शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सरकार हाइड्रोजन का इस्तेमाल कर हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने का टारगेट हासिल करेगी. राज्य सरकार ने इसके लिए ऑयल इंडिया लिमिटेड के साथ हाल ही में एक करार भी किया है. इससे रोजगार के अवसर भी मिलना शुरू होंगे.
विशेषज्ञों का दल आएगा हिमाचल: ऑयल इंडिया लिमिटेड हिमाचल में स्थलीय परियोजनाओं की स्थापना के अलावा जलाशयों में तैरने वाले सोलर प्लांट की स्थापना की संभावनाओं को तलाशेगी. ऑयल इंडिया लिमिटेड कंपनी पायलट आधार पर ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया के उत्पादन के लिए भी प्लांट स्थापित करने पर विचार कर रही है. कंपनी इन परियोजनाओं को लागू करने के लिए स्थलों का निरीक्षण करने के लिए शीघ्र ही विशेषज्ञों का एक दल भी हिमाचल आएगा.
रोजगार के अवसर खुलेंगे: प्रदेश सरकार और ऑयल इंडिया लिमिटेड के मध्य यह सहयोग सोलर एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन, कंप्रेस्ड बायोगैस, थर्मल एनर्जी और विंड एनर्जी सहित विभिन्न नई और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से संबंधित प्रौद्योगिकी के विकास पर केंद्रित होगा. यह साझेदारी राज्य में नई ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना में सहायक होगी. इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे. यह क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास में भी सहायक साबित होगा.
2026 तक हिमाचल पहला ग्रीन स्टेट बनेगा: हिमाचल सरकार ने भी इस दिशा में काम शुरू कर दिया है. हिमाचल प्रदेश में ग्रीन एनर्जी की प्रचुरता है और हाइड्रोजन का उत्पादन कर राज्य सरकार ने इस ग्रीन एनर्जी के दोहन के लिए कदम उठा रही है. इसी कड़ी में हाल ही में राज्य सरकार ने नए और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के दोहन और विकास में सहयोग के लिए एक विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के लिए ऑयल इंडिया लिमिटेड के साथ एक करार किया है. यह करार 2026 तक हिमाचल प्रदेश को भारत का पहला ग्रीन स्टेट बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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