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कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाएगी हिमाचल सरकार, ग्रामीण पर्यटन पर फोकस, इन योजनाओं को मिलेगा बढ़ावा

हिमाचल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है. सरकार जल्द ही कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने की दिशा में भी काम शुरू करेगी. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्यटन पर फोकस किया जा रहा है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी को मजबूत किया जा सके.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू
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Published : Feb 19, 2023, 7:29 PM IST

शिमला: राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार हिमाचल में पर्यटन को विकसित करने के लिए कई कदम उठा रही है. सरकार राज्य में धार्मिक, स्वास्थ्य और हेरिटेज पर्यटन बड़े स्तर पर प्रोत्साहित करेगी. वहीं, कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में सरकार विकसित करेगी. हिमाचल प्रदेश की सुदर वादियां, ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. पर्यटन क्षेत्र राज्य की आर्थिकी का एक बड़ा आधार है.

सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रयास कर रही है. सरकार राज्य में धार्मिक, स्वास्थ्य और धरोहर पर्यटन को बड़े स्तर पर प्रोत्साहित कर रही है. इसी कड़ी में जनसंख्या के लिहाज से प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा को मुख्य पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर प्रदेश की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा.

सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम के माध्यम से कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा. कांगड़ा जिला प्राचीन मंदिरों, बौद्ध मठों, गिरिजाघरों, जलाशयों, विश्व प्रसिद्ध बिलिंग पैराग्लाइडिंग स्थल, हिमाच्छदित धौलाधार पर्वतमालाओं और झीलों के लिए जाना जाता है. सरकार द्वारा इन्हें पर्यटन की दृष्टि से और विकसित किया जा रहा है. इसके लिए प्रदेश सरकार कांगड़ा के देहरा में अंतरराष्ट्रीय मापदंडों वाले चिड़ियाघर और गोल्फ कोर्स स्थापित करने पर भी विचार कर रही है.

धौलाधार की नैसर्गिंक सुंदरता की ओर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार की धौलाधार पर्वत श्रृंखलाओं के बेस कैंप में ‘टेंट सिटी’ स्थापित करने की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर रही है. इसके लिए इन श्रृंखलाओं को संपर्क सुविधा से भी जोड़ा जाएगा. शुरूआत में सभी सुविधाओं से युक्त करीब 200 टेंट स्थापित किए जाएंगे. सरकार की प्रदेश में गतिविधि आधारित पर्यटन को विशेष प्रोत्साहन प्रदान करने की योजना है, इससे राज्य के युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मील पत्थर साबित होगा.

जिला मुख्यालय में हेलीपेड बनाएगी सरकार: प्रदेश सरकार हर जिला मुख्यालय के समीप हेलीपैड बनाने की दिशा में काम कर रही है. इन हेलीपैड के लिए भूमि चिन्हित करने की प्रक्रिया प्रगति पर है. प्रदेश के मौजूदा हवाई अड्डों को विस्तार प्रदान करने की भी योजना पर भी कार्य किया जा रहा है. हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की गोवा के मुख्यमंत्री के साथ हुई एक बैठक में दोनों राज्यों में समुद्र और पहाड़ के अनुभव को एक साथ मिलाने के लिए सहयोग करने पर सहमति बनी है. ताकि इसे दुनिया में एक अनूठा गंतव्य बनाया जा सके.

समुद्र-पर्वतीय आधारित विषय विज्ञान कार्यशालाओं और कार्यक्रमों के आदान-प्रदान की श्रृंखला के माध्यम से फोर-टी यानि ट्रेड, टूरिज्म, टैक्नोलॉजी एवं टैलेंट की क्षमता बढ़ोत्तरी पर कार्य किया जाएगा. प्रदेश सरकार वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत 25 स्थलों को पर्यटक आकर्षण स्थलों के रूप में विकसित करने पर भी विचार कर रही है.

