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हिमाचल की पहली 'डॉक्टर ऑन व्हील चेयर' बनेंगी निकिता चौधरी, कहानी आपको अंदर से मोटिवेट कर देगी

Himachal First Wheel Chair Doctor Nikita Chaudhary: निकिता चौधरी हिमाचल की पहली व्हील चेयर वाली डॉक्टर बनेंगी. निकिता चौधरी का जीवन काफी चुनौतियों से भरा है. चलने फिरने में असमर्थ निकिता को दैनिक दिनचर्या के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन अब वे 2028 तक हिमाचल की पहली... पढ़ें पूरी खबर...

Himachal First Wheel Chair Doctor Nikita Chaudhary
निकिता चौधरी को सम्मानित करते हुए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल.
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 15, 2023, 7:41 PM IST

Updated : Dec 15, 2023, 10:28 PM IST

निकिता चौधरी

शिमला: हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां की रहने वाली निकिता चौधरी प्रदेश की पहली 'डॉक्टर ऑन व्हील चेयर' बनने जा रही हैं. साल 2022 में पहले ही अटेम्प्ट में निकिता चौधरी ने NEET की परीक्षा पास की और बता दिया कि दिव्यांगता कोई अभिशाप नहीं है. 19 साल की निकिता चौधरी टांडा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं. निकिता चौधरी व्हील चेयर पर रहकर ही अपना सारा काम करती हैं. व्हील चेयर पर ही वे रोजाना पढ़ाई के लिए भी टांडा मेडिकल कॉलेज जाती हैं. साल 2028 तक निकिता की पढ़ाई खत्म होगी और वे हिमाचल प्रदेश की पहली 'डॉक्टर ऑन व्हील चेयर' बन जाएंगी.

'दिव्यांग होने की वजह से नहीं मिली थी एडमिशन': टांडा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना भी उनके लिए आसान नहीं रहा. निकिता की दिव्यांगता की वजह से मेडिकल कॉलेज ने उन्हें पहले एडमिशन देने से इनकार कर दिया. बाद में निकिता को यह लड़ाई हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में जाकर लड़नी पड़ी.

डॉक्टर ने दी थी IAS बनने की सलाह: हिमाचल प्रदेश की पहली 'डॉक्टर ऑन व्हील चेयर' बनने जा रही निकिता चौधरी ने बताया कि जब उन्होंने टांडा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए अप्लाई किया, तो वहां एक डॉक्टर ने उन्हें आईएएस बनने की सलाह दी. इस पर निकिता ने सोचा कि अगर वह खुद को ही न्याय नहीं दिलवा पा रही हैं, तो IAS बनकर भी लोगों के साथ कैसे न्याय करेंगी? इसके बाद उन्होंने ठानी कि उन्हें हर हाल में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेकर डॉक्टर बनना है.

दिव्यांगों से निकिता चौधरी की अपील: हिमाचल प्रदेश में दिव्यांग मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव का निकिता के जीवन में अहम योगदान रहा. प्रो. अजय श्रीवास्तव ने निकिता को एडमिशन दिलवाने की कानूनी लड़ाई लड़ी और अब भी वे पूरे परिवार के सदस्य की तरह निकिता का साथ दे रहे हैं. निकिता चौधरी ने कहा कि अगर ठान लिया जाए, तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है. उन्होंने अन्य दिव्यांग बच्चों से भी अपील की है कि वह डरकर घर पर न बैठें और समाज में अपना नाम बनाने के लिए डटकर हर चुनौती का सामना करें.

प्रेरणा स्रोत बन निकिता चौधरी: निकिता चौधरी चाहती हैं कि प्रदेश में दिव्यांगों के लिए एक्सेसिबिलिटी को बेहतर किया जाए, ताकि दिव्यांगों को परेशानी न हो. निकिता चाहती हैं कि उन्हें भी समाज में वही जगह मिले, जो हर किसी को मिल रही है. लोगों को न तो दुरूख जाहिर करने की जरूरत है और न ही दया दिखाने की जरूरत है तो सिर्फ समाज में उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सहयोग की. पहाड़ जैसे जज्बे वाली पहाड़ी राज्य की रहने वाली निकिता चौधरी आज हर किसी के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं.

