ETV Bharat / state

अटल टनल के आसपास कचरे की सफाई के सरकारी उपायों से हाई कोर्ट नाखुश, एमिक्स क्यूरी के सुझावों पर नए सिरे से जवाब तलब

Himachal High Court News: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने अटल टनल के आसपास कचरे के निपटान के लिए सरकारी उपायों पर नाराजगी जताई है. बता दें कि खंडपीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार को अटल टनल क्षेत्र से कूड़ा-कचरा हटाने के लिए कचरा फैलाने वालों के खिलाफ जुर्माना करने के प्रावधानों की जानकारी और विगत 1 साल में दोषियों से वसूले गए जुर्माने की राशि का ब्यौरा मांगा था. पढ़ें पूरा मामला...

Himachal High Court News
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट (फाइल फोटो).
author img

By

Published : May 19, 2023, 10:01 PM IST

Updated : May 19, 2023, 10:11 PM IST

शिमला: विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल अटल टनल के आसपास कूड़े-कचरे की सफाई के सरकारी स्तर पर किए गए उपायों से हाई कोर्ट ने नाखुशी जताई है. अदालत ने कहा है कि राज्य सरकार ने इस संदर्भ में जो प्रयास और उपाय किए हैं, वो नाकाफी हैं. वहीं, इस मामले में नियुक्त किए गए एमिक्स क्यूरी ने राज्य सरकार को जो सुझाव दिए हैं, उस पर हाई कोर्ट ने नए सिरे से जवाब तलब किया है.

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को उन सुझावों पर अपना पक्ष रखने के लिए निर्देश जारी किए हैं. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. खंडपीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को अटल टनल क्षेत्र से कूड़ा-कचरा हटाने के लिए अभियान चलाने, कचरा फैलाने वालों के खिलाफ जुर्माना करने के प्रावधानों की जानकारी और विगत एक साल में दोषियों से वसूले गए जुर्माने की राशि का ब्यौरा मांगा था.

इसके अलावा अदालत ने संबंधित क्षेत्र में डस्टबिन स्थापित करने, पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय बनाने, इलाके को स्वच्छ बनाने के प्रावधानों की जानकारी भी पेश करने को कहा था. इस मामले में एमिक्स क्यूरी नियुक्त किए गए एडवोकेट विनोद ठाकुर ने अदालत को बताया कि अटल टनल आने वाले सैलानी व अन्य लोग सफाई के प्रति लापरवाह हैं. सैलानी गैर जिम्मेदारी से भरा व्यवहार करते हैं. यदि कोई सैलानी या स्थानीय व्यक्ति किसी जगह कूड़ा फेंक देता है तो दूसरे सैलानी भी यही सोचकर उस जगह गंदगी फैलाते हैं. लोग ऐसा मानते हैं कि उन्हें उस जगह पर कूड़ा फेंकने का लाइसेंस मिल गया है.

एमिक्स क्यूरी ने बताया कि संबंधित क्षेत्र में डस्टबिन व ट्रैशबिन का अभाव भी कचरा फैलने का मुख्य कारण है. एमिक्स क्यूरी का सुझाव था कि सफाई व्यवस्था रखने के लिए और अधिक कर्मचारी नियुक्त किए जाने चाहिए. सफाई रखने व कचरा हटाने के लिए ठेके पर काम देने के लिए टेंडर कॉल करने की जरूरत है. इसके अलावा अटल टनल के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाना, पब्लिक यूटिलिटी सर्विसिज उपलब्ध करवाना, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से पर्यावरण नियमों का सख्ती से पालन करवाना जरूरी है.

वन विभाग द्वारा वन क्षेत्र से अवैध निर्माण हटाना भी आवश्यक है. साथ ही स्थानीय व्यवसायियों को यह एहसास दिलाना चाहिए कि कूड़ा फैलने से न केवल पर्यावरण का नुकसान है, बल्कि उनकी आजीविका भी प्रभावित होगी, यदि कूड़ा फैला होगा. वहीं, अदालत ने कहा कि अटल टनल में सभी आवागमन करने वाले वाहनों की जांच की जाए. अगर किसी वाहन में प्लास्टिक की बोतल इत्यादि मिले तो उन्हें जब्त किया जाए. प्लास्टिक वाटर बोतल कैरी करने वालों से 50 रुपए अग्रिम राशि ली जाए और खाली बोतल देने के बाद ही उन्हें ये राशि वापस की जाए. अब मामले में सुनवाई 31 मई को होगी.

