शिमला: सोलन जिला के बद्दी में आकाश नाम के दरिंदे ने सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर (Murder and Rape Case of a Girl in Baddi) दी. सोलन की एक अदालत ने आकाश को फांसी की सजा सुनाई थी. निचली अदालत से हाई कोर्ट में पुष्टिकरण के लिए आए फांसी के मामले में आज न्यायमूर्ति सबीना व न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा ने सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया. हिमाचल हाई कोर्ट (Himachal High Court) ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं माना. हाई कोर्ट की खंडपीठ ने आकाश को दोषी तो माना, लेकिन इस अपराध को रेयरेस्ट ऑफ रेयर नहीं पाया.
मामले में हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद गुरूवार को अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए आज के लिए लिस्ट किया था. शुक्रवार को मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने दुष्कर्म व हत्या के दोषी को सुनाई मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा की यह रेयर ऑफ रेयरेस्ट केस नहीं बनता. निचली अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा से जुड़ा यह मामला पुष्टिकरण के लिए इसी साल हाई कोर्ट आया था.
सोलन जिला के बद्दी की सात साल की बच्ची का अपहरण करने के बाद दुष्कर्म और हत्या करने के मामले में उत्तर प्रदेश के हरदोई के रहने वाले आकाश को सोलन की अदालत ने सजा-ए-मौत सुनाई थी। पुष्टिकरण के लिए ये मामला हाई कोर्ट पहुंचा और यहां न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना व न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आकाश को दोषी तो माना परंतु उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया. दोषी आकाश की ओर से भी फास्ट ट्रैक कोर्ट सोलन द्वारा पारित फैसले को अपील के माध्यम से चुनौती दी गई थी.
हाई कोर्ट ने अपील को खारिज तो कर दिया, लेकिन सजा में तब्दीली की. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में यूपी के हरदोई के रहने वाले दोषी ने अपहरण के बाद बच्ची के साथ दुराचार किया था. दरिंदे आकाश ने बच्ची का गला घोंट कर बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी थी. बाद में मामले की जांच में पता चला था कि दरिंदगी की हदें पार करते हुए बच्ची के प्राइवेट पार्ट में लकड़ी का टुकड़ा भी डाला गया था. निचली अदालत ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई, लेकिन हाई कोर्ट ने सजा को उम्रकैद में बदल दिया.
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