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हाईकोर्ट ने लगाई कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के सीनियर मैनेजरों के प्रमोशन पर रोक, जानें वजह

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दिव्यांगजन को रिजर्वेशन न दिए जाने पर कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में सीनियर मैनेजर के पदों की प्रमोशन पर रोक लगा दी है. साथ ही राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है. जानें पूरा मामला. (Himachal High court)

High Court of Himachal Pradesh
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Published : Nov 25, 2022, 7:54 PM IST

शिमला: हाईकोर्ट (Himachal High court) ने दिव्यांगजन को पदोन्नति का लाभ नहीं देने पर कड़ा एतराज जताया है. हाईकोर्ट ने कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में सीनियर मैनेजर के पदों की पदोन्नति पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद सईद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने भारत भूषण द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया गया. (Kangra Central Co operative Bank) (Himachal HC for not giving reservation to Divyang)

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी दिव्यांग है और अनुसूचित जाति से संबंध रखता है. प्रार्थी की दिव्यांगता 80 फीसदी आंकी गई है. प्रार्थी के मुताबिक उसे मैनेजर के पद पर पदोन्नति का लाभ नहीं दिया जा रहा है, जबकि राइट ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट 2016 के मुताबिक वह 4 फीसदी आरक्षण के तहत पदोन्नति लेने का हक रखता है. प्रार्थी की ओर से राइट ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट 2016 की धारा 33 व 34 का हवाला हाईकोर्ट के समक्ष दिया गया.

तीन हफ्ते के अंदर राज्य सरकार से जवाब: हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया प्रार्थी की दलीलों से सहमति जताते हुए कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में सीनियर मैनेजर के पद पर होने वाले पदोन्नति पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधन को आदेश जारी किए हैं कि कोर्ट की इजाजत के बिना सीनियर मैनेजर के पद पर कोई भी पदोन्नति आदेश जारी न किए जाएं. हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार व कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधन से 3 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है.

ये भी पढ़ें: चंबा मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्स भर्ती वाली कंपनी को हाईकोर्ट में चुनौती, अदालत ने सरकार से मांगा जवाब

शिमला: हाईकोर्ट (Himachal High court) ने दिव्यांगजन को पदोन्नति का लाभ नहीं देने पर कड़ा एतराज जताया है. हाईकोर्ट ने कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में सीनियर मैनेजर के पदों की पदोन्नति पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद सईद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने भारत भूषण द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया गया. (Kangra Central Co operative Bank) (Himachal HC for not giving reservation to Divyang)

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी दिव्यांग है और अनुसूचित जाति से संबंध रखता है. प्रार्थी की दिव्यांगता 80 फीसदी आंकी गई है. प्रार्थी के मुताबिक उसे मैनेजर के पद पर पदोन्नति का लाभ नहीं दिया जा रहा है, जबकि राइट ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट 2016 के मुताबिक वह 4 फीसदी आरक्षण के तहत पदोन्नति लेने का हक रखता है. प्रार्थी की ओर से राइट ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट 2016 की धारा 33 व 34 का हवाला हाईकोर्ट के समक्ष दिया गया.

तीन हफ्ते के अंदर राज्य सरकार से जवाब: हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया प्रार्थी की दलीलों से सहमति जताते हुए कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में सीनियर मैनेजर के पद पर होने वाले पदोन्नति पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधन को आदेश जारी किए हैं कि कोर्ट की इजाजत के बिना सीनियर मैनेजर के पद पर कोई भी पदोन्नति आदेश जारी न किए जाएं. हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार व कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधन से 3 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है.

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