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Himachal High Court: अटल टनल के आसपास कचरे के निष्पादन के लिए उठाए जा रहे कदमों की रिपोर्ट सौंपे सरकार - अटल टनल में कचरे का निष्पादन

अटल टनल में कचरे के निष्पादन को लेकर किए गए प्रावधानों की प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है जो कि कोर्ट को दो दिन के भीतर दी जाएगी. पर्यटकों द्वारा अटल टनल के आसपास फैलाए जा रहे कचरे को लेकर कोर्ट ने यह कड़ा संज्ञान लिया है. (Himachal High Court on Management of waste around Atal Tunnel)

Himachal HC on Management of waste around Atal Tunnel
हाईकोर्ट ने मांगी अटल टनल के पास कचरा निष्पादन की रिपोर्ट
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Published : Mar 28, 2023, 10:11 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के पयर्टक स्थलों में अटल टनल मुख्य रुप से उभरा है. हर साल पर्यटक यहां बड़ी तादाद में घूमने आते हैं. ऐसे में अटल टनल के के पास कूड़े के निपटारे के लिए पर्याप्त प्रावधान न होने व पर्यटकों के लिए पर्याप्त शौचालय सुविधा न होने के कारण यहां गंदगी का आलम बढ़ रहा है. जिस पर अब हिमाचल हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लेते हुए ये आदेश जारी किए हैं कि अटल टनल के आसपास कचरे के निष्पादन के लिए राज्य सरकार ने जो भी प्रबंध किए हैं उसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी जाए. राज्य सरकार द्वारा स्टेटस रिपोर्ट तैयार कर ली गई है जो दो दिन में हाईकोर्ट को सौंपी जाएगी.

हाईकोर्ट ने मांगी टनल के पास कचरा निष्पादन की रिपोर्ट: हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से टनल के आसपास गंदगी न फैले इसके लिए राज्य सरकार ने क्या प्रावधान किए हैं इसकी जानकारी मांगी है. समाचार पत्रों में छपी खबरों पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से टनल के आसपास गंदगी हटाने के लिए उठाए गए जरुरी कदमों के बारे में जानकारी कोर्ट के सामने रखने के आदेश दिए. इनमें चेतावनी बोर्ड, डस्टबिन, पुरुषों व महिलाओं के लिए शौचालय और क्षेत्र को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए उठाए जा रहे उपाय शामिल हैं. वहीं, हाईकोर्ट ने सरकार से अटल टनल के पास गंदगी फैलाने वाले लोगों से 1 साल में वसूले गए जुर्माने की राशि की जानकारी भी मांगी है. 10 अप्रैल को मामले पर आगामी सुनवाई होगी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई.

गौरतलब है कि अटल टनल हिमाचल प्रदेश का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है और बड़ी संख्या में लोग यहां घूमने आते हैं. पीर पंजाल श्रृंखला के उत्तरी हिस्से में रोहतांग दर्रे के नीचे यह टनल बनाई गई है. लेकिन यहां आने वाले कुछ गैर जिम्मेदार पर्यटकों द्वारा अटल टनल के आसपास कचरा फैलाया जा रहा है. यहां न ही सही से कूड़ेदान हैं और पर्यटकों के लिए शौचालय भी पर्याप्त नहीं हैं. जिस पर अब प्रदेश हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है.

ये भी पढ़ें: नगर निगम चुनाव को लेकर रोस्टर तैयार, शहरी विकास विभाग से मंजूरी का इंतजार

शिमला: हिमाचल प्रदेश के पयर्टक स्थलों में अटल टनल मुख्य रुप से उभरा है. हर साल पर्यटक यहां बड़ी तादाद में घूमने आते हैं. ऐसे में अटल टनल के के पास कूड़े के निपटारे के लिए पर्याप्त प्रावधान न होने व पर्यटकों के लिए पर्याप्त शौचालय सुविधा न होने के कारण यहां गंदगी का आलम बढ़ रहा है. जिस पर अब हिमाचल हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लेते हुए ये आदेश जारी किए हैं कि अटल टनल के आसपास कचरे के निष्पादन के लिए राज्य सरकार ने जो भी प्रबंध किए हैं उसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी जाए. राज्य सरकार द्वारा स्टेटस रिपोर्ट तैयार कर ली गई है जो दो दिन में हाईकोर्ट को सौंपी जाएगी.

हाईकोर्ट ने मांगी टनल के पास कचरा निष्पादन की रिपोर्ट: हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से टनल के आसपास गंदगी न फैले इसके लिए राज्य सरकार ने क्या प्रावधान किए हैं इसकी जानकारी मांगी है. समाचार पत्रों में छपी खबरों पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से टनल के आसपास गंदगी हटाने के लिए उठाए गए जरुरी कदमों के बारे में जानकारी कोर्ट के सामने रखने के आदेश दिए. इनमें चेतावनी बोर्ड, डस्टबिन, पुरुषों व महिलाओं के लिए शौचालय और क्षेत्र को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए उठाए जा रहे उपाय शामिल हैं. वहीं, हाईकोर्ट ने सरकार से अटल टनल के पास गंदगी फैलाने वाले लोगों से 1 साल में वसूले गए जुर्माने की राशि की जानकारी भी मांगी है. 10 अप्रैल को मामले पर आगामी सुनवाई होगी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई.

गौरतलब है कि अटल टनल हिमाचल प्रदेश का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है और बड़ी संख्या में लोग यहां घूमने आते हैं. पीर पंजाल श्रृंखला के उत्तरी हिस्से में रोहतांग दर्रे के नीचे यह टनल बनाई गई है. लेकिन यहां आने वाले कुछ गैर जिम्मेदार पर्यटकों द्वारा अटल टनल के आसपास कचरा फैलाया जा रहा है. यहां न ही सही से कूड़ेदान हैं और पर्यटकों के लिए शौचालय भी पर्याप्त नहीं हैं. जिस पर अब प्रदेश हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है.

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