शिमला: हिमाचल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने 3 मई को कैबिनेट की मीटिंग बुला ली है. इस बारे में औपचारिक रूप से सामान्य प्रशासन विभाग ने सूचना जारी कर दी है. एमसी शिमला चुनाव को लेकर कोड ऑफ कंडक्ट खत्म होते ही ये कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई है. दो मई को चुनाव में मतदान होगा और फिर चार मई को रिजल्ट निकलेगा. इस तरह मतदान व रिजल्ट के ऐन बीच में कैबिनेट होगी. सामान्य प्रशासन विभाग की सूचना के अनुसार कैबिनेट मीटिंग दोपहर बाद तीन बजे होगी.
इस कैबिनेट मीटिंग पर कर्मचारी वर्ग की खास नजर है. बैठक में राज्य सरकार ओपीएस की एसओपी को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है. इस समय पेंशन रूल्स ड्राफ्ट किए जा रहे हैं. एनपीएस का कंट्रीब्यूशन बंद करने का ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर सुखविंदर सिंह सरकार ने ओपीएस की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ाया है. अब पेंशन रूल्स ड्राफ्ट किए जा रहे हैं. अभी तक की डवलपमेंट को वित्त विभाग की तरफ से कैबिनेट में रखा जाएगा.
उल्लेखनीय है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को कांग्रेस हाईकमान ने कर्नाटक चुनाव प्रचार के लिए स्टार प्रचारक की सूची में रखा है.सीएम सुखविंदर सिंह चार मई के बाद कर्नाटक जाएंगे. ऐसे में उससे पहले कैबिनेट मीटिंग बुलाने से ये स्पष्ट है कि राज्य सरकार कोई बड़ा फैसला लेने जा रही है. वहीं, नगर निगम चुनाव में मतदान से ऐन पहले राज्य सरकार ने डीए जारी करने से संबंधित अधिसूचना जारी की है. इस तरह अब सरकार के पास ओपीएस के पेंशन रूल्स ड्राफ्ट को फाइनल करने का बड़ा फैसला बाकी बचता है.
इससे पूर्व कैबिनेट मीटिंग में राज्य सरकार ने ओपीएस की एसओपी यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर वाले ड्राफ्ट को स्वीकृति दे दी है, लेकिन इसमें कुछ संशोधन कर फिर से कैबिनेट के समक्ष भी लाया जा सकता है. ये भी संभव है कि एसओपी का ड्राफ्ट अंतिम रूप से फाइनल कर उसे मंजूरी दे दी जाए. उसके बाद फिर एसओपी से जुड़ी अधिसूचना का काम ही बाकी रह जाएगा. राज्य सरकार ने अनुबंध कर्मियों को दो साल की सेवा के बाद नियमित करने का फैसला लिया है. इसकी अधिसूचना भी जारी हो सकती है.
स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के मसले पर हाल ही में विवाद हुआ था. सरकार की मंशा दुर्गम स्कूलों में अस्थायी अध्यापकों की तैनाती की थी, लेकिन जिस तरह से विरोध के स्वर उठे हैं, उससे खुद सीएम को सामने आकर सफाई देनी पड़ी है. इस मामले में भी कैबिनेट विचार करेगी. इसके अलावा वाटर सेस को लेकर कैसे आगे बढ़ना है, इस पर कैबिनेट में नए सिरे से चर्चा होगी. जल शक्ति विभाग इस विषय पर कैबिनेट में अपनी विभागीय तैयारी का ब्यौरा दे सकता है. फिलहाल, वित्त विभाग, जल शक्ति विभाग व शिक्षा विभाग की तरफ से अपने एजेंडे तैयार किए जा रहे हैं.
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