शिमला: इस साल मार्च महीने में पंजाब से आए सैलानियों ने मणिकर्ण में दंगों जैसी स्थिति पैदा कर दी थी. धार्मिक नगरी मणिकर्ण में सैलानियों के हुड़दंग को लेकर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया था. अब हाई कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से ऐसी स्थितियों को रोकने के उपायों से जुड़ी ताजा स्टेट्स रिपोर्ट तलब की है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को इस संदर्भ में 18 दिसंबर तक स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं.
इस मामले में सरकार की तरफ से अदालत में पहले पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया था कि प्रदेश में ऐसी घटनाओं की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी लगाने के लिए दस लाख रुपये मंजूर किए गए हैं. कुल्लू के हाथीथान-भुंतर और सुमा रोपा में राउंड दि क्लॉक नाकाबंदी के आदेश जारी किए गए हैं. इसके अलावा अदालत को बताया गया था कि इस मामले एफआईआर दर्ज कर जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया गया.
मणिकर्ण आने वाले सभी वाहनों की तलाशी लेनी शुरू कर दी है. शांति बनाए रखने के लिए संवेदनशील स्थानों पर आधी बटालियन के जवानों को तैनात किया गया है. कुल्लू के एसपी, एएसपी व डीएसपी को निगरानी के लिए तैनात किया गया है. सरकार ने मणिकर्ण और कसोल में हुड़दंगियों से निपटने के लिए अदालत के समक्ष सुझाव भी पेश किए थे. स्थनीय लोगों ने मणिकर्ण में कम से कम 40 पुलिस अधिकारियों के साथ एक पुलिस थाना खोलने की मांग की थी, ताकि सैलानियों को हंगामा करने से रोका जा सके.
उल्लेखनीय है कि 6 मार्च 2023 को मीडिया में आई खबरों के अनुसार पंजाब के सैलानियों ने मनाली के ग्रीन टैक्स बैरियर पर हंगामा किया. ग्रीन टैक्स नहीं देने पर सैलानी मजदूरों से उलझ गए और देखते ही देखते करीब 100 मोटरसाइकिल सवार सडक पर जमा हो गए. हुड़दंगियों ने आपत्तिजनक नारे लगाकर माहौल को तनावपूर्ण बना दिया. फिर अगले ही दिन यानी सात मार्च को मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पंजाब से आए पर्यटकों ने मणिकर्ण भी में उत्पात मचाया. छह मार्च की रात को मणिकर्ण में दंगे जैसी स्थिति देखी गई.
सैलानियों ने माता नैना देवी मंदिर में बीयर की बोतलें फैंकी. उपद्रवियों ने तोडफ़ोड़ की और मंदिरों, घरों और 20 वाहनों में लोहे की छड़ों और लाठियों से तोडफ़ोड़ की. कोर्ट ने इन घटनाओं पर स्वत संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को मामले में स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए थे. सरकार को कई आदेश जारी कर व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा गया था. सरकार ने भी लागू किए गए उपायों से जुड़ी रिपोर्ट अदालत के समक्ष रखी. अब सरकार से नई स्टेट्स रिपोर्ट मांगी गई है.
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