शिमला: हिमाचल प्रदेश के कई डिग्री कॉलेजों में बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर तक नहीं है. जिसपर अब हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. अदालत ने राज्य सरकार से प्रदेश के सभी कॉलेजों में आधारभूत ढांचे को लेकर सारी जानकारी तलब की है. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को ये जानकारी देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है. खंडपीठ ने मामले की आगामी सुनवाई 21 नवंबर को निर्धारित की है.
हिमाचल सरकार पर हाई कोर्ट की सख्ती: उल्लेखनीय है कि हाल ही में चौपाल उपमंडल के कुपवी कॉलेज के मामले में ये तथ्य सामने आया था कि कॉलेज में एक भी शिक्षक नहीं है. फिलहाल, हिमाचल हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिका के निपटारे के लिए प्रदेश के सभी कॉलेजों की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश की जानी जरूरी है. अदालत ने सरकार को आदेश दिए हैं कि वह सभी कॉलेजों में शिक्षकों का ब्यौरा, भवन निर्माण, बुनियादी ढांचे और बजट आवंटन की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से दें. हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी कॉलेज में कोई कमी दूर की जानी है तो उसके लिए प्रस्तावित समय की भी कोर्ट को जानकारी दी जाए.
हिमाचल हाई कोर्ट के आदेश: उल्लेखनीय है कि कुछ छात्रों की ओर से मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर अदालत ने 21 जून 2019 को संज्ञान लिया था. अदालत के हस्तक्षेप से राज्य के एक फाइन आर्ट्स कॉलेज के भवन निर्माण कार्य में तेजी आई थी. अदालत ने अपने आदेशों में कहा था कि छात्रों के पत्र को शिकायत नहीं कहा जा सकता है. हालांकि उन्होंने कॉलेज के आधारभूत संरचना की मांग की है, जिसे पूरा करने में राज्य सरकार विफल रही है. अब राज्य सरकार को शपथ पत्र से सभी कॉलेजों में मौजूद ढांचे की जानकारी देनी होगी.