शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट में एसएमसी मामले को लेकर फिर से सरकार के आवेदन पर सुनवाई हुई. सरकार ने हाईकोर्ट से फैसले पर अमल के लिए अतिरिक्त समय की मांग की है.
सरकार का कहना है कि एसएमसी अध्यापक दुर्गम क्षेत्रों में कोरोना काल के दौरान भी निर्बाध सेवाएं दे रहे हैं. इसलिए मौजूदा कोरोना संकट को देखते हुए इनकी सेवाएं फिलहाल जरूरी हैं. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि इन अध्यापकों को बड़े समय से कोरोना महामारी के दौरान के समय की सैलरी भी नहीं दी गई है.
सरकार ने उन अध्यापकों को सैलरी देने की इज्जाजत भी कोर्ट से मांगी जिसे अस्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि एसएमसी अधयापकों की नियुक्तियों के खिलाफ दिए फैसले के दृष्टिगत सरकार को यह इज्जाजत नहीं दी जा सकती अन्यथा इसका यह मतलब होगा कि कोर्ट ने इनकी नियुक्तियों को जायज ठहरा दिया.
इन नियुक्तियों को चुनौती देने वाले प्रार्थियों की ओर से बताया गया कि यह बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि वीरवार को सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि यही मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है और अगली सुनवाई 8 अक्तूबर को होनी है.
कोर्ट में सरकार की ओर से बताया गया कि वह भी सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने वाली है. इस कारण हाईकोर्ट ने सरकार के आवेदन पर सुनवाई 12 अक्तूबर के लिए टाल दी.