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सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती मामले में हाईकोर्ट में बदली खंडपीठ, अब 7 दिसंबर को सुनवाई करेगी नई बैंच

Himachal CPS Appointment Case: हिमाचल प्रदेश में सीपीएस नियुक्ति के खिलाफ याचिका मामले में अब हाईकोर्ट में बदली खंडपीठ सुनवाई करेगी. मामले में अगली सुनवाई अब 7 दिसंबर को नई बैंच करेगी.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 4, 2023, 3:53 PM IST

Updated : Nov 4, 2023, 6:33 PM IST

सीपीएस नियुक्ति मामला

शिमला: हिमाचल सरकार में सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका से जुड़े मामले में अब सुनवाई 7 दिसंबर को होगी. कारण ये है कि इस केस की सुनवाई कर रही खंडपीठ में बदलाव हुआ है. पहले मामले को न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ सुन रही थी. अब नई बैंच में न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी के स्थान पर न्यायमूर्ति संदीप शर्मा आए हैं. नई बैंच ने अगली डेट 7 दिसंबर को तय की है.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल में छह सीपीएस की नियुक्ति को भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती व अन्यों की तरफ से असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी गई है. राज्य सरकार ट्रांसफर पिटीशन के जरिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. वहां अगले हफ्ते सुनवाई होनी है. ऐसे में हाईकोर्ट की नई बैंच ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद यहां 7 दिसंबर को इस केस को सुना जाएगा. इस बीच, हाईकोर्ट ने डिप्टी सीएम के शपथ ग्रहण को लेकर तलब किए गए रिकार्ड को अपने पास रख लिया है.

वहीं, राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न के अनुसार हिमाचल में सीपीएस की नियुक्ति एक्ट के तहत हुई है. ये एक्ट आसाम व अन्य संबंधित राज्यों से अलग है. अनूप रत्न का कहना है कि राज्य सरकार का सुप्रीम कोर्ट जाने का मकसद व्यापक हित में इस मामले पर सर्वोच्च अदालत के दिशा-निर्देश लेने का है. एडवोकेट जनरल ने कहा कि दो मामलों को एक साथ सुनवाई के लिए लगाया गया है. एक डिप्टी सीएम को लेकर है और दूसरा सीपीएस को लेकर.

अनूप रत्न का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल के मामले में फैसला दिया हुआ है कि देश में डिप्टी पीएम व डिप्टी सीएम के पद हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती देने वाले भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती स्वयं उपरोक्त पद पर रह चुके हैं. उनका कहना है कि सीपीएस की नियुक्ति के लिए विधानसभा ने कानून बनाया हुआ है और उसी के तहत नियुक्ति हुई है. एडवोकेट जनरल ने बताया कि हाईकोर्ट की बैंच के समक्ष ये तथ्य लाया गया है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर पिटीशन डाल चुकी है. फिलहाल अब नई खंडपीठ 7 दिसंबर को मामले की सुनवाई करेगी. उससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी ट्रांसफर पिटीशन को सुनेगा.

ये भी पढ़ें: विवादों के बावजूद हिमाचल में सरकारें नियुक्त करती रही हैं सीपीएस, पहले भी कोर्ट पहुंचे हैं मामले, वीरभद्र सरकार ने बनाए थे 10 CPS

सीपीएस नियुक्ति मामला

शिमला: हिमाचल सरकार में सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका से जुड़े मामले में अब सुनवाई 7 दिसंबर को होगी. कारण ये है कि इस केस की सुनवाई कर रही खंडपीठ में बदलाव हुआ है. पहले मामले को न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ सुन रही थी. अब नई बैंच में न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी के स्थान पर न्यायमूर्ति संदीप शर्मा आए हैं. नई बैंच ने अगली डेट 7 दिसंबर को तय की है.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल में छह सीपीएस की नियुक्ति को भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती व अन्यों की तरफ से असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी गई है. राज्य सरकार ट्रांसफर पिटीशन के जरिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. वहां अगले हफ्ते सुनवाई होनी है. ऐसे में हाईकोर्ट की नई बैंच ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद यहां 7 दिसंबर को इस केस को सुना जाएगा. इस बीच, हाईकोर्ट ने डिप्टी सीएम के शपथ ग्रहण को लेकर तलब किए गए रिकार्ड को अपने पास रख लिया है.

वहीं, राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न के अनुसार हिमाचल में सीपीएस की नियुक्ति एक्ट के तहत हुई है. ये एक्ट आसाम व अन्य संबंधित राज्यों से अलग है. अनूप रत्न का कहना है कि राज्य सरकार का सुप्रीम कोर्ट जाने का मकसद व्यापक हित में इस मामले पर सर्वोच्च अदालत के दिशा-निर्देश लेने का है. एडवोकेट जनरल ने कहा कि दो मामलों को एक साथ सुनवाई के लिए लगाया गया है. एक डिप्टी सीएम को लेकर है और दूसरा सीपीएस को लेकर.

अनूप रत्न का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल के मामले में फैसला दिया हुआ है कि देश में डिप्टी पीएम व डिप्टी सीएम के पद हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती देने वाले भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती स्वयं उपरोक्त पद पर रह चुके हैं. उनका कहना है कि सीपीएस की नियुक्ति के लिए विधानसभा ने कानून बनाया हुआ है और उसी के तहत नियुक्ति हुई है. एडवोकेट जनरल ने बताया कि हाईकोर्ट की बैंच के समक्ष ये तथ्य लाया गया है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर पिटीशन डाल चुकी है. फिलहाल अब नई खंडपीठ 7 दिसंबर को मामले की सुनवाई करेगी. उससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी ट्रांसफर पिटीशन को सुनेगा.

ये भी पढ़ें: विवादों के बावजूद हिमाचल में सरकारें नियुक्त करती रही हैं सीपीएस, पहले भी कोर्ट पहुंचे हैं मामले, वीरभद्र सरकार ने बनाए थे 10 CPS

Last Updated : Nov 4, 2023, 6:33 PM IST
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