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हिमाचल में ग्रीन हाइड्रोजन को मिलेगा बढ़ावा, नई पॉलिसी की रणनीति पर चल रहा काम: CM सुक्खू - Green hydrogen Use in Himachal Pradesh

हिमाचल सरकार प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन के इस्तेमाल को बढ़ावा देगी. इसके लिए सरकार एक ग्रीन हाइड्रोजन नीति तैयार कर रही है. इस नई नीति के तहत हिमाचल में बड़ी मात्रा में ग्रीन हाइड्रोजन को तैयार करने के साथ ही राज्य को एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा.

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Published : May 20, 2023, 4:47 PM IST

शिमला: हिमाचल सरकार राज्य में ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसी तैयार करने की रणनीति पर काम कर रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा राज्य सरकार एक नई ग्रीन हाइड्रोजन नीति बना रही है. जिसका उद्देश्य ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग को बढ़ावा देना और राज्य को इसके उत्पादन के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना है.

सीएम सुक्खू ने कहा पर्याप्त धूप, पानी और हवा सहित नवीकरणीय ऊर्जा के प्रचुर संसाधन उपलब्ध होने से हिमाचल हरित हाइड्रोजन उत्पन्न करने के लिए एक आदर्श स्थल है. सीएम ने कहा इस नीति का प्राथमिक उद्देश्य बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश आकर्षित करना है. ताकि इलेक्ट्रोलिसिस के लिए ग्रीन विद्युत की रेगुलर और सस्टेनेबल सप्लाई सुनिश्चित की जा सके.

उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश का लक्ष्य ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना है. इससे न केवल जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में योगदान सुनिश्चित होगा, बल्कि राज्य सत्तत विकास में भी अग्रणी बनाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की दिशा में प्रयासों को बल देते हुए राज्य सरकार ने हाल ही ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है.

सीएम सुखविंदर ने कहा इससे पायलट आधार पर ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया का उत्पादन संभव होगा. इसके अलावा, सरकार युवा उद्यमियों को राज्य में निवेश के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही है. नई ग्रीन ऊर्जा नीति में उनकी भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए विभिन्न प्रावधान शामिल होंगे.

सीएम ने कहा ऑयल इंडिया लिमिटेड कंपनी ने हिमाचल प्रदेश में एक प्लांट स्थापित करने में भी रुचि दिखाई है, जो ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा और इसे ई-इथेनॉल में परिवर्तित किया जाएगा. सरकार की पहल के अनुरूप इस वैकल्पिक ईंधन को सीधे पेट्रोल के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के निवेश और प्रयास न केवल ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में सहायक होंगे बल्कि राज्य में क्लीन मोबिलिटी के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
ये भी पढ़ें: विक्रमादित्य सिंह ने भूतनाथ ब्रिज का किया निरीक्षण, जल्द शुरू होगा वाहनों की आवाजाही

मुख्यमंत्री ने कहा इन महत्वाकांक्षी पहलों के अलावा, एनएचपीसी (नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन) चंबा जिले में पायलट आधार पर एक ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी प्रोजेक्ट भी स्थापित कर रही है. इस परियोजना में एक समर्पित सौर संयंत्र, हाइड्रोजन उत्पादन के लिए एक इलेक्ट्रोलाइजर यूनिट और एक डिस्पेंसर के साथ एक हाइड्रोजन स्टोरेज सिस्टम की सुविधा उपलब्ध होगी. इस परियोजना के लिए चंबा जिले के मोहाल मोनखरी में भूमि चिन्हित की गई है. इस प्लांट के कार्यशील होने के बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा हाइड्रोजन चालित बसों के संचालन की योजना तैयार की जा रही है.

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और इसे प्रोत्साहित करने से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में राज्य का महत्वपूर्ण योगदान होगा. इसके अलावा, यह स्थायी आर्थिक विकास के अवसर सृजित करेगा. इससे हिमाचल स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा पहलों के लिए एक आदर्श राज्य के रूप में उभरेगा.

शिमला: हिमाचल सरकार राज्य में ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसी तैयार करने की रणनीति पर काम कर रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा राज्य सरकार एक नई ग्रीन हाइड्रोजन नीति बना रही है. जिसका उद्देश्य ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग को बढ़ावा देना और राज्य को इसके उत्पादन के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना है.

सीएम सुक्खू ने कहा पर्याप्त धूप, पानी और हवा सहित नवीकरणीय ऊर्जा के प्रचुर संसाधन उपलब्ध होने से हिमाचल हरित हाइड्रोजन उत्पन्न करने के लिए एक आदर्श स्थल है. सीएम ने कहा इस नीति का प्राथमिक उद्देश्य बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश आकर्षित करना है. ताकि इलेक्ट्रोलिसिस के लिए ग्रीन विद्युत की रेगुलर और सस्टेनेबल सप्लाई सुनिश्चित की जा सके.

उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश का लक्ष्य ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना है. इससे न केवल जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में योगदान सुनिश्चित होगा, बल्कि राज्य सत्तत विकास में भी अग्रणी बनाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की दिशा में प्रयासों को बल देते हुए राज्य सरकार ने हाल ही ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है.

सीएम सुखविंदर ने कहा इससे पायलट आधार पर ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया का उत्पादन संभव होगा. इसके अलावा, सरकार युवा उद्यमियों को राज्य में निवेश के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही है. नई ग्रीन ऊर्जा नीति में उनकी भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए विभिन्न प्रावधान शामिल होंगे.

सीएम ने कहा ऑयल इंडिया लिमिटेड कंपनी ने हिमाचल प्रदेश में एक प्लांट स्थापित करने में भी रुचि दिखाई है, जो ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा और इसे ई-इथेनॉल में परिवर्तित किया जाएगा. सरकार की पहल के अनुरूप इस वैकल्पिक ईंधन को सीधे पेट्रोल के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के निवेश और प्रयास न केवल ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में सहायक होंगे बल्कि राज्य में क्लीन मोबिलिटी के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
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मुख्यमंत्री ने कहा इन महत्वाकांक्षी पहलों के अलावा, एनएचपीसी (नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन) चंबा जिले में पायलट आधार पर एक ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी प्रोजेक्ट भी स्थापित कर रही है. इस परियोजना में एक समर्पित सौर संयंत्र, हाइड्रोजन उत्पादन के लिए एक इलेक्ट्रोलाइजर यूनिट और एक डिस्पेंसर के साथ एक हाइड्रोजन स्टोरेज सिस्टम की सुविधा उपलब्ध होगी. इस परियोजना के लिए चंबा जिले के मोहाल मोनखरी में भूमि चिन्हित की गई है. इस प्लांट के कार्यशील होने के बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा हाइड्रोजन चालित बसों के संचालन की योजना तैयार की जा रही है.

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और इसे प्रोत्साहित करने से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में राज्य का महत्वपूर्ण योगदान होगा. इसके अलावा, यह स्थायी आर्थिक विकास के अवसर सृजित करेगा. इससे हिमाचल स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा पहलों के लिए एक आदर्श राज्य के रूप में उभरेगा.

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