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हिमाचल हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगी स्टेटस रिपोर्ट, 8 मई को देना होगा वेटलैंड भूमि रखरखाव का ब्यौरा - हिमाचल वेटलैंड मामला

हिमाचल हाईकोर्ट ने वेटलैंड भूमि के रखरखाव को लेकर केंद्र सरकार से 8 मई को स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट में केंद्र को रखरखाव से संबंधित फंड का ब्यौरा भी पेश करना होगा.

हिमाचल हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
हिमाचल हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
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Published : Apr 25, 2023, 8:37 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में राज्य के वेटलैंड यानी रामसर भूमि के रखरखाव को लेकर केंद्र सरकार से ताजा स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने ये रिपोर्ट तलब की है. केंद्र सरकार को ये रिपोर्ट 8 मई को हिमाचल हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. इस मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान की अगुवाई वाली खंडपीठ कर रही है.

केंद्र ने 421.28 लाख रुपए जारी किए थे: केंद्र सरकार को वेटलैंड के रखरखाव से संबंधित फंड का ब्यौरा भी पेश करना होगा. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनुपालना में वेटलैंड की देखरेख पर संज्ञान लिया है. हिमाचल में सिरमौर जिले में श्री रेणुका जी वेटलैंड, चंबा जिले में खजियार वेटलैंड और पौंग डैम वेटलैंड के रखरखाव को केंद्र सरकार ने कुल 421.28 लाख रुपये जारी किए थे. वेटलैंड भूमि को रामसर भूमि कहा जाता है. ये भूमि का वो हिस्सा होता है, जिसमें या तो स्थायी रूप से या मौसमी रूप से अधिकांश क्षेत्र में पानी जमा होता है.

देश में 2 लाख से अधिक वेटलैंड: शीर्ष अदालत ने पाया था कि कई वेटलैंड और झीलें गायब हो रही हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने देश में 2 लाख से अधिक वेटलैंड की पहचान की है. वर्ष 2011 में एक नेशनल वैटलैंड एटलस तैयार किया गया था और 2,01,503 वेटलैंड की मैपिंग की गई थी. शीर्ष अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि सरकार सभी 2,01,503 वेटलैंड की सुरक्षा के लिए सूची तैयार करें और राज्य सरकारों के परामर्श से इन्हें अधिसूचित करें.

15 जून 2017 को राज्य स्तरीय कमेटी का गठन : . सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिए थे कि संबंधित राज्यों के हाई कोर्ट इसकी देखरेख करें. हाईकोर्ट के दखल के बाद प्रदेश सरकार ने वेटलैंड्स (संरक्षण और प्रबंधन) नियम-2017 बनाए. सरकार ने 15 जून 2017 को राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया ,जिसका कार्य वेटलैंड की पहचान और संरक्षण करना था.

ये भी पढ़ें : हिमाचल हाईकोर्ट का राज्य सरकार के सभी सीपीएस को नोटिस, 19 मई को होगी मामले की सुनवाई

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में राज्य के वेटलैंड यानी रामसर भूमि के रखरखाव को लेकर केंद्र सरकार से ताजा स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने ये रिपोर्ट तलब की है. केंद्र सरकार को ये रिपोर्ट 8 मई को हिमाचल हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. इस मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान की अगुवाई वाली खंडपीठ कर रही है.

केंद्र ने 421.28 लाख रुपए जारी किए थे: केंद्र सरकार को वेटलैंड के रखरखाव से संबंधित फंड का ब्यौरा भी पेश करना होगा. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनुपालना में वेटलैंड की देखरेख पर संज्ञान लिया है. हिमाचल में सिरमौर जिले में श्री रेणुका जी वेटलैंड, चंबा जिले में खजियार वेटलैंड और पौंग डैम वेटलैंड के रखरखाव को केंद्र सरकार ने कुल 421.28 लाख रुपये जारी किए थे. वेटलैंड भूमि को रामसर भूमि कहा जाता है. ये भूमि का वो हिस्सा होता है, जिसमें या तो स्थायी रूप से या मौसमी रूप से अधिकांश क्षेत्र में पानी जमा होता है.

देश में 2 लाख से अधिक वेटलैंड: शीर्ष अदालत ने पाया था कि कई वेटलैंड और झीलें गायब हो रही हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने देश में 2 लाख से अधिक वेटलैंड की पहचान की है. वर्ष 2011 में एक नेशनल वैटलैंड एटलस तैयार किया गया था और 2,01,503 वेटलैंड की मैपिंग की गई थी. शीर्ष अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि सरकार सभी 2,01,503 वेटलैंड की सुरक्षा के लिए सूची तैयार करें और राज्य सरकारों के परामर्श से इन्हें अधिसूचित करें.

15 जून 2017 को राज्य स्तरीय कमेटी का गठन : . सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिए थे कि संबंधित राज्यों के हाई कोर्ट इसकी देखरेख करें. हाईकोर्ट के दखल के बाद प्रदेश सरकार ने वेटलैंड्स (संरक्षण और प्रबंधन) नियम-2017 बनाए. सरकार ने 15 जून 2017 को राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया ,जिसका कार्य वेटलैंड की पहचान और संरक्षण करना था.

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