जलाशय आधारित पर्यटन को प्रोत्साहित करेगी सराकार: सरकार राज्य में जलाशय पर आधारित पर्यटन को विशेष रूप से प्रोत्साहित कर रही है. चंबा स्थित चमेरा डैम, रामसर आर्द्रभूमि स्थल और बिलासपुर की गोविंदसागर झील को जल क्रीड़ा गतिविधियों पर आधारित स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. भविष्य में सरकार युवाओं को पेडल बोट या हाइड्रोफॉयल बाइक खरीदने के लिए उपदान की सुविधा भी प्रदान करेगी. इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे.

इन खेलों को भी बढ़ावा देगी सरकार: सरकार प्रदेश में माउंटेन बाइकिंग, गोल्फ, हॉट-एयर बैलूनिंग, हेली-स्कीइंग, शीतकालीन खेलों जैसे स्नो मैराथन और आइस हॉकी जैसी गतिविधियों को विस्तृत स्तर पर बढ़ावा देगी. इसके अलावा, कयाकिंग, वॉटर स्कीइंग, हाउस बोट अकोमोडेशन, कैंपिंग, राफ्टिंग आदि गतिविधियां भी शुरू की जाएंगी और स्थानीय युवाओं को इस तरह की गतिविधियों के लिए पेशेवरों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पैराग्लाइडरों के लिए बीड़-बिलिंग पैराग्लाइडिंग साइट को विकसित किया जाएगा.

अटल टनल लाहौल के नार्थ प्वाइंट पर स्थित सिस्सू एक पसंदीदा पर्यटन स्थल बन गया है. सिस्सू एडवेंचर क्लब और टूरिज्म सोसाइटी सिस्सू में पर्यटन की विभिन्न गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है, जिससे जनजातीय जिले के लोगों की आर्थिकी में सकारात्मक परिवर्तन आए हैं. स्पीति के काजा में आइस हॉकी चैंपियनशिप की मेजबानी की गई. अब सार्वजनिक-निजी भागीदारी से शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने के लिए भी बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं.

सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के सभी धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है. पार्किंग स्थलों के अलावा सभी धार्मिक स्थलों में बुनियादी अधोसंरचना को सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं. राज्य सरकार के इन प्रयासों से निश्चित रूप से प्रदेश में पर्यटन को नए पंख लगेंगे और इससे राज्य की आर्थिकी को मजबूती मिलेगी.

ये भी पढ़ें: हर दिन हिमाचल को 30 करोड़ के कर्ज में डूबा रही कांग्रेस, आज तक ऐसे बेहाल सरकार नहीं देखी: अनुराग ठाकुर

शिमला: राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार हिमाचल में पर्यटन को विकसित करने के लिए कई कदम उठा रही है. सरकार राज्य में धार्मिक, स्वास्थ्य और हेरिटेज पर्यटन बड़े स्तर पर प्रोत्साहित करेगी. वहीं, कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में सरकार विकसित करेगी. हिमाचल प्रदेश की सुदर वादियां, ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. पर्यटन क्षेत्र राज्य की आर्थिकी का एक बड़ा आधार है.

सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रयास कर रही है. सरकार राज्य में धार्मिक, स्वास्थ्य और धरोहर पर्यटन को बड़े स्तर पर प्रोत्साहित कर रही है. इसी कड़ी में जनसंख्या के लिहाज से प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा को मुख्य पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर प्रदेश की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा.

सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम के माध्यम से कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा. कांगड़ा जिला प्राचीन मंदिरों, बौद्ध मठों, गिरिजाघरों, जलाशयों, विश्व प्रसिद्ध बिलिंग पैराग्लाइडिंग स्थल, हिमाच्छदित धौलाधार पर्वतमालाओं और झीलों के लिए जाना जाता है. सरकार द्वारा इन्हें पर्यटन की दृष्टि से और विकसित किया जा रहा है. इसके लिए प्रदेश सरकार कांगड़ा के देहरा में अंतरराष्ट्रीय मापदंडों वाले चिड़ियाघर और गोल्फ कोर्स स्थापित करने पर भी विचार कर रही है.

