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राजकीय अध्यापक संघ ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले स्वागत, CM से की शिक्षकों को जल्द नियमित करने की अपील

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से टीए, पैरा और पैट शिक्षकों के नियमितीकरण की प्रकिया को जल्द से जल्द पूरा करने की अपील की है.

Himachal Government Teachers Association
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले स्वागत.
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Published : Apr 18, 2020, 9:04 PM IST

शिमला: प्रदेश के 15 हजार के करीब शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लिए गए फैसले का हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने स्वागत किया है. संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने शिक्षकों के हक में आए इस फैसले के लिए पीटीए, पैरा ओर पैट शिक्षकों को बधाई दी हैं. उन्होंने कहा की कई सालों से यह शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंतित थे और अपने नियमितीकरण की राह तक रहे थे. यह उनके संघर्ष का ही नतीजा है कि आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला शिक्षकों के हक में लिया है.

वीरेंद्र चौहान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी अपील की कि वह पीटीए, पैरा और पैट शिक्षकों के नियमितीकरण की प्रकिया को जल्द से जल्द पूरा करें, जिससे कि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके. यह सभी शिक्षक प्रदेश के दूरदराज के दुर्गम क्षेत्रों में बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेवारी संभाले हुए है. कई सालों से कोर्ट में शिक्षक अपने नियमितीकरण को लेकर लड़ाई लड़ रहे थे, जो अब पूरी हुई है.

बता दें कि प्रदेश के 15 हजार पीटीए, पैरा, पैट शिक्षकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इन शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया है और इन शिक्षकों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं रद्द कर दी है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से 9 दिसंबर 2014 को मामले पर हिमाचल हाइकोर्ट की ओर से दिए गए फैसले को ही बरकरार रखा है. हाईकोर्ट ने 9 दिसंबर 2014 को प्रदेश के अस्थाई शिक्षकों के हक में फैसला सुनाते हुए सभी पीटीए, पैरा और पैट शिक्षकों को प्रदेश सरकार की ओर से दिसंबर 2014 में नियमित किए गए पैरा टीचर्स की तर्ज पर ही नियमित करने के आदेश जारी किए थे.

शिमला: प्रदेश के 15 हजार के करीब शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लिए गए फैसले का हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने स्वागत किया है. संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने शिक्षकों के हक में आए इस फैसले के लिए पीटीए, पैरा ओर पैट शिक्षकों को बधाई दी हैं. उन्होंने कहा की कई सालों से यह शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंतित थे और अपने नियमितीकरण की राह तक रहे थे. यह उनके संघर्ष का ही नतीजा है कि आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला शिक्षकों के हक में लिया है.

वीरेंद्र चौहान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी अपील की कि वह पीटीए, पैरा और पैट शिक्षकों के नियमितीकरण की प्रकिया को जल्द से जल्द पूरा करें, जिससे कि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके. यह सभी शिक्षक प्रदेश के दूरदराज के दुर्गम क्षेत्रों में बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेवारी संभाले हुए है. कई सालों से कोर्ट में शिक्षक अपने नियमितीकरण को लेकर लड़ाई लड़ रहे थे, जो अब पूरी हुई है.

बता दें कि प्रदेश के 15 हजार पीटीए, पैरा, पैट शिक्षकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इन शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया है और इन शिक्षकों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं रद्द कर दी है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से 9 दिसंबर 2014 को मामले पर हिमाचल हाइकोर्ट की ओर से दिए गए फैसले को ही बरकरार रखा है. हाईकोर्ट ने 9 दिसंबर 2014 को प्रदेश के अस्थाई शिक्षकों के हक में फैसला सुनाते हुए सभी पीटीए, पैरा और पैट शिक्षकों को प्रदेश सरकार की ओर से दिसंबर 2014 में नियमित किए गए पैरा टीचर्स की तर्ज पर ही नियमित करने के आदेश जारी किए थे.

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