शिमला: चंबा स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Chamba Medical College) में आउटसोर्स आधार पर कर्मियों की भर्ती से जुड़ा मामला हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट पहुंच गया है. आउटसोर्स आधार पर सेवाएं देने वाली दिल्ली की कंपनी को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. वहीं, अदालत ने इस पर राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है. ये मामला प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद एहतेशाम सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष लिस्टेड है.
खंडपीठ ने इस संदर्भ में सरकार से जवाब तलब किया है. मामले की सुनवाई सात दिसंबर को होगी. हाईकोर्ट में याचिका कारपोरेट केयर कंपनी ने दाखिल की है. याचिकाकर्ता कॉरपोरेट केयर ने दातार सिक्योरिटी ग्रुप पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्रशासन को गुमराह करने के आरोप लगाया है. दलील दी गई है कि मेडिकल कॉलेज चंबा में फरवरी 2021 में अस्पताल के लिए आउटसोर्स सेवाओं का टेंडर आमंत्रित किया था. (Himachal High court)(Outsource recruitment in Chamba Medical College).
टेंडर की शर्तों के अनुसार आवेदक के पास कम से कम 200 बिस्तर वाले अस्पताल में तीन साल तक काम करने का अनुभव होना चाहिए. वहीं, दातार कंपनी को दो साल से भी कम समय के अनुभव के बावजूद टेंडर अवार्ड कर दिया गया. कारपोरेट कंपनी ने आरोप लगाया है कि प्रतिवादी ने झूठे दस्तावेज लगाए. प्रतिवादी कंपनी ने बारामती अस्पताल के अनुभव प्रमाण पत्र लगाया था. ये अनुभव प्रमाण पत्र नवंबर 2018 को जारी किया गया. वहीं, बारामती अस्पताल की स्थापना ही 2019 में हुई थी. ऐसे में याचिकाकर्ता ने प्रतिवादी कंपनी का टेंडर रद्द करने की गुहार लगाई है. अब मामले की सुनवाई सात दिसंबर को होगी.
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