ये भी पढ़ें- जयराम ठाकुर बड़े परेशान व्यक्तित्व हैं, सीएम सुक्खू ने अभी प्रदेश से बाहर पांव नहीं निकाला और टिप्पणियां शुरू कर दी- मुकेश अग्निहोत्री

निकिता चौधरी

शिमला: हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां की रहने वाली निकिता चौधरी प्रदेश की पहली 'डॉक्टर ऑन व्हील चेयर' बनने जा रही हैं. साल 2022 में पहले ही अटेम्प्ट में निकिता चौधरी ने NEET की परीक्षा पास की और बता दिया कि दिव्यांगता कोई अभिशाप नहीं है. 19 साल की निकिता चौधरी टांडा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं. निकिता चौधरी व्हील चेयर पर रहकर ही अपना सारा काम करती हैं. व्हील चेयर पर ही वे रोजाना पढ़ाई के लिए भी टांडा मेडिकल कॉलेज जाती हैं. साल 2028 तक निकिता की पढ़ाई खत्म होगी और वे हिमाचल प्रदेश की पहली 'डॉक्टर ऑन व्हील चेयर' बन जाएंगी.

'दिव्यांग होने की वजह से नहीं मिली थी एडमिशन': टांडा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना भी उनके लिए आसान नहीं रहा. निकिता की दिव्यांगता की वजह से मेडिकल कॉलेज ने उन्हें पहले एडमिशन देने से इनकार कर दिया. बाद में निकिता को यह लड़ाई हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में जाकर लड़नी पड़ी.

डॉक्टर ने दी थी IAS बनने की सलाह: हिमाचल प्रदेश की पहली 'डॉक्टर ऑन व्हील चेयर' बनने जा रही निकिता चौधरी ने बताया कि जब उन्होंने टांडा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए अप्लाई किया, तो वहां एक डॉक्टर ने उन्हें आईएएस बनने की सलाह दी. इस पर निकिता ने सोचा कि अगर वह खुद को ही न्याय नहीं दिलवा पा रही हैं, तो IAS बनकर भी लोगों के साथ कैसे न्याय करेंगी? इसके बाद उन्होंने ठानी कि उन्हें हर हाल में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेकर डॉक्टर बनना है.

दिव्यांगों से निकिता चौधरी की अपील: हिमाचल प्रदेश में दिव्यांग मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव का निकिता के जीवन में अहम योगदान रहा. प्रो. अजय श्रीवास्तव ने निकिता को एडमिशन दिलवाने की कानूनी लड़ाई लड़ी और अब भी वे पूरे परिवार के सदस्य की तरह निकिता का साथ दे रहे हैं. निकिता चौधरी ने कहा कि अगर ठान लिया जाए, तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है. उन्होंने अन्य दिव्यांग बच्चों से भी अपील की है कि वह डरकर घर पर न बैठें और समाज में अपना नाम बनाने के लिए डटकर हर चुनौती का सामना करें.

प्रेरणा स्रोत बन निकिता चौधरी: निकिता चौधरी चाहती हैं कि प्रदेश में दिव्यांगों के लिए एक्सेसिबिलिटी को बेहतर किया जाए, ताकि दिव्यांगों को परेशानी न हो. निकिता चाहती हैं कि उन्हें भी समाज में वही जगह मिले, जो हर किसी को मिल रही है. लोगों को न तो दुरूख जाहिर करने की जरूरत है और न ही दया दिखाने की जरूरत है तो सिर्फ समाज में उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सहयोग की. पहाड़ जैसे जज्बे वाली पहाड़ी राज्य की रहने वाली निकिता चौधरी आज हर किसी के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं.

ये भी पढ़ें- जयराम ठाकुर बड़े परेशान व्यक्तित्व हैं, सीएम सुक्खू ने अभी प्रदेश से बाहर पांव नहीं निकाला और टिप्पणियां शुरू कर दी- मुकेश अग्निहोत्री

Last Updated : Dec 15, 2023, 10:28 PM IST
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