शिमला: हिमाचल हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि चौपाल के कुपवी कॉलेज भवन निर्माण बनाने हेतु जगह चिन्हित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. हाईकोर्ट ने कॉलेज में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी भी सरकार से मांगी है. 26 जुलाई तक मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने हिमाचल सरकार से 2 अनुपालना रिपोर्ट मांगी है.
कुपवी डिग्री कॉलेज में अब तक नहीं हुई शिक्षकों की तैनाती: गौरतलब है कि जनहित याचिका की पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया था कि शहर के स्कूलों में जरूरत से ज्यादा अध्यापक तैनात किए गए हैं. कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा था कि सरकार शहर के उन शिक्षकों को प्रदेश के दूर-दराज के स्कूलों में तैनाती दे सकती है, जिन्होंने अपना सामान्य कार्यकाल पूरा कर लिया है. हाईकोर्ट ने सरकार की ओर से दायर स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन कर पाया था कि कुपवी के डिग्री कॉलेज में शिक्षकों के आठ पद स्वीकृत किए गए हैं, जोकि सभी खाली पड़े हैं. इसी तरह नॉन टीचिंग स्टाफ के भी 10 पद स्वीकृत किए गए हैं. इनमें से केवल चपरासी के तीन और चौकीदार के दो पद भरे गए हैं.
स्टोर रूम में लग रही कॉलेज की क्लासेज: इस बारे में मीडिया में आई रिपोर्ट्स पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. अदालत के संज्ञान में आया है कि प्रदेश के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने नवंबर 2021 में घोषणा की थी कि इस दूर-दराज के उप-मंडल में एक कॉलेज खोला जाएगा. कुपवी डिग्री कॉलेज में 5 चापरासी सहित 1 क्लर्क नियुक्त है, लेकिन अभी तक किसी भी टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति नहीं हुई है. कॉलेज के पीटीए संघ ने दो निजी शिक्षकों को काम पर रखा है. वहीं, कुपवी डिग्री कॉलेज की अपनी कोई इमारत भी नहीं है. पास के ही सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के एक स्टोर रूम में क्लासेज शुरू किए गए थे, स्कूल अब इस स्टोर रूम को खाली करना चाहता है. 26 जुलाई को मामले पर आगामी सुनवाई की जाएगी.
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