Read Also- हिमाचल प्रदेश में अध्यापकों के भरे जाएंगे लगभग 6 हजार पद: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर

शिमला: विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल अटल टनल के आसपास कूड़े-कचरे की सफाई के सरकारी स्तर पर किए गए उपायों से हाई कोर्ट ने नाखुशी जताई है. अदालत ने कहा है कि राज्य सरकार ने इस संदर्भ में जो प्रयास और उपाय किए हैं, वो नाकाफी हैं. वहीं, इस मामले में नियुक्त किए गए एमिक्स क्यूरी ने राज्य सरकार को जो सुझाव दिए हैं, उस पर हाई कोर्ट ने नए सिरे से जवाब तलब किया है.

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को उन सुझावों पर अपना पक्ष रखने के लिए निर्देश जारी किए हैं. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. खंडपीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को अटल टनल क्षेत्र से कूड़ा-कचरा हटाने के लिए अभियान चलाने, कचरा फैलाने वालों के खिलाफ जुर्माना करने के प्रावधानों की जानकारी और विगत एक साल में दोषियों से वसूले गए जुर्माने की राशि का ब्यौरा मांगा था.

इसके अलावा अदालत ने संबंधित क्षेत्र में डस्टबिन स्थापित करने, पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय बनाने, इलाके को स्वच्छ बनाने के प्रावधानों की जानकारी भी पेश करने को कहा था. इस मामले में एमिक्स क्यूरी नियुक्त किए गए एडवोकेट विनोद ठाकुर ने अदालत को बताया कि अटल टनल आने वाले सैलानी व अन्य लोग सफाई के प्रति लापरवाह हैं. सैलानी गैर जिम्मेदारी से भरा व्यवहार करते हैं. यदि कोई सैलानी या स्थानीय व्यक्ति किसी जगह कूड़ा फेंक देता है तो दूसरे सैलानी भी यही सोचकर उस जगह गंदगी फैलाते हैं. लोग ऐसा मानते हैं कि उन्हें उस जगह पर कूड़ा फेंकने का लाइसेंस मिल गया है.

एमिक्स क्यूरी ने बताया कि संबंधित क्षेत्र में डस्टबिन व ट्रैशबिन का अभाव भी कचरा फैलने का मुख्य कारण है. एमिक्स क्यूरी का सुझाव था कि सफाई व्यवस्था रखने के लिए और अधिक कर्मचारी नियुक्त किए जाने चाहिए. सफाई रखने व कचरा हटाने के लिए ठेके पर काम देने के लिए टेंडर कॉल करने की जरूरत है. इसके अलावा अटल टनल के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाना, पब्लिक यूटिलिटी सर्विसिज उपलब्ध करवाना, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से पर्यावरण नियमों का सख्ती से पालन करवाना जरूरी है.

वन विभाग द्वारा वन क्षेत्र से अवैध निर्माण हटाना भी आवश्यक है. साथ ही स्थानीय व्यवसायियों को यह एहसास दिलाना चाहिए कि कूड़ा फैलने से न केवल पर्यावरण का नुकसान है, बल्कि उनकी आजीविका भी प्रभावित होगी, यदि कूड़ा फैला होगा. वहीं, अदालत ने कहा कि अटल टनल में सभी आवागमन करने वाले वाहनों की जांच की जाए. अगर किसी वाहन में प्लास्टिक की बोतल इत्यादि मिले तो उन्हें जब्त किया जाए. प्लास्टिक वाटर बोतल कैरी करने वालों से 50 रुपए अग्रिम राशि ली जाए और खाली बोतल देने के बाद ही उन्हें ये राशि वापस की जाए. अब मामले में सुनवाई 31 मई को होगी.

Read Also- हिमाचल प्रदेश में अध्यापकों के भरे जाएंगे लगभग 6 हजार पद: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर

Last Updated : May 19, 2023, 10:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.