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हिमाचल सरकार इस साल खोलेगी 1 हजार लोकमित्र केंद्र, लोगों को घर द्वार मिलेंगी सरकारी सुविधाएं

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Published : Jul 5, 2023, 7:44 PM IST

Updated : Jul 5, 2023, 8:14 PM IST

हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में 1 हजार लोकमित्र केंद्र खोलने का विचार कर रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि सरकार द्वारा लोकमित्र केंद्रों के नेटवर्क को और सुदृढ़ करने पर बल दिया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

Lok Mitra Kendra in Himachal
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (फाइल फोटो).

शिमला: लोगों को घर द्वार पर सुलभ सेवाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मौजू वित्त वर्ष के दौरान दूर-दराज के क्षेत्रों में 1000 लोकमित्र केंद्र खोलने पर विचार कर रही है. इस पहल से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं के लिए उनके घर-द्वार के निकट रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार इन केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर इंटरनेट सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि विश्वसनीय और उच्च गति की संचार सुविधा प्रदान करने के लिए पूरे प्रदेश में ऑप्टिकल फाइबर केबल का व्यापक नेटवर्क बिछाया जाएगा. सरकार 5-जी सेवाओं को मजबूत करने के लिए संबंधित प्राधिकारियों के साथ भी मामला पर विचार-विमर्श करेगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए सरकार द्वारा पर्याप्त बजट प्रावधान किया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को सरल और सुगम सेवाएं उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत सरकार की लगभग सभी जनहित सेवाएं आज ऑनलाइन उपलब्ध हैं और मौजूदा लोक मित्र केंद्रों के माध्यम से लोग इन सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं. सरकार द्वारा लोकमित्र केंद्रों के नेटवर्क को और सुदृढ़ करने पर बल दिया जा रहा है. इनके माध्यम से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र, राजस्व रिकॉर्ड, बोनाफाइड हिमाचली प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के लिए पंजीकरण, परीक्षा फॉर्म भरने और ऑनलाइन नौकरी के आवेदन जैसी सेवाओं में दक्षता सुनिश्चित की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल उत्तरदायी, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन प्रदान करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. उन्होंने कहा कि सरकार ने स्टेट डाटा सेंटर को उन्नत करने का भी निर्णय लिया है. इसके माध्यम से विकास और कल्याण से संबंधित जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध होगी.

सरकार अगले चाह माह में एकीकृत डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली बनाएगी: मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चार माह में एक 'एकीकृत डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली' बनाई जाएगी. इस प्रणाली का उपयोग कृषि, पशुपालन, श्रम और रोजगार सहित विभिन्न विभागों की कल्याणकारी योजनाओं के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की मैपिंग के लिए किया जाएगा. इसके बाद इस उपलब्ध जानकारी का उपयोग कल्याणकारी कार्यक्रमों और विकासात्मक योजनाओं को प्रभावी बनाने के लिए किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 'हिम परिवार' नामक एक रजिस्ट्री स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. इस प्लेटफॉर्म के अन्तर्गत एक ही जगह पारिवारिक डेटा को शामिल किया जाएगा. 'हिम परिवार' के अन्तर्गत पीडीएस, ई-कल्याण और ऐसे अन्य पोर्टलों के डेटा का उपयोग करके परिवार के सदस्यों से संबंधित जानकारी एकीकृत की जाएगी. इसके तहत प्रत्येक लाभार्थी को एक विशिष्ट आईडी प्रदान की जाएगी और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ एक ही स्थान पर उपलब्ध होगा. लाभार्थियों को केवल एक बार आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे और इससे उन्हें बार-बार सरकारी कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी.

ये भी पढ़ें- HP Govt vs Governor: हिमाचल में भी सरकार बनाम राज्यपाल, दो बिलों पर टकराव, जानें क्या है पूरा मामला ?

शिमला: लोगों को घर द्वार पर सुलभ सेवाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मौजू वित्त वर्ष के दौरान दूर-दराज के क्षेत्रों में 1000 लोकमित्र केंद्र खोलने पर विचार कर रही है. इस पहल से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं के लिए उनके घर-द्वार के निकट रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार इन केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर इंटरनेट सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि विश्वसनीय और उच्च गति की संचार सुविधा प्रदान करने के लिए पूरे प्रदेश में ऑप्टिकल फाइबर केबल का व्यापक नेटवर्क बिछाया जाएगा. सरकार 5-जी सेवाओं को मजबूत करने के लिए संबंधित प्राधिकारियों के साथ भी मामला पर विचार-विमर्श करेगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए सरकार द्वारा पर्याप्त बजट प्रावधान किया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को सरल और सुगम सेवाएं उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत सरकार की लगभग सभी जनहित सेवाएं आज ऑनलाइन उपलब्ध हैं और मौजूदा लोक मित्र केंद्रों के माध्यम से लोग इन सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं. सरकार द्वारा लोकमित्र केंद्रों के नेटवर्क को और सुदृढ़ करने पर बल दिया जा रहा है. इनके माध्यम से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र, राजस्व रिकॉर्ड, बोनाफाइड हिमाचली प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के लिए पंजीकरण, परीक्षा फॉर्म भरने और ऑनलाइन नौकरी के आवेदन जैसी सेवाओं में दक्षता सुनिश्चित की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल उत्तरदायी, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन प्रदान करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. उन्होंने कहा कि सरकार ने स्टेट डाटा सेंटर को उन्नत करने का भी निर्णय लिया है. इसके माध्यम से विकास और कल्याण से संबंधित जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध होगी.

सरकार अगले चाह माह में एकीकृत डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली बनाएगी: मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चार माह में एक 'एकीकृत डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली' बनाई जाएगी. इस प्रणाली का उपयोग कृषि, पशुपालन, श्रम और रोजगार सहित विभिन्न विभागों की कल्याणकारी योजनाओं के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की मैपिंग के लिए किया जाएगा. इसके बाद इस उपलब्ध जानकारी का उपयोग कल्याणकारी कार्यक्रमों और विकासात्मक योजनाओं को प्रभावी बनाने के लिए किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 'हिम परिवार' नामक एक रजिस्ट्री स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. इस प्लेटफॉर्म के अन्तर्गत एक ही जगह पारिवारिक डेटा को शामिल किया जाएगा. 'हिम परिवार' के अन्तर्गत पीडीएस, ई-कल्याण और ऐसे अन्य पोर्टलों के डेटा का उपयोग करके परिवार के सदस्यों से संबंधित जानकारी एकीकृत की जाएगी. इसके तहत प्रत्येक लाभार्थी को एक विशिष्ट आईडी प्रदान की जाएगी और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ एक ही स्थान पर उपलब्ध होगा. लाभार्थियों को केवल एक बार आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे और इससे उन्हें बार-बार सरकारी कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी.

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Last Updated : Jul 5, 2023, 8:14 PM IST
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