शिमला: नए प्रोटोकॉल के अनुसार अब दो वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बच्चों को कोविड अनुरूप व्यवहार जैसे बार-बार हाथ धोने और कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखने का पालन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए. 5 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बच्चों को घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए.
बच्चों में व्यस्कों के समान लक्षण
प्रदेश सरकार की ओर से जारी प्रोटोकॉल के अनुसार अब सामान्य स्वस्थ बच्चों की अपेक्षा कुपोषण, विशेष रूप से सक्षम, एचआईवी, हृदय, किडनी व लीवर आदि जैसी बीमारियों से पीड़ित बच्चों को कोविड-19 का अधिक खतरा होता है. बच्चों में व्यस्कों के समान ही कोविड के लक्षण पाए जाते हैं, जिनमें बुखार, ठंड लगना, खांसी, नाक बंद होना या नाक बहना, स्वाद में कमी या सांस लेने में कठिनाई, दस्त लगना और भूख कम होना शामिल हैं.
डाॅक्टर को दिखाना आवश्यक
ऐसे कोई लक्षण पाए जाने पर बच्चों को डाॅक्टर को दिखाना आवश्यक होता है, यदि कोई बच्चा कोविड पाॅजिटिव पाया जाता है और डाॅक्टर उसे होम आइसोलेशन की सलाह दी जाती है, तो ऐसी स्थिति में माता-पिता को बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी मापदंडों की निगरानी करनी चाहिए, जिसमें बच्चों की श्वसन दर की दिन में 2 से 3 बार गणना करना, त्वचा के नीले पड़ने व हर 4 घंटे में पेशाब व ऑक्सीजन लेवल और शरीर के तापमान की जांच करना, 24 घंटे में तरल पदार्थ का सेवन करना, आहार लेना और आहार चार्ट बनाने के साथ-साथ बच्चे की गतिविधियों की जांच करते रहना शामिल है.
कैसे करें कोविड पॉजिटिव बच्चों की देखभाल?
माता-पिता को ऐसी स्थिति में घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि कोविड-19 पाॅजिटिव बच्चे की घर पर आसानी से देखभाल की जा सकती है. कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करते हुए माताओं को 2 वर्ष से कम आयु के बच्चों को स्तनपान करवाना जारी रखना चाहिए. पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों को होम आइसोलेशन के दौरान हमेशा मां या केयर टेकर के साथ रखना चाहिए.
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