ETV Bharat / state

Himachal High court: हिमाचल विद्युत निगम की तीन श्रेणियों के कर्मचारियों को 2009 से किया जाए रेगुलर, हाईकोर्ट ने दिए आदेश

राज्य विद्युत निगम के कर्मियों के लिए राहत भरी खबर है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम की तीन श्रेणियों के कर्मचारियों को वर्ष 2009 से नियमित करने के आदेश पारित किए हैं. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal High court) (Himachal Electricity Corporation Employees)

himachal highcourt orders to regularize three categories of employees
हिमाचल हाईकोर्ट ने विद्युत कर्मियों को दी राहत
author img

By

Published : Aug 19, 2023, 3:29 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत निगम के कर्मचारियों के लिए हाईकोर्ट से एक अच्छी खबर आई है. दरअसल, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विद्युत निगम की तीन श्रेणियों के कर्मचारियों को वर्ष 2009 से नियमित किए जाने के आदेश पारित किए हैं. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने इस संदर्भ में दिए गए फैसले में कहा कि याचिकाकर्ताओं को पूर्वव्यापी नियमितिकरण का लाभ दिया जाए. अदालत ने केवल कृष्ण और अन्य की तरफ से दाखिल की गई विभिन्न याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह निर्णय सुनाया. अदालत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत निगम ने 17 श्रेणियों में से 14 श्रेणियों के कर्मचारियों को नियमितिकरण का लाभ दिया है, लेकिन याचिकाकर्ताओं की तीन श्रेणियों को इस लाभ से वंचित कर दिया गया है.

हाईकोर्ट ने कहा कि निगम का यह निर्णय संविधान के अनुछेद 14 के तहत बराबरी के अधिकार का सरासर उल्लंघन करता है. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की श्रेणियों को अन्य श्रेणियों से वर्गीकरण किया जाना कानूनन गलत है. मामले के अनुसार 17 अप्रैल 2008 को विभिन्न सरकारी उपक्रमों के कर्मचारियों की अलग-अलग श्रेणियों के 463 पद इधर-उधर स्थानांतरित किए गए थे. इनमें से किन्न कैलाश पावर कारपोरेशन के 276 व पब्बर वैली पावर कारपोरेशन के 187 पद शामिल थे. बाद में हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम ने याचिकाकर्ताओं की तीन श्रेणियों के पद अनुबंध आधार पर भरे. 20 जनवरी 2009 को निगम ने 14 श्रेणियों के 97 कर्मचारियों को नियमित कर दिया.

अदालत को बताया गया कि निगम ने उन सभी कर्मचारियों को नियमित किया है जिन्हें अनुबंध आधार पर नियुक्ति दी गई थी. लेकिन याचिकाकर्ताओं को नियमितिकरण का लाभ नहीं दिया गया. नियमों के अनुसार वे नियमितिकरण के लिए आरएंडपी (रिक्रूटमेंट एंड प्रमोशन) नियमों के तहत पूरी योग्यताएं रखते थे. याचिकाकर्ताओं ने अदालत से गुहार लगाई थी कि उन्हें भी वर्ष 2009 से ही नियमित किए गए कर्मचारियों की तरह ही लाभ दिया जाए. न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने याचिकाओं का निपटारा करते हुए तीन श्रेणियों के कर्मचारियों को उपरोक्त लाभ देने के आदेश जारी किए.

ये भी पढ़ें: HIMACHAL HIGHCOURT, कांगड़ा के वेटरनरी फार्मासिस्ट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को अंतरिम राहत

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत निगम के कर्मचारियों के लिए हाईकोर्ट से एक अच्छी खबर आई है. दरअसल, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विद्युत निगम की तीन श्रेणियों के कर्मचारियों को वर्ष 2009 से नियमित किए जाने के आदेश पारित किए हैं. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने इस संदर्भ में दिए गए फैसले में कहा कि याचिकाकर्ताओं को पूर्वव्यापी नियमितिकरण का लाभ दिया जाए. अदालत ने केवल कृष्ण और अन्य की तरफ से दाखिल की गई विभिन्न याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह निर्णय सुनाया. अदालत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत निगम ने 17 श्रेणियों में से 14 श्रेणियों के कर्मचारियों को नियमितिकरण का लाभ दिया है, लेकिन याचिकाकर्ताओं की तीन श्रेणियों को इस लाभ से वंचित कर दिया गया है.

हाईकोर्ट ने कहा कि निगम का यह निर्णय संविधान के अनुछेद 14 के तहत बराबरी के अधिकार का सरासर उल्लंघन करता है. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की श्रेणियों को अन्य श्रेणियों से वर्गीकरण किया जाना कानूनन गलत है. मामले के अनुसार 17 अप्रैल 2008 को विभिन्न सरकारी उपक्रमों के कर्मचारियों की अलग-अलग श्रेणियों के 463 पद इधर-उधर स्थानांतरित किए गए थे. इनमें से किन्न कैलाश पावर कारपोरेशन के 276 व पब्बर वैली पावर कारपोरेशन के 187 पद शामिल थे. बाद में हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम ने याचिकाकर्ताओं की तीन श्रेणियों के पद अनुबंध आधार पर भरे. 20 जनवरी 2009 को निगम ने 14 श्रेणियों के 97 कर्मचारियों को नियमित कर दिया.

अदालत को बताया गया कि निगम ने उन सभी कर्मचारियों को नियमित किया है जिन्हें अनुबंध आधार पर नियुक्ति दी गई थी. लेकिन याचिकाकर्ताओं को नियमितिकरण का लाभ नहीं दिया गया. नियमों के अनुसार वे नियमितिकरण के लिए आरएंडपी (रिक्रूटमेंट एंड प्रमोशन) नियमों के तहत पूरी योग्यताएं रखते थे. याचिकाकर्ताओं ने अदालत से गुहार लगाई थी कि उन्हें भी वर्ष 2009 से ही नियमित किए गए कर्मचारियों की तरह ही लाभ दिया जाए. न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने याचिकाओं का निपटारा करते हुए तीन श्रेणियों के कर्मचारियों को उपरोक्त लाभ देने के आदेश जारी किए.

ये भी पढ़ें: HIMACHAL HIGHCOURT, कांगड़ा के वेटरनरी फार्मासिस्ट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को अंतरिम राहत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.