धौलाधार की नैसर्गिंक सुंदरता की ओर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार की धौलाधार पर्वत श्रृंखलाओं के बेस कैंप में ‘टेंट सिटी’ स्थापित करने की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर रही है. इसके लिए इन श्रृंखलाओं को संपर्क सुविधा से भी जोड़ा जाएगा. शुरूआत में सभी सुविधाओं से युक्त करीब 200 टेंट स्थापित किए जाएंगे. सरकार की प्रदेश में गतिविधि आधारित पर्यटन को विशेष प्रोत्साहन प्रदान करने की योजना है, इससे राज्य के युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मील पत्थर साबित होगा.

जिला मुख्यालय में हेलीपेड बनाएगी सरकार: प्रदेश सरकार हर जिला मुख्यालय के समीप हेलीपैड बनाने की दिशा में काम कर रही है. इन हेलीपैड के लिए भूमि चिन्हित करने की प्रक्रिया प्रगति पर है. प्रदेश के मौजूदा हवाई अड्डों को विस्तार प्रदान करने की भी योजना पर भी कार्य किया जा रहा है. हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की गोवा के मुख्यमंत्री के साथ हुई एक बैठक में दोनों राज्यों में समुद्र और पहाड़ के अनुभव को एक साथ मिलाने के लिए सहयोग करने पर सहमति बनी है. ताकि इसे दुनिया में एक अनूठा गंतव्य बनाया जा सके.

समुद्र-पर्वतीय आधारित विषय विज्ञान कार्यशालाओं और कार्यक्रमों के आदान-प्रदान की श्रृंखला के माध्यम से फोर-टी यानि ट्रेड, टूरिज्म, टैक्नोलॉजी एवं टैलेंट की क्षमता बढ़ोत्तरी पर कार्य किया जाएगा. प्रदेश सरकार वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत 25 स्थलों को पर्यटक आकर्षण स्थलों के रूप में विकसित करने पर भी विचार कर रही है.

जलाशय आधारित पर्यटन को प्रोत्साहित करेगी सराकार: सरकार राज्य में जलाशय पर आधारित पर्यटन को विशेष रूप से प्रोत्साहित कर रही है. चंबा स्थित चमेरा डैम, रामसर आर्द्रभूमि स्थल और बिलासपुर की गोविंदसागर झील को जल क्रीड़ा गतिविधियों पर आधारित स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. भविष्य में सरकार युवाओं को पेडल बोट या हाइड्रोफॉयल बाइक खरीदने के लिए उपदान की सुविधा भी प्रदान करेगी. इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे.

इन खेलों को भी बढ़ावा देगी सरकार: सरकार प्रदेश में माउंटेन बाइकिंग, गोल्फ, हॉट-एयर बैलूनिंग, हेली-स्कीइंग, शीतकालीन खेलों जैसे स्नो मैराथन और आइस हॉकी जैसी गतिविधियों को विस्तृत स्तर पर बढ़ावा देगी. इसके अलावा, कयाकिंग, वॉटर स्कीइंग, हाउस बोट अकोमोडेशन, कैंपिंग, राफ्टिंग आदि गतिविधियां भी शुरू की जाएंगी और स्थानीय युवाओं को इस तरह की गतिविधियों के लिए पेशेवरों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पैराग्लाइडरों के लिए बीड़-बिलिंग पैराग्लाइडिंग साइट को विकसित किया जाएगा.

अटल टनल लाहौल के नार्थ प्वाइंट पर स्थित सिस्सू एक पसंदीदा पर्यटन स्थल बन गया है. सिस्सू एडवेंचर क्लब और टूरिज्म सोसाइटी सिस्सू में पर्यटन की विभिन्न गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है, जिससे जनजातीय जिले के लोगों की आर्थिकी में सकारात्मक परिवर्तन आए हैं. स्पीति के काजा में आइस हॉकी चैंपियनशिप की मेजबानी की गई. अब सार्वजनिक-निजी भागीदारी से शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने के लिए भी बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं.

सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के सभी धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है. पार्किंग स्थलों के अलावा सभी धार्मिक स्थलों में बुनियादी अधोसंरचना को सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं. राज्य सरकार के इन प्रयासों से निश्चित रूप से प्रदेश में पर्यटन को नए पंख लगेंगे और इससे राज्य की आर्थिकी को मजबूती मिलेगी.

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