयास लगातार जारी है. इतना ही नहीं प्रदेश में औद्योगिक घराने के लिए प्रदेश सरकार कई सुविधाएं और रियायतें भी दे रही है. ताकि वे प्रदेश में उद्योग लगाएं. इससे प्रदेश के युवाओं को भी रोजगार मिलेगा. उद्योग मंत्री ने कहा कि अभी तक प्रदेश में जो भी उद्योग स्थापित हुए हैं, उसमें करीब 80 फीसदी युवा प्रदेश की कार्य कर रहे हैं और आगे भी जो कंपनियां आएगी उनमें भी प्रदेश के युवाओं को रोजगार का मौका मिलेगा.
उन्होंने कहा जल्द ही प्रदेश को संभावित 8000 करोड़ निवेश का बल्क ड्रग पार्क मिलने की भी आशा है, जिसमें 15000 लोगों को रोजगार देने की क्षमता होगी. उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश में दो नई पेपर मिल स्थापित होना भी प्रस्तावित है.
3307 करोड़ रुपए निवेश के एमओयू पर हस्ताक्षर: हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह रविवार चंडीगढ़ में 26 औद्योगिक घरानों के साथ वन टू वन रूबरू हुए और इस दौरान हिमाचल प्रदेश में इन औद्योगिक घरानों द्वारा 3307 करोड़ रुपए निवेश के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. इसमें करीब 15, 000 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. इस अवसर पर उद्योग निदेशक राकेश प्रजापति, उद्योग विभाग के अतिरिक्त निदेशक तिलक राज शर्मा, महाप्रबंधक ऊना एवम सिरमौर भी उपस्थित थे.
कई नामी कंपनियों के साथ एमओयू: जिन बड़ी कंपनियों के साथ आज समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए, उनमें लुधियाना स्थित ट्राइडेंट कम्पनी द्वारा प्रदेश में टेक्सटाइल पार्क बनाने का प्रस्ताव दिया गया, जिसमें करीब 800 करोड़ का निवेश होगा. उद्योग मंत्री द्वारा द्वारा टेक्सटाइल पार्क की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करने के लिए विभाग के अधिकारियों को जल्द समुचित कदम उठाने के निर्देश दिए.
एथनॉल आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए उठाया कदम: भारत सरकार के आत्मनिर्भर अभियान के अंतर्गत पेट्रोल के आयात का खर्चा कम करने के लिए एथनॉल आधारित उद्योग स्थापित किए जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रदेश में लगभग एक हजार करोड़ निवेश के 6 एमओयू साइन किए गए.
कई और कंपनियों के साथ हुए समझौते: बेटर टुमॉरो इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रदेश में प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क के लिए 490 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा, जिसमें करीब 2000 लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके अलावा माधव एग्रो कंपनी द्वारा प्रदेश में 400 करोड़ रुपए की लागत से प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किया जाना प्रस्तावित है जिसमें 2,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा.
हिमाचल में फिल्म सिटी स्थापित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर: मैसर्ज माधव एग्रो ने निजी औद्योगिक पार्क स्थापित करने के लिए 400 करोड़ रुपए और मैसर्ज हिमालयन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट ने प्रदेश में पहले कौशल विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए 150 करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए. मैसर्ज पिटारा टीवी ने प्रदेश में फिल्म सिटी स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपए का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए. अपोलो हॉस्पिटल की फ्रेंचाइजी मैसर्ज मेटाफिजिकल हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड ने 250 बिस्तरों वाला अस्पताल स्थापित करने के लिए 150 करोड़ रुपए का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया. मैसर्ज नचिकेता पेपर लिमिटेड ने क्राफ्ट और डुपलेक्स बोर्ड के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया.
हिमालयन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा 150 करोड़ रुपए लागत की निजी क्षेत्र में हिमालयन स्किल यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी जिसमें 450 लोगों को रोजगार मिलेगा. मैटाफिजिकल हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा नालागढ़ क्षेत्र में डेढ़ सौ करोड़ रुपए की लागत से 250 बिस्तर का प्राइवेट हॉस्पिटल स्थापित किया जाना प्रस्तावित है, जिसमें 500 लोगों को रोजगार मिलेगा.
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