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Himachal High Court: जबरन वसूली मामले में नालागढ़ पुलिस के आईओ, एसएचओ सहित एसडीपीओ के तबादला आदेश जारी, हाईकोर्ट ने डीजीपी से तलब की रिपोर्ट

हिमाचल हाईकोर्ट ने जबरन वसूली मामले में नालागढ़ पुलिस के आईओ, एसएचओ सहित एसडीपीओ के तबादला करने के लिए आदेश जारी किया है. साथ ही मामले में होईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू से रिपोर्ट तलब की है. पढ़िए पूरी खबर...(Himachal High Court) (Nalagarh Police IO SHO SDPO transfer Order) (Nalagarh Extortion Case)

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 21, 2023, 10:02 PM IST

शिमला: जबरन वसूली से जुड़े एक मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. अदालत ने इस मामले में नालागढ़ पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी (आईओ), एसएचओ के तबादला आदेश जारी किए हैं. साथ ही नालागढ़ पुलिस स्टेशन के एसडीपीओ की ट्रांसफर करने को भी कहा है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा ने डीजीपी से इस मामले की जांच रिपोर्ट भी तलब की है.

अदालत ने गृह सचिव व डीजीपी को आदेश देते हुए स्पष्ट किया है कि आपराधिक न्याय प्रणाली में भरोसा बनाए रखने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है. अदालत ने जबरन वसूली करने के आरोपियों की तरफ से दाखिल आवेदन का निपटारा करते हुए उपरोक्त आदेश जारी किए. हाईकोर्ट ने डीजीपी को एसआईटी गठित कर नालागढ़ पुलिस स्टेशन के उक्त पुलिस कर्मियों के खिलाफ लगाए कदाचार के आरोपों की जांच के आदेश भी दिए. डीजीपी को 8 हफ्ते जांच रिपोर्ट देनी होगी.

कोर्ट ने जबरन वसूली मामले के आरोपियों द्वारा पुलिस पर लगाए आरोपों के कारण उनके खिलाफ जांच की जिम्मेवारी भी एसआईटी को सौंपने के आदेश दिए. इसके लिए कोर्ट ने एसपी बद्दी को एसआईटी गठित करने के आदेश दिए. ये एसआईटी जबरन वसूली से जुड़े मामले की जांच करेगी.

क्या है पूरा मामला: जबरन वसूली से जुड़े इस पेचीदा मामले के अनुसार नैनीताल निवासी तनुजा चंदोला और सूरज चंदोला ने एसएचओ नालागढ़ पर आरोप लगाया कि उक्त पुलिस अधिकारी ने उन पर घूस देने का दबाव बनाया. आरोप है कि एसएचओ ने उनके खिलाफ जबरन वसूली और साजिश रचने से जुड़े मामले में जमानत सुनिश्चित करने की एवज में घूस की मांग की. तनुजा चंदोला व सूरज चंदोला पर आरोप है कि उन्होंने विवेक महाजन नामक व्यक्ति से जबरन वसूली की साजिश रची. इन्हीं दो आरोपियों ने ही नालागढ़ पुलिस के जांच अधिकारी आरोप लगाया कि उन्होंने निष्पक्ष जांच की बजाय उन पर साइबर सेल के समक्ष जांच में हिस्सा लेने का दबाव बनाया और बिना किसी अथॉरिटी के उनके मोबाइल नंबर सर्विलांस पर रखे.

इसी मामले की दूसरी कड़ी के अनुसार नैनीताल निवासी तनुजा व सूरज के खिलाफ विवेक महाजन ने जबरन वसूली और साजिश करने का आरोप लगाते हुए पुलिस स्टेशन नालागढ़ में एफआईआर दर्ज करवाई थी. विवेक महाजन का आरोप है कि तनुजा व सूरज ने छलपूर्वक उससे पैसे वसूले. विवेक के अनुसार टिंडर एप के जरिए उसकी पहचान आरोपी महिला से हुई थी. महिला ने छलावा कर पहले अपने आप को अपूर्वा बताया और बाद में तनुजा. इस प्रकार सोशल मीडिया पर दोस्ती होने के बाद विवेक के मुताबिक उससे भारी भरकम राशि की मांग होने लगी. जब उसने पैसे देने से मना किया तो महिला की तरफ से उसे दुष्कर्म के झूठे केस में फंसाने की धमकियां दी जाने लगी.

इस पर शिकायतकर्ता ने एसएचओ मानपुरा पुलिस स्टेशन को सूचित किया. जब एसएचओ मानपुरा ने फोन पर बात कर आरोपी महिला को बुलाया तो उसने आने से मना कर दिया. शिकायतकर्ता विवेक का कहना है कि महिला ने उसके खिलाफ एचपी साइबर सेल शिमला में झूठी शिकायत दर्ज कर दुष्कर्म के आरोप लगाए. इसके परिणामस्वरूप पुलिस स्टेशन नालागढ़ में शिकायतकर्ता विवेक महाजन और उसकी पत्नी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 506 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया.

आरोप प्रत्यारोप के इस मामले में शिकायतकर्ता विवेक ने आरोपी महिला और उसके पति के खिलाफ पुलिस स्टेशन नालागढ़ में जबरन वसूली को लेकर आईपीसी की धारा 387, 389, 416, 506 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया. इस मामले में आरोपित महिला तनुजा चंदोला और सूरज चंदोला ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिकाएं दाखिल की थीं. हाईकोर्ट ने उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, लेकिन नालागढ़ पुलिस स्टेशन के अफसरों के तबादले कर डीजीपी को जांच के आदेश दिए हैं.

