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Himachal High Court: लोअर बाजार शिमला के तहबाजारियों को 28 दिन की राहत, वेंडिंग कमेटी गठित न करने पर कमिश्नर को हाईकोर्ट की फटकार

हिमाचल हाईकोर्ट से शिमला के लोअर बाजार के तहबाजारियों को राहत मिली है. कोर्ट ने नगर निगम शिमला की सुस्त कार्य प्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए लोअर बाजार के तहबाजारियों को 28 दिन की राहत दी है. वहीं, मामले में वेंडिंग कमेटी गठित न करने हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला के कमिश्नर को भी कड़ी फटकार लगाई है. पढ़िए पूरी खबर... (Himachal High Court)

Himachal High Court
हिमाचल हाईकोर्ट
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Published : Jul 8, 2023, 7:32 AM IST

शिमला: राजधानी शिमला के लोअर बाजार के तहबाजारियों को हाईकोर्ट की तरफ से और 28 दिन की राहत मिल गई है. राहत का कारण नगर निगम शिमला की सुस्त कार्य प्रणाली है. दरअसल, हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला के प्रशासन को स्ट्रीट वेंडर्स के लिए टाउन वेंडिंग कमेटी के गठन का निर्देश दिया था. निगम प्रशासन ने न तो वेंडिंग कमेटी का गठन किया और न ही तहबाजारियों के लिए कोई योजना तैयार की. इस पर नगर निगम शिमला के कमिश्नर को हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार भी लगाई है. अदालत ने खेद जताया कि तहबाजारियों से जुड़े मामले में नगर निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली सही नहीं है.

मामले की पिछली सुनवाई के दौरान नगर निगम प्रशासन ने हाईकोर्ट को आश्वस्त किया था कि तहबाजारियों के कारण पैदा हो रही समस्याओं से निपटने के लिए कानून के प्रावधानों की सख्ती से पालना की जाएगी. हाईकोर्ट में ये सुनवाई छह हफ्ते पहले हुई थी. उस समय नगर निगम प्रशासन की तरफ से दिए गए आश्वासन के बावजूद टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन नहीं किया गया. अदालत ने कहा कि तहबाजारियों के लिए कानून के अनुसार कोई योजना भी अभी तक तैयार नहीं की गई है.

हाईकोर्ट ने खेद जताया कि नगर निगम प्रशासन ने टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन किए बिना ही लोअर बाजार क्षेत्र को नो वेंडिंग जोन घोषित कर दिया. मामले में हाईकोर्ट ने तहबाजारी एसोसिएशन को अपने लाइसेंस नगर निगम से साझा करने के आदेश दिए ताकि नगर निगम उन्हें सत्यापित कर सके. साथ ही नगर निगम को तुरंत टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन करने के आदेश दिए गए हैं. इसके लिए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को डिसप्यूट सेटिंग मैकेनिज्म तैयार करने के भी आदेश जारी किए.

गौरतलब है कि पूर्व में हाईकोर्ट ने लोअर बाजार क्षेत्र से तहबाजारियों को हटाने के मामले में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे. नगर निगम शिमला को आदेश दिए थे कि वह तहबाजारियों को हटाने से पहले उन्हें 30 दिनों का नोटिस जारी करें. कोर्ट ने तहबाजारियों के पुनर्स्थापन में लगने वाले समय की जानकारी भी मांगी थी. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि कोई भी तहबाजारी एंबुलेंस और अग्निशमन की गाड़ियों की आवाजाही में बाधक न बने. निगम ने कोर्ट को बताया था कि कई तहबाजारियों को हटा दिया गया है और उनका सब्जी मंडी के मैदान में पुनर्स्थापन किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: Himachal High court: NIOS के फर्जी प्रमाण पत्रों की धीमी जांच पर हाईकोर्ट नाराज, एसआईटी के गठन का संकेत

शिमला: राजधानी शिमला के लोअर बाजार के तहबाजारियों को हाईकोर्ट की तरफ से और 28 दिन की राहत मिल गई है. राहत का कारण नगर निगम शिमला की सुस्त कार्य प्रणाली है. दरअसल, हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला के प्रशासन को स्ट्रीट वेंडर्स के लिए टाउन वेंडिंग कमेटी के गठन का निर्देश दिया था. निगम प्रशासन ने न तो वेंडिंग कमेटी का गठन किया और न ही तहबाजारियों के लिए कोई योजना तैयार की. इस पर नगर निगम शिमला के कमिश्नर को हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार भी लगाई है. अदालत ने खेद जताया कि तहबाजारियों से जुड़े मामले में नगर निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली सही नहीं है.

मामले की पिछली सुनवाई के दौरान नगर निगम प्रशासन ने हाईकोर्ट को आश्वस्त किया था कि तहबाजारियों के कारण पैदा हो रही समस्याओं से निपटने के लिए कानून के प्रावधानों की सख्ती से पालना की जाएगी. हाईकोर्ट में ये सुनवाई छह हफ्ते पहले हुई थी. उस समय नगर निगम प्रशासन की तरफ से दिए गए आश्वासन के बावजूद टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन नहीं किया गया. अदालत ने कहा कि तहबाजारियों के लिए कानून के अनुसार कोई योजना भी अभी तक तैयार नहीं की गई है.

हाईकोर्ट ने खेद जताया कि नगर निगम प्रशासन ने टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन किए बिना ही लोअर बाजार क्षेत्र को नो वेंडिंग जोन घोषित कर दिया. मामले में हाईकोर्ट ने तहबाजारी एसोसिएशन को अपने लाइसेंस नगर निगम से साझा करने के आदेश दिए ताकि नगर निगम उन्हें सत्यापित कर सके. साथ ही नगर निगम को तुरंत टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन करने के आदेश दिए गए हैं. इसके लिए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को डिसप्यूट सेटिंग मैकेनिज्म तैयार करने के भी आदेश जारी किए.

गौरतलब है कि पूर्व में हाईकोर्ट ने लोअर बाजार क्षेत्र से तहबाजारियों को हटाने के मामले में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे. नगर निगम शिमला को आदेश दिए थे कि वह तहबाजारियों को हटाने से पहले उन्हें 30 दिनों का नोटिस जारी करें. कोर्ट ने तहबाजारियों के पुनर्स्थापन में लगने वाले समय की जानकारी भी मांगी थी. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि कोई भी तहबाजारी एंबुलेंस और अग्निशमन की गाड़ियों की आवाजाही में बाधक न बने. निगम ने कोर्ट को बताया था कि कई तहबाजारियों को हटा दिया गया है और उनका सब्जी मंडी के मैदान में पुनर्स्थापन किया जाएगा.
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