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हिमाचल HC में 28 जून तक टली इंटरनेट नेटवर्क सेवा मामले में सुनवाई, कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण

प्रदेश हाईकोर्ट ने इंटरनेट नेटवर्क सेवाएं उपभोक्ताओं को उपलब्ध न होने के मुद्दे को लेकर दायर मामले में सुनवाई की. इस दौरान कोई भी नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर कंपनी कोर्ट को नहीं बता पाई कि उन्हें क्या समस्याएं आ रही हैं.

himachal high court
हिमाचल हाईकोर्ट
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Published : Jun 23, 2021, 10:28 PM IST

शिमला: हिमाचल हाईकोर्ट में इंटरनेट नेटवर्क उपभोक्ताओं को बेहतर और लगातार इंटरनेट नेटवर्क सेवाएं उपलब्ध न होने के मुद्दे को लेकर दायर मामले में सुनवाई 28 जून के लिए टल गई है. बुधवार को मामले पर सुनवाई के दौरान कोई भी नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर कंपनी कोर्ट को यह नहीं बता पाई कि हर उपभोक्ता को कम से कम 2 एमबीपीएस की स्पीड से डेटा उपलब्ध करवाने में उन्हें क्या समस्याएं आ रही हैं.

इंटरनेट नेटवर्क सेवाओं के मामले में सुनवाई

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने सभी नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को अगली सुनवाई के दौरान इस संबंध में अपनी समस्याओं को कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए हैं. अधिवक्ता वंदना मिश्रा द्वारा दायर एक जनहित याचिका में उपभोक्ताओं को बेहतर इंटरनेट सेवाएं न देने और ग्रामीण क्षेत्रों में इन सेवाओं की दुर्दशा का उल्लेख किया गया है.

कोर्ट ने बिजली बोर्ड से मांगा स्पष्टीकरण

सुनवाई के दौरान कंपनियों की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार बिजली जाने से भी नेटवर्क में रूकावट पैदा होती है. कई इलाकों में तो बिजली कई दिनों तक नहीं आती. प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में हल्की हवा का झोंका भी आ जाए तो बिजली चली जाती है और लंबे समय तक नहीं आती. जबकि शहरों में बिजली एक लाइन से जाए तो तुरंत दूसरी लाइन से उपलब्ध करवा दी जाती है. इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई के दौरान बिजली बोर्ड को भी इन भेदभाव के कारणों को स्पष्ट करने के कहा है.

पांच दिन बाद होगी मामले की सुनवाई

कोर्ट ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी, बिजली बोर्ड बिजली सप्लाई में भेदभाव नहीं कर सकता. उल्लेखनीय है वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर शैक्षिक पाठ्यक्रमों, सम्मेलनों, अदालती कार्यवाही संचालन के लिए पर्याप्त नेटवर्क प्रदान करना समय की मांग है. वहीं, अब 28 जून को मामले पर सुनवाई होगी.

ये भी पढ़ें- नई घोषणाओं की बजाय पुरानी को पूरा करें नितिन गडकरी, मेकशिफ्ट अस्पतालों की भी हो जांच: विक्रमादित्य

शिमला: हिमाचल हाईकोर्ट में इंटरनेट नेटवर्क उपभोक्ताओं को बेहतर और लगातार इंटरनेट नेटवर्क सेवाएं उपलब्ध न होने के मुद्दे को लेकर दायर मामले में सुनवाई 28 जून के लिए टल गई है. बुधवार को मामले पर सुनवाई के दौरान कोई भी नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर कंपनी कोर्ट को यह नहीं बता पाई कि हर उपभोक्ता को कम से कम 2 एमबीपीएस की स्पीड से डेटा उपलब्ध करवाने में उन्हें क्या समस्याएं आ रही हैं.

इंटरनेट नेटवर्क सेवाओं के मामले में सुनवाई

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने सभी नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को अगली सुनवाई के दौरान इस संबंध में अपनी समस्याओं को कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए हैं. अधिवक्ता वंदना मिश्रा द्वारा दायर एक जनहित याचिका में उपभोक्ताओं को बेहतर इंटरनेट सेवाएं न देने और ग्रामीण क्षेत्रों में इन सेवाओं की दुर्दशा का उल्लेख किया गया है.

कोर्ट ने बिजली बोर्ड से मांगा स्पष्टीकरण

सुनवाई के दौरान कंपनियों की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार बिजली जाने से भी नेटवर्क में रूकावट पैदा होती है. कई इलाकों में तो बिजली कई दिनों तक नहीं आती. प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में हल्की हवा का झोंका भी आ जाए तो बिजली चली जाती है और लंबे समय तक नहीं आती. जबकि शहरों में बिजली एक लाइन से जाए तो तुरंत दूसरी लाइन से उपलब्ध करवा दी जाती है. इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई के दौरान बिजली बोर्ड को भी इन भेदभाव के कारणों को स्पष्ट करने के कहा है.

पांच दिन बाद होगी मामले की सुनवाई

कोर्ट ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी, बिजली बोर्ड बिजली सप्लाई में भेदभाव नहीं कर सकता. उल्लेखनीय है वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर शैक्षिक पाठ्यक्रमों, सम्मेलनों, अदालती कार्यवाही संचालन के लिए पर्याप्त नेटवर्क प्रदान करना समय की मांग है. वहीं, अब 28 जून को मामले पर सुनवाई होगी.

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