शिमला: प्रदेश में सूखे के लंबे स्पेल के कारण इस बार सेब का साइज छोटा रहने का अंदेशा जताया जा (Apple production in Himachal) रहा है. जिसके चलते विभाग की तरफ से इंतजाम शुरू कर दिए गए हैं. प्रदेश सरकार इस बार इस योजना के सहारे सेब की खपत करने जा रही है. प्रदेश सरकार इस बार मिड डे मील के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों, आंगनबाड़ी और बालबाड़ी केंद्रों को पौष्टिक आहार के तहत सेब भी उपलब्ध करवाएगी. इसके अलावा प्रदेश के सभी होटल कारोबारियों से भी आग्रह किया जाएगा कि भी अपने होटलों में छोटी पैकिंग में सेब रखें, ताकि प्रदेश के बाहर से आने वाले पर्यटकों को आसानी से सेब उपलब्ध हो सके और वह होटल से ही सेब खरीद सकें.
बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (Horticulture Minister Mahender Singh Thakur) ने कहा कि इस विषय पर कैबिनेट में भी चर्चा की गई है. उन्होंने कहा कि इस बार सेब की बंपर क्रॉप है, लेकिन लंबे समय तक बारिश नहीं होने के कारण सुखा रहा. जिससे सेब का साइज नहीं बन पाया है. ऐसे में बागवानों को मंडियों में सेब के ऊंचे दाम मिलने में दिक्कत हो सकती है. जिसके चलते सरकार की खरीद एजेंसियों एचपीएमसी एग्रो हिमफैड इन सभी पर अधिक दबाव आ सकता है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.
जुलाई के अंत तक शुरू होगा पराला प्रोसेसिंग प्लांट: उन्होंने कहा कि कुछ ही दिनों में शिमला जिला के पराला का प्रोसेसिंग प्लांट लिस्ट शुरू (Parala Processing Plant Theog) कर दिया जाएगा. इसमें शुरुआत में सेब कंसंट्रेटर पर काम किया जाएगा. बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि यह प्रोसेसिंग प्लांट शुरू होने से परमाणु प्रोसेसिंग प्लांट (Parwanoo processing plant) पर बोझ कम हो जाएगा और कालाबाजारी पर भी बड़ी लगाम लगेगी. वहीं, सेब कार्टन के दामों में बढ़ोतरी पर बोलते हुए बागवानी मंत्री ने कहा कि इस बारे में कार्टन मालिकों से बातचीत की जा रही है. ताकि किसानों को उचित दामों पर कार्टन उपलब्ध करवाए जा सकें.
उन्होंने कहा कि सचिव उद्यान 1 जुलाई को बागवानों के साथ बैठक करेंगे. इस बैठक में प्रदेश के सभी क्षेत्रों से बागवान प्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा. ताकि उनकी आशंकाओं को दूर किया जा सके और सीजन सही ढंग से निपट सके इसके लिए भी कदम उठाए जा सकें. सचिव उद्यान की बैठक से निकले मुख्य बिंदुओं को बीओडी की बैठक में चर्चा के लिए लाया जाएगा और उसके बाद उन्हें लागू किया जाएगा. महेंद्र सिंह ने कहा कि वह लगातार पेटियां बनाने वाली कंपनियों के साथ संपर्क में है और उन पर दाम अधिक ना बढ़ाने का दबाव बनाए हुए हैं.