शिमला: बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) व डीएल एड (डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन) की सीटों को भरने के लिए छात्रों को स्पांसर करने वाली मांग से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने ब्लूम्ज एजुकेशन सोसाइटी को दी गई अंतरिम राहत वापिस ले ली है. हाईकोर्ट ने पाया कि सोसाइटी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अदालत को गुमराह करते हुए अपने पक्ष में अंतरिम आदेश हासिल कर लिए. अदालत ने पाया कि सोसाइटी ने सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी के रजिस्ट्रार के फर्जी दस्तखत वाले दस्तावेजों का प्रयोग किया.
इस पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने एसपी मंडी को आदेश दिए हैं कि वह ब्लूम्ज एजुकेशन सोसायटी प्रबंधन व अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें. अदालत ने इस प्रकरण में शामिल सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा है. इसके अलावा हाईकोर्ट ने एसपी मंडी को अदालत के समक्ष यह स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं कि उन्होंने इस मामले में एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की ?
हाईकोर्ट ने कहा कि जब 29 नवंबर को सरदार पटेल यूनिवर्सिटी (एसपीयू) मंडी की ओर से इस बाबत उनके समक्ष शिकायत दर्ज करवा दी गई थी, तो एफआईआर रजिस्टर्ड क्यों नहीं की गई ? उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने 22 नवंबर 2023 को सरदार पटेल यूनिवर्सिटी को यह आदेश जारी किए थे कि वह प्रार्थी संस्थान को बीएड व डीएलएड की कॉउंसलिंग के लिए छात्रों को उनकी इच्छा के अनुसार भाग लेने का अवसर दे. हालांकि, अदालत ने यह पहले ही स्पष्ट किया था कि उनका दाखिला याचिका पर होने वाले अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा.
इस मामले में 22 नवंबर के अंतरिम आदेश पारित होने के बाद सरदार पटेल यूनिवर्सिटी ने हाईकोर्ट के सामने आवेदन दाखिल कर अंतरिम आदेशों को रद्द करने का निर्णय जारी करने की गुहार लगाई थी. सरदार पटेल यूनिवर्सिटी की ओर से हाईकोर्ट के समक्ष यह दलील दी गई थी कि प्रार्थी संस्थान ने अंतरिम आदेश हासिल करने के लिए अदालत से धोखाधड़ी की, जो दस्तावेज याचिका के साथ लगाया गया है वह यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार के फर्जी हस्ताक्षर कर तैयार किया गया है. इस बारे में एसपी यूनिवर्सिटी मंडी प्रशासन की तरफ से प्रार्थी संस्थान ब्लूम्ज एजुकेशन सोसाइटी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिकायत भी दर्ज की जा चुकी है. इस पर हाईकोर्ट ने सोसाइटी को दी गई अंतरिम राहत वापस ले ली है.
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