ये भी पढ़ें: Himachal High Court: अवैध तौर पर डंप मलबे को हटाने का खर्च आंका 64 लाख, दोषी ठेकेदार को 5.81 लाख जुर्माने पर हाईकोर्ट नाखुश, पीडब्ल्यूडी को लगाई लताड़

शिमला: जबरन वसूली से जुड़े एक मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. अदालत ने इस मामले में नालागढ़ पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी (आईओ), एसएचओ के तबादला आदेश जारी किए हैं. साथ ही नालागढ़ पुलिस स्टेशन के एसडीपीओ की ट्रांसफर करने को भी कहा है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा ने डीजीपी से इस मामले की जांच रिपोर्ट भी तलब की है.

अदालत ने गृह सचिव व डीजीपी को आदेश देते हुए स्पष्ट किया है कि आपराधिक न्याय प्रणाली में भरोसा बनाए रखने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है. अदालत ने जबरन वसूली करने के आरोपियों की तरफ से दाखिल आवेदन का निपटारा करते हुए उपरोक्त आदेश जारी किए. हाईकोर्ट ने डीजीपी को एसआईटी गठित कर नालागढ़ पुलिस स्टेशन के उक्त पुलिस कर्मियों के खिलाफ लगाए कदाचार के आरोपों की जांच के आदेश भी दिए. डीजीपी को 8 हफ्ते जांच रिपोर्ट देनी होगी.

कोर्ट ने जबरन वसूली मामले के आरोपियों द्वारा पुलिस पर लगाए आरोपों के कारण उनके खिलाफ जांच की जिम्मेवारी भी एसआईटी को सौंपने के आदेश दिए. इसके लिए कोर्ट ने एसपी बद्दी को एसआईटी गठित करने के आदेश दिए. ये एसआईटी जबरन वसूली से जुड़े मामले की जांच करेगी.

क्या है पूरा मामला: जबरन वसूली से जुड़े इस पेचीदा मामले के अनुसार नैनीताल निवासी तनुजा चंदोला और सूरज चंदोला ने एसएचओ नालागढ़ पर आरोप लगाया कि उक्त पुलिस अधिकारी ने उन पर घूस देने का दबाव बनाया. आरोप है कि एसएचओ ने उनके खिलाफ जबरन वसूली और साजिश रचने से जुड़े मामले में जमानत सुनिश्चित करने की एवज में घूस की मांग की. तनुजा चंदोला व सूरज चंदोला पर आरोप है कि उन्होंने विवेक महाजन नामक व्यक्ति से जबरन वसूली की साजिश रची. इन्हीं दो आरोपियों ने ही नालागढ़ पुलिस के जांच अधिकारी आरोप लगाया कि उन्होंने निष्पक्ष जांच की बजाय उन पर साइबर सेल के समक्ष जांच में हिस्सा लेने का दबाव बनाया और बिना किसी अथॉरिटी के उनके मोबाइल नंबर सर्विलांस पर रखे.

इसी मामले की दूसरी कड़ी के अनुसार नैनीताल निवासी तनुजा व सूरज के खिलाफ विवेक महाजन ने जबरन वसूली और साजिश करने का आरोप लगाते हुए पुलिस स्टेशन नालागढ़ में एफआईआर दर्ज करवाई थी. विवेक महाजन का आरोप है कि तनुजा व सूरज ने छलपूर्वक उससे पैसे वसूले. विवेक के अनुसार टिंडर एप के जरिए उसकी पहचान आरोपी महिला से हुई थी. महिला ने छलावा कर पहले अपने आप को अपूर्वा बताया और बाद में तनुजा. इस प्रकार सोशल मीडिया पर दोस्ती होने के बाद विवेक के मुताबिक उससे भारी भरकम राशि की मांग होने लगी. जब उसने पैसे देने से मना किया तो महिला की तरफ से उसे दुष्कर्म के झूठे केस में फंसाने की धमकियां दी जाने लगी.

इस पर शिकायतकर्ता ने एसएचओ मानपुरा पुलिस स्टेशन को सूचित किया. जब एसएचओ मानपुरा ने फोन पर बात कर आरोपी महिला को बुलाया तो उसने आने से मना कर दिया. शिकायतकर्ता विवेक का कहना है कि महिला ने उसके खिलाफ एचपी साइबर सेल शिमला में झूठी शिकायत दर्ज कर दुष्कर्म के आरोप लगाए. इसके परिणामस्वरूप पुलिस स्टेशन नालागढ़ में शिकायतकर्ता विवेक महाजन और उसकी पत्नी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 506 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया.

आरोप प्रत्यारोप के इस मामले में शिकायतकर्ता विवेक ने आरोपी महिला और उसके पति के खिलाफ पुलिस स्टेशन नालागढ़ में जबरन वसूली को लेकर आईपीसी की धारा 387, 389, 416, 506 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया. इस मामले में आरोपित महिला तनुजा चंदोला और सूरज चंदोला ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिकाएं दाखिल की थीं. हाईकोर्ट ने उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, लेकिन नालागढ़ पुलिस स्टेशन के अफसरों के तबादले कर डीजीपी को जांच के आदेश दिए हैं.

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